आरडी बर्मन, जिनके रोने पर भी पंचम सुर निकलते थे
By भारती द्विवेदी | Published: January 4, 2018 12:54 AM2018-01-04T00:54:40+5:302018-01-04T10:24:52+5:30
कहते हैं जब वो बचपन में रोते थे तो पंचम सुर ध्वनि सुनाई देती थी, जिसके बाद उन्हें पंचम बुलाया जाने लगा।
संगीतकार राहुल देव बर्मन। दुनिया के लिए आर डी बर्मन, 'पंचमदा' या 'पंचम' के नाम से मशहूर, एक ऐसा संगीतकार जिन्होंने साठ से अस्सी के दशक तक अपनी संगीत के जरिए लोगों के दिल पर राज किया। जिनकी धुन ना सिर्फ उस समय फेमस थे बल्कि आज की यंग जेनरेशन भी उस धुन को गुनगुनाती हैं।
आरडी बर्मन फेमस संगीतकार सचिन देव बर्मन और मीरा देव बर्मन के बेटे थे। उनका जन्म 27 जून 1939 को कलकत्ता में हुआ था। उनको 'पंचम' नाम से पुकारे जाने के पीछे एक दिलचस्प किस्सा है। कहते हैं जब वो बचपन में रोते थे तो पंचम सुर ध्वनि सुनाई देती थी, जिसके बाद उन्हें पंचम बुलाया जाने लगा। वहीं कुछ किस्सों के मुताबिक अभिनेता अशोक कुमार ने जब आरडी बर्मन को बचपन में रोते सुना तो कहा कि ये 'पंचम में रोता है' तबसे उन्हें 'पंचम' कहा जाने लगा।
आरडी बर्मन ने कलकत्ता के बालीगंज गवर्नमेंट हाई स्कूल से पढ़ाई की थी। फिर उस्ताद अली अकबर खान से सरोद भी सीखा। सिर्फ नौ साल की उम्र में उन्होंने फिल्म 'फंटूश' का गाना 'ऐ मेरी टोपी पलट के' का संगीत दिया था लेकिन उस धुन को उनके पिता एसडी बर्मन ने इस्तेमाल किया। गुरूदत्त की फिल्म 'प्यासा' का गाना 'सर जो तेरा चकराये' की धुन भी उन्होंने ही तैयार की थी। लेकिन इस धुन का इस्तेमाल भी उनके पिता एसडी बर्मन ने किया।
आरडी बर्मन ने फिल्मों में अपना करियर बतौर सहायक ही शुरू किया था। 1961 में आई फिल्म 'छोटे नवाब' से उन्होंने बतौर संगीतकार बॉलीवुड में कदम रखा। फिर 70 के दशक तक आते-आते आरडी बर्मन संगीत की दुनिया का बड़ा नाम बन गए थे। चार जनवरी 1994 को 55 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई। वैसे तो आरडी बर्मन फिल्मी दुनिया को इतने बेहतरीन-बेहतरीन गाने दिए है कि आप किसी एक को अपना पसंदीदा नहीं बता सकते हैं। फिर भी हमने कोशिश की है कि आज उनकी बरसीं पर आरडी बर्मन के उन गाने का जिक्र हो जो आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं जितना कि साठ-अस्सी के दशक में थे।
तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा
साल 1975 में आई फिल्म 'आंधी' के इस गाने को लता मंगेश्कर और किशोर कुमार ने गाया है। संजीव कुमार और सुचित्रा सेन पर फिल्माया गया ये गाना आज भी लोगों की जुबान पर है। इस गाने के लिरिक्स जितने अच्छे हैं, उतना ही अच्छा संगीत। वहीं किशोर कुमार और लता मंगेश्कर ने इस गाने को अपनी आवाज देकर गाने में जान डाल दी है।
चुरा लिया है तुमने जो दिल को
जीनत अमान और विजय अरोरा पर फिल्माया गया ये गाना फिल्म 'यादों की बारात' का है। 1973 में आई इस फिल्म के सारे गाने बेहतरीन थे लेकिन जिस गाने ने सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा वो था 'चुरा लिया है तुमने जो दिल को'। आशा भोंसले और मोहम्मद रफी के गाए इस गाने के अब तक बहुत सारे वर्जन आ चुके हैं लेकिन आरडी बर्मन की संगीत वाली मैजिक कोई और क्रिएयट नहीं कर पाया है।
ओ मेरे दिल के चैन
फिल्म 'मेरे जीवन साथी' का ये गाना राजेश खन्ना और तनुजा पर फिल्माया गया है। मजरूह सुल्तानपुरी ने इस गाने के बोल जितने अच्छे लिखें हैं, आरडी बर्मन ने उतना ही बेजोड़ संगीत दिया है। आरडी बर्मन ने बॉलीवुड को अनगिनत रोमांटिक गाने दिए हैं। ये गाना उन गानों में है जो हर जेनरेशन के लोगों के लिए अपना सा लगता है।
ये शाम मस्तानी
फिल्म 'कटी पतंग' का ये गाना किशोर कुमार ने गया है। इस गाने को राजेश खन्ना और आशा पारेख पर बेहद खूबसूरती से फिल्माया गया है। ये कहना कहीं से भी गलत नहीं होगा कि राजेश खन्ना को शोहरत दिलाने में आरडी बर्मन के संगीत का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
गुम है किसी के प्यार में दिल सुबह-शाम
ये गाना रेखा, रणधीर कपूर और शुत्रघ्न सिन्हा की फिल्म 'रामपुर का लक्ष्मण' का है। लता मंगशेकर और किशोर कुमार ने इस गाने को गाया है। गाने के बोल के अलाव जो चीज आपको बांधकर रखताी है वो गाने का म्यूजिक है। आरडी बर्मन ने अपने संगीत के जरिए इस गाने में जान डाल दी है।
'करवटें बदलते रहे,' 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा', 'दो लफ्जों की है दिल की कहानी,' 'तुम आ गए हो नूर आ गया है, 'मेरे सपनों की रानी,' आजा पिया तोहे प्यार दूं,' 'आने वाला पल,' 'दम मारो दम,' 'बाहों में चले आओ,'...मतलब आप लिखते-लिखते थक जाएंगे लेकिन आरडी बर्मन के बेमिसाल गानों की लिस्ट खत्म नहीं होगी। इन गानों के लिए संगीत की दुनिया के बादशाह को शुक्रिया जो कई पीढ़ियों को मुहब्बत करने और जाहिर करने का एक तरीका दे गए।