बिकने वाला है 70 साल पुराना आर के स्टूडियो, कपूर फैमिली ने लिया फैसला
By स्वाति सिंह | Published: August 26, 2018 10:58 PM2018-08-26T22:58:34+5:302018-08-26T22:58:34+5:30
शो मैन राजकपूर ने 1948 में उपनगरीय क्षेत्र चेंबूर में इसको बनवाया था। राजकपूर की कई फिल्मों का निर्माण इस स्टूडियो में किया था।
मुंबई, 26 अगस्त: 70 साल पहले लिजेन्ड्री एक्टर राज कपूर द्वारा बनाया मशहूर आरके स्टूडियो बिकने वाला है। यह फैसला कपूर परिवार ने लिया है। दरअसल, पिछले साल भीषण आग लगने की वजह से इसका एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो गया था।
खबरों कि मानें तो अब परिवार इसको दूबारा बनवाने में आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं था। इसके बाद राज कपूर की पत्नी कृष्णा राज कपूर अपने बेटे रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राज कपूर, बेटी रितु नंदा और रीमा जैन सबने मिलकर ये फैसला लिया है।
मुंबई मिरर की रिपोर्ट की मानें तो ऋषि कपूर ने बताया "हमने अपने दिलों पर पत्थर रखे हैं। छाती पर पत्थर रख कर, सोच समझ कर फैसला लिया है।"
यह खबर हिंदी फिल्म-प्रेमियों को बेहद चौंकाने वाली है। शो मैन राजकपूर ने 1948 में उपनगरीय क्षेत्र चेंबूर में इसको बनवाया था। राजकपूर की कई फिल्मों का निर्माण इस स्टूडियो में किया था।
पिछले साल 16 सितंबर को स्टूडियो में 'सुपर डांसर' के सेट पर आग लग गई थी जिससे इसका फ्लोर बेहद बुरी तरह जल गया था। हालांकि उस हादसे के दौरान कोई हताहत नहीं हुआ था।
ऋषि कपूर ने स्टूडियो को आधुनिक टेक्नोलोजी के साथ फिर से तैयार कराने की इच्छा व्यक्त की थी। लेकिन उनके बड़े भाई रणधीर कपूर ने कहा कि यह व्यवहारिक नहीं था।
रणधीर कपूर ने से कहा, 'हां, हमने आरके स्टूडियो को बेचने का फैसला किया है। यह बिक्री के लिए उपलब्ध है। स्टूडियो में आग लगने के बाद उसे फिर से बनाना व्यवहार्य नहीं था इसे फिर से बनाना आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं था।'
आरके बैनर के तहत बनी फिल्मों में 'आग', 'बरसात', 'आवारा', 'श्री 420', 'जिस देश में गंगा बहती है', 'मेरा नाम जोकर', 'बॉबी', 'सत्यम शिव सुंदरम', 'राम तेरी गंगा मैली' आदि शामिल हैं। आरके बैनर के तहत बनी आखिरी फिल्म 'आ अब लौट चलें' थीं जिसे रिषी कपूर ने निर्देशित किया था।
राजकपूर के 1988 में निधन के बाद उनके बड़े पुत्र रणधीर ने स्टूडियो का जिम्मा संभाला। बाद में राजकपूर के सबसे छोटे पुत्र राजीव कपूर ने 'प्रेम ग्रंथ' का निर्देशन किया।
(भाषा इनपुट के साथ)