फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री पाने की ख्वाहिश लेकर घूमने वाले कलाकारों के लिए खुशखबरी, पढ़ें पूरी खबर

By भाषा | Published: August 15, 2020 02:44 PM2020-08-15T14:44:54+5:302020-08-15T14:44:54+5:30

रतुड़ी ने कहा, ‘‘हमारा ऐप छह महीने के भीतर बाजार में पेश किया जायेगा। इसमें भारतीय भाषाओं में बने और विदेशों में चर्चित हुए उन वृत्तचित्र (डाक्यूमेन्टरी) को भी प्रदर्शित किया जायेगा जिन्हें भारतीय दर्शक देख नहीं पाते।’’

popularity of digital media such as Amazon Prime Video and Netflix has increased | फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री पाने की ख्वाहिश लेकर घूमने वाले कलाकारों के लिए खुशखबरी, पढ़ें पूरी खबर

(फाइल फोटो)

Highlightsकोविड-19 महामारी के बाद के दौर में क्षेत्रीय सिनेमा को देखने से वंचित हुए सिनेमा प्रेमियों को यह वेबसाइट उनकी पसंदीदा भारतीय भाषाओं में बनी फिल्में देखने का अवसर देगी।वेबसाइट के संस्थापक के अनुसार नये फिल्मकारों को अपनी फिल्मों के प्रदर्शन के लिए अब मुख्यधारा के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निर्भर नहीं रहना होगा।

कोरोना वायरस के संकट के बीच और ‘अमेजॉन प्राइम वीडियो’ और ‘नेटफ्लिक्स’ जैसे डिजिटल माध्यमों की लोकप्रियता बढ़ने के साथ एक स्टार्टअप कंपनी ने नये फिल्म निर्माताओं और क्षेत्रीय भाषा के सिनेमा के लिए डिजिटल मंच मुहैया कराने की पहल की है। ‘सिनेमाप्रेन्योर डॉट कॉम’ वेबसाइट के जरिये फिल्मकार अपनी फिल्में प़्रदर्शित कर सकेंगे और टिकट बिक्री से होने वाले कमाई का कुछ हिस्सा भी उन्हें मिलेगा। वेबसाइट के संस्थापक के अनुसार नये फिल्मकारों को अपनी फिल्मों के प्रदर्शन के लिए अब मुख्यधारा के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर निर्भर नहीं रहना होगा।

‘सिनेमाप्रेन्योर डॉट कॉम’ के संस्थापक गौरव रतुड़ी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के बाद के दौर में क्षेत्रीय सिनेमा को देखने से वंचित हुए सिनेमा प्रेमियों को यह वेबसाइट उनकी पसंदीदा भारतीय भाषाओं में बनी फिल्में देखने का अवसर देगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वेबसाइट बहुत मामूली शुल्क पर उन क्षेत्रीय फिल्मों को दिखाएगी जिन्हें विदेशों में आयोजित होने वाले फिल्म फेस्टिवल्स में सम्मानित किया गया है।’’ रतुड़ी ने बताया, ‘‘हमने एक अगस्त को क्षेत्रीय भाषाओं की 25 फिल्मों के साथ इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत की जिसे दर्शकों की बेहतर प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है। हमारा विश्वास है कि साल के अंत तक हम फिल्मों की कुल संख्या 300 तक कर लेंगे।’’

रतुड़ी ने बताया कि उनके दिमाग में क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों के लिए ऐसे डिजिटल मंच की अवधारणा आयी जो कोरोना वायरस महामारी के बाद के दौर में दर्शकों के लिए मनोरंजन का अच्छा मंच बने। रतुड़ी ने कहा, ‘‘हमारा ऐप छह महीने के भीतर बाजार में पेश किया जायेगा। इसमें भारतीय भाषाओं में बने और विदेशों में चर्चित हुए उन वृत्तचित्र (डाक्यूमेन्टरी) को भी प्रदर्शित किया जायेगा जिन्हें भारतीय दर्शक देख नहीं पाते।’’

उनके मुताबिक इस प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली कुछ चर्चित क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों और वृत्तचित्रों में एसिड हमले पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘ब्यूटी आफ लाईफ’, मराठी फिल्म ‘कोंडण’, बांग्ला फिल्म ‘जान्हवी’, गिरीश कर्सावली की बायोग्राफी ‘लाईफ इन मेटाफर’, अंग्रेजी और मलयालम में बनी ‘मिसेज नांबियार’, न्यूयॉक इंडियन फिल्म फेस्टिवल में पिछले हफ्ते बेहतरीन लघु फिल्म का अवार्ड जीतने वाली फिल्म ‘अरेबियन नाईट’ और ‘द होली फिश’ जैसी चर्चित फिल्में व डॉक्यूमेन्ट्री शामिल हैं। 

Web Title: popularity of digital media such as Amazon Prime Video and Netflix has increased

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