International Womens Day 2020: देशभक्ति दिखाने में भी आगे रहीं महिलाएं, पर्दे पर पेश की बहादुरी की दमदार कहानियां
By अमित कुमार | Updated: March 5, 2020 07:16 IST2020-03-05T07:16:49+5:302020-03-05T07:16:49+5:30
इंटरनेशल विमेंस डे 8 मार्च को मनाया जाने वाला है। ऐसे में आज हम आपको बॉलीवुड की कुछ ऐसी देशभक्ति फिल्मों के बारे में बताएंगे, जिसे महिलाओं ने अपने दम सुपरहिट कराने में सफलता हासिल की।

'मणिकर्णिकाः द क्वीन ऑफ झांसी की तस्वीर। (फोटो सोर्स- इंस्टाग्राम)
अपने देश के लिए कुछ कर गुज़रने का जज़्बा हर नागरिक में होता है। बॉलीवुड ने कई फिल्मों और गानों के जरिए इस मोहब्बत और जज़्बे का बख़ूबी परिचय दिया है। मनोज कुमार से लेकर अक्षय़ कुमार तक सभी कलाकारों ने देशभक्ति पर एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं। इंटरनेशल विमेंस डे 8 मार्च को मनाया जाने वाला है। ऐसे में आज हम आपको बॉलीवुड की कुछ ऐसी देशभक्ति फिल्मों के बारे में बताएंगे, जिसे महिलाओं ने अपने दम सुपरहिट कराने में सफलता हासिल की।
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के किरदार में नजर आईं कंगना रनौत
'मणिकर्णिकाः द क्वीन ऑफ झांसी की कहानी मणिकर्णिका के जन्म से शुरू होती है और बचपन में ही ऐलान कर दिया जाता है कि उसकी उम्र लंबी न हो लेकिन उसका नाम इतिहास के पन्नो में लिखा जाएगा। कंगना रनौत की एंट्री बाघ के शिकार के साथ बड़े ही शानदार तरीके से होती है, इतनी ही नहीं कंगना बेहद खूबसूरत भी लगती हैं। मणिकर्णिका बड़ी ही चतुर, बहादुर और अष्ट्र शास्त्र में निपुंड होती हैं। झांसी के राजा के लिए मणिकर्णिका को चुना जाता है और शादी के बाद उसका नाम लक्ष्मीबाई हो जाता है। फिल्म की कहानी गद्दारी और देशभक्ति से भरी हुई है। फिल्म में समीक्षकों ने कंगना के अभिनय की काफी तारीफ की।
वतन से बढ़कर कुछ नहीं, खुद भी नहीं!
मेघना गुलजार की फिल्म राजी से आलिया भट्ट को एक नई पहचान मिली। एक 19 साल की लड़की जो दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करती है। वो इतनी संवेदनशील है कि एक गिलहरी को बचाने के लिए दौड़कर स्कूटर के सामने आ जाती है। सहमत खान को एक दिन पता चलता है कि उसके पिता (रजित कपूर) भारतीय इंटेलिजेंस के खुफिया एजेंट हैं जिन्हें लंग ट्यूमर हो गया है। अब सहमत खान को उनके अधूरे मिशन को पूरा करना है। सहमत के पास च्वॉइस है चाहे तो वो मना कर दे। लेकिन वो कहती है वतन से बढ़कर कुछ नहीं, खुद भी नहीं! सहमत का निकाह रावलपिंडी की एक आर्मी फैमिली से किया जाता है। जहां से उसे भारत की आंख और कान बनकर निगहबानी करनी है। इसके बाद फिल्म में कई टर्न और ट्विसिट आते हैं जो फिल्म को और मजेदार बनाने का काम करती है।
'नीरजा' ने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड्स तोड़े
सोनम कपूर के करियर की सबसे सफल फिल्म रही 'नीरजा' ने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड्स तोड़े। फि हाई जैकिंग के उस 17 घंटे ने नीरजा को एक समझदार महिला बनकर उभारा था। अपनी ज़िंदगी की परवाह किये बिना नीरजा ने बड़ी ही शांति और समझदारी से सबकी जान बचायी। हाई जैक की इनफार्मेशन देकर पहले तो उन्होंने पायलेट को जहाज से भेज दिया जिस वज़ह से प्लेन उड़ नहीं सका नहीं तो प्लेन में कोई भी नहीं बचता। 17 घंटे के बाद आतंकवादियों ने गोलियों की बौछार कर दी और समझदारी और साहस का परिचय देते हुए इस छोटी से बहादुर ने एग्ज़िट डोर खोल कर सबको बाहर निकालना शुरू कर दिया। 3 अमेरिकन बच्चों को बचाते हुए उसने आतंकवादियों की सारी गोली अपने ऊपर ले ली।
शबाना खान यानी तापसी पन्नू ने नाम शबाना में दिखाया दम
शबाना खान यानी तापसी पन्नू का बचपन बेहद दुखों से भरा हुआ रहा है। शबाना का पिता अक्सर घर में शबाना की मौजूदगी में ही उसकी मां को जमकर पीटता था, जिसके बाद शबाना अपनी मां की मदद करती है। स्पेशल टाक्स फोर्स के चीफ रणवीर सिंह (मनोज बाजपेयी) शबाना को बेहद करीब से ओवजरव करते हैं और उन्हें अपनी टीम में सामिल होने के लिए कहते हैं। शबाना एक गुडे के हाथों प्रेमी की हत्या देख चुकी होती है, लिहाजा वह बदला लेने के इरादे से टीम में शामिल होती है। इसके बाद वह देश के लिए कई मिशन को अंजाम देती हैं।


