कॉमनवेल्थ,ओलंपिक का चैंपियन, बीएसएफ का जवान और फिर महाभारत का भीम बनकर बनाया इतिहास, जन्मदिन पर जानिए प्रवीण कुमार के जीवन के दिलचस्प किस्से

By वैशाली कुमारी | Published: December 6, 2021 04:31 PM2021-12-06T16:31:54+5:302021-12-06T16:35:40+5:30

प्रवीण आज 74 साल के हो गए हैं, उनके जन्मदिन पर उनके फैंस उन्हें बधाई दे रहे हैं। तो चलिए आपको भी बताते हैं प्रवीण के भीम बनने की कहानी।

Commonwealth, Olympic champion, BSF jawan and then made history by becoming Bhima of Mahabharata, know interesting stories of Praveen Kumar's life on his birthday | कॉमनवेल्थ,ओलंपिक का चैंपियन, बीएसएफ का जवान और फिर महाभारत का भीम बनकर बनाया इतिहास, जन्मदिन पर जानिए प्रवीण कुमार के जीवन के दिलचस्प किस्से

कॉमनवेल्थ,ओलंपिक का चैंपियन, बीएसएफ का जवान और फिर महाभारत का भीम बनकर बनाया इतिहास, जन्मदिन पर जानिए प्रवीण कुमार के जीवन के दिलचस्प किस्से

Highlightsप्रवीण को भीम का रोल उनके एक दोस्त की वजह से मिलाप्रवीण और बीआर चोपड़ा की मुलाकात हुई और ये तय हो गया कि प्रवीण ही बनेंगे महाभारत के भीम

'मैं अपनी गदा से दुर्योधन की जांघ तोड़ अपनी प्रतिज्ञा पूरी करूंगा ' ये कथन महाबली भीम का है और इसको बोलने वाले थे महाभारत में भीम का किरदार निभाने वाले जाने माने एक्टर प्रवीण कुमार सोबती। जी हां वही प्रवीण जिन्होंने अपने विशालकाय काया, दमदार अभिनय और कड़क आवाज से भीम के किरदार में जान फूंक दी थी। भारत में भीम के किरदार को कई कलाकारों ने निभाया लेकिन इनमें से कोई प्रवीण की बराबरी तो दूर कोई उनके पास भी नहीं आ सके।

प्रवीण आज 74 साल के हो गए हैं, उनके जन्मदिन पर उनके फैंस उन्हें बधाई दे रहे हैं। तो चलिए आपको भी बताते हैं प्रवीण के भीम बनने की कहानी। फिल्मों आने से पहले वो एक इंटरनेशनल लेवल के एथलीट थे। प्रवीण गोला फेंक और चक्का फेंक यानी हैमर और डिस्क थ्रो में नंबर वन खिलाड़ी रह चुके हैं। खेल के मैदान में उनकी धाक थी, उस दौर में में एशिया में उनके जैसा कोई हैमर- डिस्क थ्रो खिलाड़ी नहीं था। 


सोबती ने एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम्स में जाकर इंडिया के लिये पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया, तो वहीं  दो बार ओलांपिक में देश का प्रतिनिधित्व भी किया है। प्रवीण कुमार ने 1960 और 70 के दौरान एथलेटिक्स में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की।  उन्होने हॉन्ग कॉन्ग के एशियाई खेलों में अपने खेल का जादू दिखाकर स्वर्ण पदक जीता। प्रवीण ने साल 1966 में  किंग्स्टन में कॉमनवेल्थ गेम्स और  साल 1974 तेहरान में एशियाई खेलों में रजत मेडल विजेता भी बने।  खेल की बदौलत ही प्रवीण कुमार को सीमा सुरक्षा बल  में डिप्टी कमांडेंट की नौकरी मिली थी।

 उनकी कामयाबी और दर्शकों में उनकी दीवानगी का ऐसा आलम था कि लोग उन्हें देखने के लिए उनकी गाड़ी तक रुकवा देते थे। आज भी लोग उनके नाम से नहीं बल्कि भीम के नाम से जानते हैं।

प्रवीण को भीम का रोल उनके एक दोस्त की वजह से मिला, दरअसल हुआ कुछ ऐसा कि 1986 में एक दिन उनके खास दोस्त ने प्रवीण को आकर बताया कि बीआर चोपड़ा ‘महाभारत’ बना रहे हैं और वो भीम के किरदार के लिए एक शारीरिक रूप से बलशाली एक्टर ढूंढ रहे हैं वो चाहते हैं कि तुम एक बार आकर मिलो। बस फिर क्या था प्रवीण और बीआर चोपड़ा की मुलाकात हुई और ये तय हो गया कि प्रवीण ही बनेंगे महाभारत के भीम।

Web Title: Commonwealth, Olympic champion, BSF jawan and then made history by becoming Bhima of Mahabharata, know interesting stories of Praveen Kumar's life on his birthday

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