कंगना रनौतः दफ्तर तोड़े जाने पर सवाल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- 'हरामखोर' पर जवाब दें शिवसेना सांसद संजय राउत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 28, 2020 07:33 PM2020-09-28T19:33:57+5:302020-09-28T19:33:57+5:30

न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ नौ सितंबर को बीएमसी द्वारा कंगना के बंगले के हिस्से को ध्वस्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेंद्र सर्राफ ने अदालत को बताया कि बीएमसी ने नोटिस का जवाब देने के लिए केवल 24 घंटे का समय दिया था।

Maharashtra Mumbai Kangana Ranaut Question demolitionoffice Bombay High Court Answer on 'Haramkhor' Shiv Sena MP Sanjay Raut | कंगना रनौतः दफ्तर तोड़े जाने पर सवाल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- 'हरामखोर' पर जवाब दें शिवसेना सांसद संजय राउत

सिर्फ एक क्लिप ही है जो पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। पूरा विडियो ट्रेस करने के प्रयास किए जा रहे हैं। (file photo)

Highlightsव्यक्ति विशेष के सरकार और सत्तारूढ़ दल के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बोलने से उन पर उत्पीड़न हुआ है। सच्चाई इससे थोड़ी अलग है। यह एक ऐसा मामला है जहां याचिकाकर्ता ने गैरकानूनी रूप से अवैध निर्माण किए हैं।कंगना ने वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने कंगना के 30 अगस्त से अब तक के सभी ट्वीट पेश कर दिए हैं।

मुंबईः बॉम्बे हाईकोर्ट में दफ्तर तोड़े पर तीखी बहस हुई। कोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना सांसद पर चर्चा की। कोर्ट की सुनवाई के दौरान विवादित शब्द 'हरामखोर' भी गूंजा। कोर्ट ने कहा कि संजय राउत को यह बताना होगा कि उन्होंने यह शब्द किसके लिए इस्तेमाल किया था। 

बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) से पूछा कि क्या उसने अनधिकृत निर्माण के अन्य मामलों में भी ‘इतनी ही तेजी’ से कार्रवाई की जितनी कि कंगना रनौत के बंगले के मामले की गई। न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति आर आई चागला की पीठ नौ सितंबर को बीएमसी द्वारा कंगना के बंगले के हिस्से को ध्वस्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेंद्र सर्राफ ने अदालत को बताया कि बीएमसी ने नोटिस का जवाब देने के लिए केवल 24 घंटे का समय दिया था।

सार्वजनिक रूप से बोलने से उन पर उत्पीड़न हुआ

बीएमसी के वकील ने कोर्ट में कहा, 'याचिका इस तरह से पेश की गई है जिससे लग रहा है कि व्यक्ति विशेष के सरकार और सत्तारूढ़ दल के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बोलने से उन पर उत्पीड़न हुआ है। सच्चाई इससे थोड़ी अलग है। यह एक ऐसा मामला है जहां याचिकाकर्ता ने गैरकानूनी रूप से अवैध निर्माण किए हैं।'

कंगना ने वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने कंगना के 30 अगस्त से अब तक के सभी ट्वीट पेश कर दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह संजय राउत का पूरा इंटरव्यू नहीं ढूंढ पाए। सिर्फ एक क्लिप ही है जो पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। पूरा विडियो ट्रेस करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

कंगना की सुनवाई में जस्टिस कथावाला ने इस बात पर ध्यान दिया कि एक केस में 4 सितम्बर को तोड़फोड़ करने का नोटिस दिया गया था और 8 सितम्बर को काम हुआ, दूसरे में 5 सितम्बर को नोटिस दिया गया और 14 सितम्बर को काम हुआ, लेकिन वहीं कंगना के केस में 8 सितम्बर को नोटिस दिया गया और 9 सितम्बर को उनके ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी गई।

बीएमसी ने जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिए बिना ही कार्रवाई शुरू कर दी

बीएमसी ने जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिए बिना ही कार्रवाई शुरू कर दी। सर्राफ ने कहा कि कंगना के बंगले में कथित अवैध निर्माण का ब्यौरा बीएमसी की रिपोर्ट में नहीं है जबकि यह बताना अनिवार्य है। वकील ने कार्रवाई के समय पर भी सवाल उठाया।

उन्होंने दावा किया कि ‘‘संजय राउत ने आठ सितंबर को एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि ‘‘ कानून क्या है? कंगना को सबक सिखाने की जरूरत है।’’ उल्लेखनीय है कि कंगना द्वारा आलोचनात्मक टिप्पणी किए जाने के बाद से उनके और शिवसेना के बीच तलवार खिंची हुई है और बीएमसी पर शिवसेना काबिज है। सर्राफ ने कहा, ‘‘ उसी दिन दोपहर करीब साढ़े तीन बजे बीएमसी के अधिकारी निरीक्षण के लिए बंगले पर पहुंच गए।’’

सर्राफ ने अदालत को बताया, ‘‘ नौ सितंबर को ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया गया और संबंधित प्रति 10 बजकर 34 मिनट पर बंगले के प्रवेश द्वार पर चस्पा की गई जबकि बीएमसी के अधिकारी ध्वस्तीकरण के उपकरणों के साथ 10 बजकर 19 मिनट पर ही बंगले के बाहर उपस्थित थे।’’

अधिवक्ता अस्पी चिनोय से पूछा कि क्या पहचान रजिस्टर पर कथित अनियमितता दर्ज की गई

पीठ ने बीएमसी की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता अस्पी चिनोय से पूछा कि क्या पहचान रजिस्टर पर कथित अनियमितता दर्ज की गई है। बीएमसी के वकील ने स्वीकारोक्ति में जवाब दिया तब पीठ ने कहा, ‘‘ हम यह जानना हैं कि क्या अन्य मामलों में (पहचान रजिस्टर) में इतनी ही तेजी से कार्रवाई हुई।’’

न्यायमूर्ति कथावाला ने इसके बाद टिप्पणी की कि क्या ध्वस्तीकरण वैसे ही हुआ जैसे अधिवक्ता प्रदीप थोराट के मुवक्किल (संजय राउत) चाहते थे। उल्लेखनीय है कि नौ सितंबर को जब कंगना ने ध्वस्तीकरण के खिलाफ पहली बार बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था तब अदालत ने कार्रवाई पर रोक लगा दी थी और न्यायमूर्ति कथावाला ने बीएमसी की त्वरित कार्रवाई पर सवाल उठाया था। अदालत ने कहा था कि अगर नगर निकाय ने इतनी ही तेजी अन्य मामलों में दिखाई होती तो शहर बहुत अलग होता। अदालत ने कंगना के वकील को अगली सुनवाई तस्वीर और अन्य सामग्री जमा करने को कहा जिससे यह पता चले कि ध्वस्त किए गए सभी हिस्से जनवरी 2020 से ही मौजूद थे।

अदालत यह जानना चाहती है कि ध्वस्त किया गया हिस्सा- कानूनी या गैर कानूनी- निर्माणधीन था यह उनका निर्माण पहले ही हो चुका था क्योंकि यह मुख्य बिंदु है। बीएमसी कानून की धारा-354ए के तहत महानगरपालिका केवल गैर कानूनी तरीके से चल रहे निर्माण कार्य को ही रोक सकती है। कंगना ने अपनी संशोधित याचिका में कहा है कि उनके पास जनवरी 2020 में बंगले में की गई पूजा की तस्वीर और अप्रैल-मई 2020 में एली डेकोर पत्रिका में प्रकाशित तस्वीर है जो दिखाती है कि ध्वस्त किया गया हिस्सा पहले से ही मौजूद था।

कंगना ने अपनी याचिका में कहा कि इस प्रकार बीएसमी का यह आरोप गलत है कि वहां निर्माण चल रहा था। कंगना के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता बीरेंद्र सर्राफ ने पीठ के समक्ष शुक्रवार को कहा कि जब नगर निकाय ने ध्वस्तीकरण का नोटिस दिया तब केवल वाटरप्रूफिंग का कुछ काम चल रहा था और इसकी अनुमति पहले ही उनकी मुवक्किल ने ले रखी थी। उन्होंने शुक्रवार को बीएमसी द्वारा अदालत में जमा तस्वीरों को रेखांकित करते हुए कहा कि उसमें डिजिटल तौर पर अंकित तारीख नहीं है सिवाय उनके द्वारा अंकित पांच सितंबर की तारीख के।

अदालत ने बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अस्पी चिनोय से कहा कि वह उस बीएमसी अधिकारी को अपना फोन अदालत में जमा करने को कहे ताकि पता लगाया जा सके कि ये तस्वीरें कब ली गईं। अदालत ने यह भी संज्ञान लिया कि बीएसमी ने अपने हलफनामे में कहा कि कंगना ने भूतल पर प्रवेश द्वार की स्थिति बदली लेकिन भूतल की अन्य चीजों को भी ध्वस्त किया गया।

अदालत ने कहा, ‘‘ हम इस बारे में सोच रहे हैं कि कैसे भूतल को ध्वस्त किया गया जब वहां कोई निर्माण कार्य नहीं हो रहा था।’’ पीठ ने कहा, ‘‘ उन्होंने भूतल को लेकर जो हलफनामे में आरोप लगाए हैं वे पहले ही हो चुके थे, फिर भूतल को कैसे तोड़ा गया।’’ इस मामले में जिरह सोमवार को भी जारी रहेगी। 

Web Title: Maharashtra Mumbai Kangana Ranaut Question demolitionoffice Bombay High Court Answer on 'Haramkhor' Shiv Sena MP Sanjay Raut

बॉलीवुड चुस्की से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे