Dhadak Movie Review: निश्छल प्रेम की कहानी है 'धड़क'
By विवेक कुमार | Updated: July 20, 2018 09:13 IST2018-07-20T08:03:17+5:302018-07-20T09:13:13+5:30
फिल्म का टाइटल ट्रैक 'जो मेरे दिल को दिल बनाती है' आपको काफी पसंद आएगा। वहीं 'झिंगाट' आपको झूमने पर मजबूर करेगा।

Dhadak Movie Review in hindi: Ishaan Khattar and Janhvi Kapoor Starrer movie releases on 20th July
फिल्म: धड़क
डायरेक्टर: शशांक खेतान
स्टार कास्ट: ईशान खट्टर, जान्हवी कपूर ,आशुतोष राणा
अवधि: 2 घंटा 17 मिनट
रेटिंग-2. 5/5
कहते हैं ये इश्क नहीं आसां, इतना तो समझ लीजिये एक आग का दरिया है , और डूब के जाना है। प्यार करने वालों के ये दुनिया हमेशा से दुश्मन रही है। धर्म, जाति के नाम पर अक्सर प्यार करने वालों की बलि दी जाती रही है। इतिहास में लैला- मजनू से लेकर हीर-रांझा तक ऐसे कई प्यार करने वालों की कहानियां हैं जिन्हें ऊँच- नीच, जाति-धर्म के नाम पर बलि दे दी गई है। शशांक खेतान के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'धड़क' भी इन्ही कहानियों में से एक है। ख़ास बात ये है कि फिल्म ब्लॉकबस्टर मराठी फिल्म सैराट की ऑफिशियल हिंदी रीमेक है।
कहानी- फिल्म की कहानी उदयपुर से शुरू होती है जहां एक रेस्टोरेंट चलाने वाला लड़का मधुकर बागला (ईशान खट्टर) पार्थवी सिंह ( जाह्नवी कपूर) से बेइंतहा प्यार करता है। पार्थवी के पिता रतन सिंह एक ऊँची जाति के दबंग नेता हैं। जिनसे लोग खौफ खाते हैं। वहीं मधुकर और पार्थवी एक साथ पढ़ते हैं। दोनों की आंखें मिलती है और दोनों एकदूसरे को प्यार करने लगते हैं। लेकिन जब ये बात रतन सिंह को मालूम चलती है तो वह मधुकर को जान से मारने की कोशिश करवाता है। फिर शुरू होता है कहानी में ट्विस्ट, कहानी एक के बाद एक करके कई मोड़ लेती है। लेकिन क्या रतन सिंह, मधुकर को पार्थवी से अलग कर पाएगा? क्या पार्थवी, मधुकर को अपने दबंग पिता रतन सिंह के हाथों से बचा पाएगी? क्या एक बार फिर धर्म के नाम पर प्यार की बलि दी जाएगी? ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब पाने के लिए आपको 'धड़क' देखनी होगी।
डायरेक्शन- शशांक खेतान की 'धड़क' का डायरेक्शन ठीक-ठाक है। धड़क कुछ हद तक सैराट के जैसे ही है लेकिन अंजाम अलग है। वैसे फिल्म का सेकंड हॉफ काफी धीमा है जो कि थोड़ा बोर करता है। लेकिन अंत काफी इमोशनल है जो कई सवाल छोड़ता है। कैमरा वर्क पर थोड़ा और ध्यान देने की जरुरत थी।
एक्टिंग- फिल्म में आशुतोष राणा की एक्टिंग काफी दमदार है वह एक दबंग के रोल में बिल्कुल फिट दिखे। वहीं ईशान खट्टर की ये दूसरी फिल्म थी फिल्म में उन्होंने अपने किरदार को बखूबी पर्दे पर निभाया है। लेकिन अगर जान्हवी कपूर की बात की जाए तो ये उनकी पहली फिल्म थी। शायद इसलिए उनकी एक्टिंग में वो दम नहीं दिखा जो फिल्म की मांग थी। कई-कई जगहों पर वो एक्सप्रेशन देने में फेल हुईं।
म्यूजिक- फिल्म का टाइटल ट्रैक 'जो मेरे दिल को दिल बनाती है' आपको काफी पसंद आएगा। वहीं 'झिंगाट' आपको झूमने पर मजबूर करेगा। बाकी दो गाने में भी ठीक-ठाक है।
क्यों देखें- अगर आप सीरियस टाइप की फिल्मों के शौक़ीन हैं तो फिल्म 'धड़क' आपको काफी पसंद आएगी। फ़िलहाल फिल्म को एक बार जरुर देखा जा सकता है।