बर्थडे स्पेशल: मधुबाला फिल्मों के लिए खुद चुनती थीं अपना हीरो, जानें हुस्न की मल्लिका की ऐसी ही कुछ अनसुनी बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 14, 2019 10:35 IST2019-02-14T08:23:13+5:302019-02-14T10:35:49+5:30
Madhubala Birthday Doodle (मधुबाला 86th बर्थडे स्पेशल): मधुबाला बॉलीवुड की एक ऐसी हीरोइन थी जिनके चर्चे हॉलीवुड में भी बेशुमार थे।

बर्थडे स्पेशल: मधुबाला फिल्मों के लिए खुद चुनती थीं अपना हीरो, जानें हुस्न की मल्लिका की ऐसी ही कुछ अनसुनी बातें
बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा मधुबाला आज भी लोगों के दिलों पर राज करती हैं। मधुबाला का नाम हिंदी सिनेमा की उन अभिनेत्रियों में शामिल है, जो पूरी तरह सिनेमा के रंग में रंग गईं और अपना पूरा जीवन इसी के नाम कर दिया। उन्हें अभिनय के साथ-साथ उनकी अद्भुत सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। मधुबाला बॉलीवुड की एक ऐसी हीरोइन थी जिनके चर्चे हॉलीवुड में भी बेशुमार थे। वैलेंटाइन डे के दिन जन्मी मधुबाला की खूबसूरती ऐसी थी जो आज भी उनके चाहने वालों की आंखों में बसता है।
उन्हें 'वीनस ऑफ इंडियन सिनेमा' और 'द ब्यूटी ऑफ ट्रेजेडी' जैसे नाम भी दिए गए। मधुबाला का जन्म 14 फरवरी, 1933 को दिल्ली में हुआ था। इनके बचपन का नाम मुमताज जहां देहलवी था। इनके पिता का नाम अताउल्लाह और माता का नाम आयशा बेगम था। शुरुआती दिनों में इनके पिता पेशावर की एक तंबाकू फैक्ट्री में काम करते थे। वहां से नौकरी छोड़ उनके पिता दिल्ली, और वहां से मुंबई चले आए, जहां मधुबाला का जन्म हुआ।
मधुबाला का करियर
वेलेंटाइन डे वाले दिन जन्मीं इस खूबसूरत अदाकारा के हर अंदाज में प्यार झलकता था। उनमें बचपन से ही सिनेमा में काम करने की तमन्ना थी, जो आखिरकार पूरी हो गई। मुमताज ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1942 की फिल्म 'बसंत' से की थी। यह काफी सफल फिल्म रही और इसके बाद इस खूबसूरत अदाकारा की लोगों के बीच पहचान बनने लगी। इनके अभिनय को देखकर उस समय की जानी-मानी अभिनेत्री देविका रानी बहुत प्रभावित हुई और मुमताज जेहान देहलवी को अपना नाम बदलकर 'मधुबाला' के नाम रखने की सलाह दी।
-वर्ष 1947 में आई फिल्म 'नील कमल' मुमताज के नाम से आखिरी फिल्म थी। इसके बाद वह मधुबाला के नाम से जानी जाने लगीं। इस फिल्म में महज चौदह वर्ष की मधुबाला ने राजकपूर के साथ काम किया। 'नील कमल' में अभिनय के बाद से उन्हें सिनेमा की 'सौंदर्य देवी' कहा जाने लगा।
-इसके दो साल बाद मधुबाला ने बॉम्बे टॉकिज की फिल्म 'महल' में अभिनय किया और फिल्म की सफलता के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उस समय के सभी फेमस मेल एक्टर के साथ उनकी एक के बाद एक फिल्में आती रहीं।
खुद चुनती थीं अपना हीरो
फिल्म फेयर के एडिटर रहे बीके करंजिया अपने एक लेख में इस बात का जिक्र किया था कि मधुबाला ने अपने कॉन्ट्रैक्ट में यह भी लिखना शुरू कर दिया था कि उनके साथ नायक की भूमिका कौन करेगा इसका फैसला उन्हीं का होगा। इतना ही नहीं आज बहुत से फिल्म स्टार अपने साथ बॉडीगार्ड रखते हैं। बॉलीवुड में इसकी शुरुआत मधुबाला ने ही की थी।
किशोर कुमार से शादी और मौत
वर्ष 1960 के दशक में मधुबाला ने किशोर कुमार से शादी कर ली। शादी से पहले किशोर कुमार ने इस्लाम धर्म कबूल किया और नाम बदलकर करीम अब्दुल हो गए। उसी समय मधुबाला एक भयानक रोग से पीड़ित हो गई। शादी के बाद रोग के इलाज के लिए दोनों लंदन चले गए। लंदन के डॉक्टर ने मधुबाला को देखते ही कह दिया कि वह दो साल से ज्यादा जीवित नहीं रह सकतीं।
इसके बाद लगातार जांच से पता चला कि मधुबाला के दिल में छेद है और इसकी वजह से इनके शरीर में खून की मात्रा बढ़ती जा रही थी। डॉक्टर भी इस रोग के आगे हार मान गए और कह दिया कि ऑपरेशन के बाद भी वह ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएंगी। इसी दौरान उन्हें अभिनय छोड़ना पड़ा। इसके बाद उन्होंने निर्देशन में हाथ आजमाया। वर्ष 1969 में उन्होंने फिल्म 'फर्ज' और 'इश्क' का निर्देशन करना चाहा, लेकिन यह फिल्म नहीं बनी और इसी वर्ष अपना 36वां जन्मदिन मनाने के नौ दिन बाद 23 फरवरी,1969 को बेपनाह हुस्न की मलिका दुनिया को छोड़कर चली गईं।
कभी ना भूलने वाला करियर
उन्होंने लगभग 70 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने 'बसंत', 'फुलवारी', 'नील कमल', 'पराई आग', 'अमर प्रेम', 'महल', 'इम्तिहान', 'अपराधी', 'मधुबाला', 'बादल', 'गेटवे ऑफ इंडिया', 'जाली नोट', 'शराबी' और 'ज्वाला' जैसी फिल्मों में अभिनय से दर्शकों को अपनी अदा का कायल कर दिया।
मधुबाला भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मनोरंजन-जगत में उनका नाम हमेशा अमर रहेगा। उनकी तस्वीर वाले बड़े-बड़े पोस्टर आज भी लोग बड़े चाव से खरीदते हैं।


