PARMANU Trailer Review: क्या पोखरण परीक्षण में गोलियां चली थीं?
By खबरीलाल जनार्दन | Published: May 11, 2018 08:03 PM2018-05-11T20:03:27+5:302018-05-11T20:03:56+5:30
परमाणु में जॉन अब्राहम उस कहानी को लेकर आए हैं जिसको मई 11, 1998 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने छिपा ली थी।
मुंबई, 11 मईः मई 11, 1998 को जब दूरदर्शन पर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लाइव टेलीकास्ट की घोषणा हुई तो पता नहीं था वाजपेयी जी क्या बोलने वाले हैं। पहली बार प्रधानमंत्री अपने घर के दालान पर कुछ बोलने वाले थे। बगल में भारत का तिरंगा लहरा रहा था और मुस्कुराते हुए प्रमोद महाजन खड़े थे। जब वाजपेयी आये और बताया कि भारत ने 3.45 बजे परमाणु परीक्षण किए हैं तो सबके लिए चौंकाने वाली खबर थी। पर क्यों? ये परमाणु का ट्रेलर बता रहा है-
प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और भाभा अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉक्टर आर चिदंबरम ने बड़ी ही खुफिया तरीके इस मिशन को पूरा किया था। तब डॉक्टर कलाम का कोडवर्ड में नाम मेजर जनरल पृथ्वीराज था और डॉक्टर आर चिदंबरम का नाम नटराज था। जॉन अब्राहम इसी मिशन को लेकर इस बार पर्दे पर आ रहे हैं। मिशन का नाम था 'ऑपरेशन शक्ति'। लेकिन फिल्म का नाम है परमाणु-
भारत को अंदेशा था कि अगर परमाणु परीक्षण की भनक अमेरिका या पाकिस्तान को लग गई तो कई तरह के दबाव बनाए जाएंगे। ट्रेलर जॉन इसके बारे में बात भी कर रहे हैं। इसलिए भारतीय इंटेलिजेंस ने एक खुफिया प्लान बनाया। लेकिन एक दृश्य में यह भी दिख रहा है कि अमेरिकियों को इसका अंदेशा हो गया था। लेकिन छह भारतियों ने मिलकर मिशन को ऐसे अंजाम दिया कि अमेरिकी सैटेलाइट धरे-धरे के धरे रह गए।
2 मिनट 26 सेकेंड के ट्रेलर में काफी दमदार डॉयलग्स हैं। फिल्म को असली रूप देने के लिए बिल क्लिंटन, नवाज शरीफ, अब्दुल कलाम भी दिख रहे हैं। फिल्म का निर्देशन अभिषेक शर्मा ने किया है। फिल्म में डायना पेंटी, बोमन ईरानी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। लीड एक्टर जॉन अब्राहम हैं। उनके किरदार का नाम कैप्टर अशैत के किरदार में हैं। उन्हें आप राजीव गांधी असेसनेशन पर बनी फिल्म मद्रास कैफे में देख चुके हैं। 25 मई को परमाणु - द स्टोरी ऑफ पोखरण' में फिर से उसी कमाल की उम्मीद की जा रही है।
लेकिन एक सवाल उठता है कि क्या पोखरण के परीक्षण के वक्त ऐसे हालात बने थे कि ऑफिसर्स को गोलियां चलानी पड़ी थीं। जैसा कि ट्रेलर में जॉन करते दिख रहे हैं। अगर ऐसा फिल्म को रोमांचक करने के लिए किया गया था तो इसमें कल्पनाशीलता की उड़ान कितनी भरी गई है, यह बेहद संवदेनशील हो जाएगा। क्योंकि बाकी चीजों को उन्होंने भरसक असल कहानी की तरह कहने की कोशिश की है।