'IC 814: The Kandahar Hijack': सूचना और प्रसारण मंत्रालय पहुंची नेटफ्लिक्स कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल, अधिकारियों के साथ बैठक
By अंजली चौहान | Published: September 3, 2024 12:25 PM2024-09-03T12:25:34+5:302024-09-03T12:44:02+5:30
'IC 814: The Kandahar Hijack': छह एपिसोड की यह श्रृंखला 24 दिसंबर 1999 की घटनाओं पर आधारित है
'IC 814: The Kandahar Hijack': पॉपुलर ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स इंडिया अपनी एक वेब सीरीज के कारण विवादों में बुरी तरह से फंस चुकी है। आईसी-814: द कंधार हाईजैक नामक वेब सीरीज के रिलीज होते ही बड़ा विवाद खड़ा हो गया और मामले में सरकार ने दखल दिया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने वेब सीरीज को लेकर नेटफ्लिक्स इंडिया की हेड को तलब किया जिसके बाद नेटफ्लिक्स इंडिया की प्रमुख मोनिका शेरगिल आज सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव से मुलाकात करेंगी।
यह बैठक आईसी-814 के अपहरण पर आधारित वेब सीरीज पर कुछ विवादास्पद मुद्दों के मद्देनजर हो रही है। यह बैठक शास्त्री भवन में होगी। नेटफ्लिक्स कंटेंट हेड को तलब किए जाने के पीछे सरकारी सूत्रों ने बताया कि "किसी को भी इस देश के लोगों की भावनाओं के साथ खेलने का अधिकार नहीं है। भारत की संस्कृति और सभ्यता का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए। किसी चीज को गलत तरीके से पेश करने से पहले आपको सोचना चाहिए। सरकार इसे बहुत गंभीरता से ले रही है।"
Netflix Series 'IC814' row | Nobody has the right to play with the sentiments of the people of this nation. India's culture and civilization should always be respected. You should think before portraying something in a wrong manner. The govt is taking it very seriously: Govt…
— ANI (@ANI) September 3, 2024
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, “नेटफ्लिक्स टीम अनुसंधान दस्तावेजों और फुटेज के साथ बैठक में आई है जिन्हें संदर्भ के लिए एकत्र किया गया है। ओटीटी प्लेटफॉर्म अपना विचार सामने रखेगा कि श्रृंखला किताबों और अन्य सरकारी बयानों से ली गई जानकारी के साथ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप है।"
गौरतलब है कि आईसी 814- द कंधार हाईजैक में आतंकवादियों के नाम और उनके किरदार को लेकर यह विवाद खड़ा हुआ है। सरकार ने चिंता जताई है कि यह सीरीज राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है और कहा है कि किसी को भी देश की भावनाओं को कमजोर नहीं करना चाहिए।
इस बीच, एएनआई को बताया, "नेटफ्लिक्स ने कंटेंट की समीक्षा करने का आश्वासन दिया है और गारंटी दी है कि उनके प्लेटफॉर्म पर भविष्य की सभी सामग्री राष्ट्र की भावनाओं के प्रति संवेदनशील और उसके अनुरूप होगी।"
इसके अलावा, हिंदू सेना के प्रमुख सुरजीत सिंह यादव ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी, जिसमें नेटफ्लिक्स सीरीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि यह सीरीज अपहरण में शामिल आतंकवादियों की वास्तविक पहचान को विकृत करती है।
याचिका में दावा किया गया था कि मिनीसीरीज में वास्तविक अपहरणकर्ताओं इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काज़ी, ज़हूर मिस्त्री और शाकिर को गलत तरीके से "भोला" और "शंकर" जैसे हिंदू नाम दिए गए हैं- जो भगवान शिव से जुड़े नाम हैं।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी सीरीज की आलोचना करते हुए कहा कि फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने अपहरणकर्ताओं के आपराधिक इरादे को वैध बनाया है। मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आईसी-814 के अपहरणकर्ता खूंखार आतंकवादी थे, जिन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए छद्म नाम अपनाए थे। फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने उनके गैर-मुस्लिम नामों को आगे बढ़ाकर उनके आपराधिक इरादे को वैधता प्रदान की। परिणाम? दशकों बाद, लोग सोचेंगे कि हिंदुओं ने आईसी-814 का अपहरण किया था।"
भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है। चंद्रशेखर ने कहा, "मुझे आईसी-814 की घटना अच्छी तरह याद है। मैं उस दुर्घटना से बहुत परिचित था और उसके बाद भी मैं इसमें शामिल था। भारत और वास्तव में दक्षिण एशिया का हर आदमी और औरत जानता है कि काठमांडू से आईसी-814 का अपहरण पाकिस्तान के आईएसआई समर्थित आतंकवादियों द्वारा किया गया था। अब, कोई भी यह नहीं सोचता कि अपहरण करने वाले भारत के कुछ लोग थे। तो उस फिल्म में लोगों के हिंदू नाम कैसे हैं, मुझे नहीं पता। लेकिन मुझे बहुत खुशी है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और भारत सरकार ने इस पर संज्ञान लिया है और नेटफ्लिक्स को तलब किया है।"
क्या है फिल्म की कहानी?
हाईजैक ड्रामा अनुभव सिन्हा और त्रिशांत श्रीवास्तव द्वारा बनाया गया है। इसमें नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, विजय वर्मा, अरविंद स्वामी, पत्रलेखा और दीया मिर्जा जैसे कलाकार हैं। छह एपिसोड की यह श्रृंखला 24 दिसंबर 1999 की घटनाओं पर आधारित है, जब काठमांडू से दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइंस की उड़ान संख्या आईसी 814 को नेपाल के काठमांडू त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद भारतीय वायुक्षेत्र में प्रवेश करने के बाद अपहृत कर लिया गया था।