श्रीदेवी की मौत भारत के लिए हिला देने वाली थी। अचानक इसके बारे में सुनकर लोग हक्का-बक्का थे। ऐसे में भारतीय मीडिया ने लोगों की उत्सुकता के साथ खेला। पाकिस्तानी अखबार डॉन के पोर्टल ने पांच खास विंदुओं पर ध्यान खींचते हुए इंडियन मीडिया को लताड़ा है।
1) टीवी चैनलों ने मौत से जुड़े तथ्यों का इंतजार नहीं किया
पाकिस्तानी शीर्ष पोर्टल ने भारतीय टीवी चैनलों पर आरोप लगाया है कि श्रीदेवी की मौत से संबंधित जानकारियों को जाने बगैर रिपोर्टिंग की गई। शुरुआत में जब उनके 'कार्डियक अरेस्ट' से मौत की बात की जा रही थी तब टीवी चैनलों ने उनके स्वास्थ्य खराब होने और उनके लिप सर्जरी को लेकर लंबी-लंबी बहस की।
कुछ चैनलों ने इसे प्राइम टाइम डिस्कशन का मुद्दा बनाया कि कैसे लिप सर्जरी ने श्रीदेवी की जान ले ली। इसमें एक्सपर्ट बिठाए गए चैनलों ने पूरा विश्लेषण किया। जबकि टीवी चैनलों को श्रीदेवी की पोस्ट-मार्टम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था, जिसमें की उनकी मौत का कारण बेहोशी में घटी दुर्घटना बताया गया। जबकि लगातार इंडियन मीडिया से ऐसा ना करने की गुहार लगाई जाती रही।
2) इंडियन मीडिया ने उनकी मौत के दृश्य का काल्पनिक रूपांतर ठीक समझा
भारतीय मीडिया ने 54 वर्षीय शीर्ष अभिनेत्री के मौत के दृश्य का काल्पनिक रूपांतर करना ठीक समझा। उन्होंने सोचा कि कोई फोटो नहीं है तो कोई बात नहीं। अपने विश्लेषण के आधार पर भारत के शीर्ष मीडिया चैनलों ने काल्पनिक कोलाज बनाए। आज तक ने अपने रिपोर्टर को उस काल्पनिक बाथरूम भेजना उचित समझा। वहां से एंकर ने खबर पढ़ी और कार्यक्रम का नाम रखा गया- मौत का बाथटब।
सीएनएन न्यूज 18 ने फोटोशॉप की गई तस्वीर में श्रीदेवी को बाथटब में सुला दिया-
एक चैनल ने बाथटब पर वाइन का गिलास रखकर भी रिपोर्ट पढ़ी-
जबकि टीवी 9 तेलगू ने समझा कि बोनी कपूर को बिना बाथरूम में भेजे तस्वीर ठीक नहीं रहेगी
एबीपी न्यूज ने अपने दर्शकों से वायदा कि वे अपने दर्शकों को उस बाथरूम में ले चलेंगे, जिसमें श्रीदेवी की जिदंगी के आखिरी 15 मिनट दिखाया जाएगा।
बीते तीन दिनों में भारतीय टीवी चैनलों ने अति-सनसनी खबरें दिखाईं। उम्मीद है वे अपने ही दर्शकों की आलोचनाओं को गंभीरता से लेंगे।
3) बोनी कपूर से पुलिसिया पूछताछ पर गलत रिपोर्टिंग
दुबई में हुई मौत के बाद पारिवारिक सदस्यों से होने वाली आम पूछताछ को इंडियन मीडिया ने ऐसे प्रस्तुत किया जैसे किसी अपराधी से पूछताछ की गई हो। यहां तक उनके साथ हुई पूछताछ के घंटों को लेकर इंडियन मीडिया ने समझादी नहीं दिखाई। इंडिया मीडिया ने यहां तक लिखा कि उनसे 16-18 घंटे पूछताछ की गई। बल्कि उन्हें पूरी रात पुलिस स्टेशन में बिठाए रखा गया।
4) उनके नशा करने की आदतों पर विश्लेषण
जब फोरेंसिक रिपोर्ट में श्रीदेवी के खून में एक्लोहल का अंश पाया गया। टीवी ने स्वतः समझ लिया कि उन्होंने इतनी शराब पी ली थी कि होश गंवा बैठीं और बाथटब में जा गिरीं। उस वक्त वह इतनी भी होश में नहीं थी कि बाथटब से उठकर बाहर आ सकें। इंडियन मीडिया ने इस पर तत्काल उनके दोस्तों का साक्षात्कार करना शुरू किया। यह बताया जाने लगा कि वह वाइन पीती थीं या वोदका। कुछ चैनलों ने उनके बाथटब पर वाइन की गिलास रखकर दृश्य की कल्पना की। जबकि श्रीदेवी ने मौत से पहले शराब पी थी, इसका किसी के पास कोई सबूत नहीं था।
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5) श्रीदेवी की मौत पर कुछ बेहद अजीबोगरीब विश्लेषण किए गए
एक लेख में वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त का नोट प्रकाशित किया गया। इसमें उन्होंने इस ध्यान खींचा था कि कैसे एक टीवी एंकर ने श्रीदेवी के बाथटब में नहाने पर सवाल उठाए थे। वह यह चर्चा कर रही थीं कि कितनी अभिनेत्रियां बाथटब में नहाती हैं, कितनी अभिनेत्रियां शॉवर से नहाती हैं और कितनी बाल्टी में पानी भरकर। उनके मुताबिक भारत में शॉवर और बाल्टी से नहाने का चलन है। यहां लोग बाथटब में नहीं नहाते।
My View: हम पहले भी उत्साह में आकर ऐसी न्यूज कवरेज कर चुके हैं, जिनसे अनचाहे तौर पर ही आतंकियों को मदद हो गई। मुंबई ताज पर हमले में हमने लाइव सुरक्षा बलों की पोजिशनिंग बताई। इससे आतंकियों अपनी पोजिशनिंग बदल ली। इस मामले में हमने यही किया। अधिक दर्शकों तक पहुंचने की चाह में अंधे होकर एक प्रतिष्ठित महिला की मौत को तमाशा बनाया। दूसरे मुल्क की मीडिया ने इस पर ध्यान आकर्षित किया है। उम्मीद है इससे हम कुछ सीखेंगे। दोबारा ऐसा नहीं करेंगे।