काला हिरण शिकार मामलाः सलमान खान की जमानत याचिका पर फैसला कल, आज भी रहना पड़ेगा जेल में
By पल्लवी कुमारी | Published: April 6, 2018 10:57 AM2018-04-06T10:57:58+5:302018-04-06T11:27:52+5:30
काले हिरण की हत्या मामले में अन्य आरोपी सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, नीलम और तब्बू को अदालत ने सबूतो के अभाव में बरी कर दिया गया था।
जोधपुर, 6 अप्रैल: काला हिरण शिकार मामले में सुपरस्टार सलमान खान की जमानत याचिका पर सुनवाई खत्म हो गई है।जोधपुर सेशन कोर्ट जमानत पर कल 7 अप्रैल को फैसला सुनाएगी। सलमान खान को आज रात जेल में ही बिताना होगा। जोधपुर कोर्ट ने सलमान खान के जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। संभवत सलमान को अब जमानत कल ही होगी। 7 अप्रैल को सुबह 10.30 से 11 बजे के बीच फैसला आ सकता है। कोर्ट में सुनवाई के वक्त सलमान की बहन अलवीरा और बॉडीगार्ड शैरा भी मौजूद रहे। फिलहाल सलमान को जोधपुर कोर्ट से सीधे फिर जोधपुर सेंट्रल जेल में ले जाया जा रहा है। सलमान की बहन अलवीरा भी सलमान से मिलने जेल के लिए रवाना हो चुकी हैं।
सरकारी वकील का कोर्ट में कहना है कि सलमान को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। आज सुनवाई के वक्त उन्होंने इसी बात पर जोर दिया है कि सलमान को किसी हाल में बेल नहीं मिलनी चाहिए। वहीं, सलमान के वकील महेश वोरा का कहना है कि जिस बंदूक से हिरण पर हमला हुआ था, वह सलमान के रूम से नहीं मिला था और जिप्सी जिससे सारे कलाकार शिकार के लिए गए थे, उसकी रिकवरी पर भी सवाल बना हुआ है।
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जोधपुर की स्थानीय अदालत ने काले हिरण के शिकार के लिए अभिनेता सलमान खान को पाँच साल कारावास की सजा सुनायी है। काले हिरण की हत्या मामले में अन्य आरोपी सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, नीलम और तब्बू को अदालत ने सबूतो के अभाव में बरी कर दिया गया था। सलमान खान के वकील ने सेशन कोर्ट में पहले ही जमानत याचिका दायर कर दी थी।
सलमान को जोधपुर सेंट्रल जेल में रखा गया था। वह जेल में कैदी नंबर-106 थे और उन्हें बैरक नंबर 2 में रखा गया है। इस मामले में जेल प्रशासन ने बताया कि, उनकी सुरक्षा का पूरा खयाल रखा गया था। उन्होंने अलग से कोई मांग नहीं की थी। वहीं पीटीआई की खबर के मुताबिक सलमान खान को जेल खाने में दाल रोटी दी गई थी। जिसको उन्होंने खाने से इंकार कर दिया था।
क्या था मामला
साल 1998 के अक्टूबर में जोधपुर में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग हो रही थी। आरोप के मुताबिक शूटिंग के दौरान सलमान अपने साथी कलाकारों के साथ जोधपुर में शिकार खेलने गए। जहां साथी कलाकारों के उकसाने के बाद सलमान ने चिंकारा और काले हिरणों का शिकार किया। सलमान पर आरोप यह भी है कि जिन हथियारों से शिकार किया गया उसका लाइसेंस पहले ही खत्म हो चुका था। विश्नोई समाज के लोगों के विरोध के बाद 15 अक्टूबर 1998 को सलमान खान और उनके साथी कलाकारों के खिलाफ वन विभाग ने जोधपुर में चार केस दर्ज कराए। चार केस में तीन काले हिरण के शिकार को लेकर है, वहीं एक केस आर्म्स एक्ट के तहत हुआ था। सलमान पर हिरणों को गोली मारने का और सैफ समेत तीनों एक्ट्रेस पर उन्हें उकसाने का आरोप है।
सलमान खान पर काले हिरण के शिकार मामले में चली मुकदमे की टाइमलाइन
-2 अक्टूबर, 1998- बिश्नोई गांव के लोगों ने सलमान खान और हम साथ साथ हैं के उनके को-ऐक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज करवाया था।
इस केस में सात लोगों पर केस दर्ज हुआ था- सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे बेहल, दुष्यंत सिंह, दिनेश गावरे।
12 अक्टूबर 1998- सलमान खान को विलुप्तप्राय जानवरों के शिकार के आरोप में गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई।
9 नवंबर 2000- सीजीएम कोर्ट के तहत केस आया।
10 अप्रैल 2006: ट्रायल कोर्ट ने वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन ऐक्ट के तहत चिंकारा शिकार के केस में सलमान को दोषी ठहराया। उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
31 अगस्त 2007: राजस्थान हाई कोर्ट ने चिंकारा शिकार मामले में सलमान को 5 साल की सजा सुनाई। एक हफ्ते बाद सलमान की अपील पर यह सजा सस्पेंड कर दी गई। इसके बाद सलमान को एक हफ्ते के लिए जोधपुर जेल में बिताना पड़ा। बाद में हाई कोर्ट ने आर्म्स ऐक्ट के केस में भी सलमान को बरी कर दिया।
24 जुलाई 2012: राजस्थान हाई कोर्ट की बेंच ने काले हिरण के शिकार मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। जिसके बाद मामले में ट्रायल की राह खुली।
23 मार्च 2013: ट्रायल कोर्ट में सभी आरोपियों पर मामला दर्ज हुआ।
23 मई 2013: चीफ जूडिशियल ने ट्रायल कोर्ट में सुनवाई शुरू की। सरकारी वकीलों ने 28 गवाह पेश किए।
9 जुलाई 2014: राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सलमान खान को नोटिस जारी किया। राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत सलमान की सजा को सस्पेंड किया गया था।
25 जुलाई 2016: राजस्थान हाई कोर्ट ने घोड़ा फार्म हाउस और भवाद गांव चिंकारा शिकार केस में सलमान खान को बरी कर दिया। हाई कोर्ट का कहना था कि सबूतों के अभाव में ऐसा किया गया था। कोर्ट ने कहा इसके सबूत नहीं हैं कि सलमान की लाइसेंसी बंदूक से ही शिकार किया गया।
19 अक्टूबर 2016: राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
11 नवंबर 2016: राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई को फास्ट ट्रैक करने के राजी हो गया।
13 जनवरी 2017- ट्रायल कोर्ट में सारी प्रक्रिया पूरी हुई।
27 जनवरी 2017- सारे आरोपियों के कोर्ट में बयान रिकॉर्ड करने के लिए बुलाया गया था।
13 सितंबर 2017- सरकारी पक्ष के द्वारा ट्रायल कोर्ट में फाइनल बहस की गई।
15 फरवरी 2017: सलमान खान के वकील ने सबूत पेश करने से इनकार कर दिया। इससे पहले 27 जनवरी को बयान की रिकॉर्डिंग के दौरान सलमान खान ने खुद को निर्दोष बताते हुए सबूत पेश करने की इच्छा जताई थी। बाद में उनके वकील ने कहा कि सबूत पेश करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें बेकसूर बताए जाने वाले सारे सबूत कोर्ट में पहले ही पेश किए जा चुके हैं।
28 अक्टूबर, 2017- फाइनस बहस सलमान खान और बाकी आरोपियों के वकीलों से पेश की।
28 मार्च 2018: इस मामले में ट्रायल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।
5 अप्रैल 2018- जोधपुर कोर्ट ने सलमान खान को दोषी करार दिया और 5 साल की सजा सुनाई। बाकी सारे आरोपियों सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे को बरी कर दिया गया है।