Ram Gopal Varma: ‘चेक बाउंस’ मामले में राम गोपाल वर्मा के खिलाफ गैर जमानती वारंट?, जानें कारण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 6, 2025 14:42 IST2025-03-06T14:41:46+5:302025-03-06T14:42:52+5:30
Ram Gopal Varma: अदालत ने फिल्मकार को तीन महीने की सजा सुनाई थी और उन्हें तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता को 3,72,219 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया था।

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Ram Gopal Varma: मुंबई की एक सत्र अदालत ने ‘चेक बाउंस’ मामले में जेल की सजा निलंबित करने की फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा की याचिका खारिज करते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इससे पहले, 21 जनवरी को अंधेरी में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) वाई पी पुजारी ने वर्मा को परक्राम्य लिखत अधिनियम के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया था। अदालत ने फिल्मकार को तीन महीने की सजा सुनाई थी और उन्हें तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता को 3,72,219 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया था।
फिल्म निर्माता ने बाद में सत्र न्यायालय में याचिका दायर कर सजा को निलंबित किए जाने का अनुरोध किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए ए कुलकर्णी ने चार मार्च को याचिका खारिज कर दी और राम गोपाल वर्मा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया, क्योंकि वह अदालत में पेश नहीं हुए। वारंट के निष्पादन के लिए मामले को 28 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी अदालत में पेश होने के बाद जमानत के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र है। वर्मा के खिलाफ 2018 में एक कंपनी ने ‘चेक बाउंस’ होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता की कंपनी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता राजेश कुमार पटेल ने अदालत में एक हलफनामा पेश किया था।
जिसमें कहा गया था कि कंपनी पिछले कई साल से ‘हार्ड डिस्क’ उपलब्ध कराने का व्यवसाय कर रही है। हलफनामे में कहा गया था कि कंपनी ने आरोपी के अनुरोध पर फरवरी 2018 और मार्च 2018 के बीच ‘हार्ड डिस्क’ उपलब्ध कराई थी, जिसके बाद 2,38,220 रुपये की कर चालान राशि जारी की गई थी।
हलफनामे के अनुसार, आरोपी ने उस वर्ष एक जून को शिकायतकर्ता को एक चेक जारी किया, जो अपर्याप्त धनराशि के कारण बाउंस हो गया, जबकि उसी राशि का दूसरा चेक भी "भुगतानकर्ता द्वारा रोके जाने" के कारण बाउंस हो गया। हलफनामे में कहा गया है कि शिकायतकर्ता के पास कानूनी कदम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।