B'Day Special: आखिर क्यों फिल्म 'गुड्डी' में बनते-बनते रह गई थी जया-अमिताभ की जोड़ी
By भारती द्विवेदी | Published: April 9, 2018 03:14 AM2018-04-09T03:14:58+5:302018-04-09T03:14:58+5:30
अपने दमदार अभिनय के दम पर बेस्ट एक्टर, सपोर्टिंग एक्टर के लिए नौ फिल्म फेयर अवॉर्ड जीतने वाली जया बच्चन को भारत सरकार की तरफ से 'पद्म श्री' से भी सम्मानित किया गया है।
नई दिल्ली, 9 अप्रैल: जय भादुड़ी, जिन्हें दर्शक 'गुड्डी', 'मिली', 'अभिमान', 'चुपके-चुपके', 'कोरा कागज' या 'हजार चौरासी की मां' जैसी फिल्मों के दमदार किरदार की वजह से पहचानते हैं। इनका जन्म 9 अप्रैल 1948 को मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था। इनके पिता तरुण कुमार भादुड़ी एक मशहूर पत्रकार और लेखक थे। वहीं इनकी मां का नाम इंदिरा भादुड़ी था। जया भादुड़ी ने अपनी पढ़ाई भोपाल के सेंट जोसेफ स्कूल से की है। जया पढ़ने में बहुत अच्छी थीं। ये अपने स्कूल की हेड गर्ल हुआ करती थीं। यहीं नहीं साल 1966 के रिपब्लिक डे पर इन्हें बेस्ट एनसीसी कैडेट अवॉर्ड से भी नवाजा गया था।
फिल्म दुनिया में अपनी एक्टिंग के दम पर नाम बनाने वाली जया भादुड़ी ने 3 जून 1973 को अमिताभ बच्चन से शादी कर जया भादुड़ी बच्चन बन गईं। साल 1981 में जया ने अपनी पहली संतान श्वेता बच्चन को जन्म दिया और साल 1976 में बेटे अभिषेक बच्चन का जन्म हुआ। अपने दमदार अभिनय के दम पर बेस्ट एक्टर, सपोर्टिंग एक्टर के लिए नौ फिल्म फेयर अवॉर्ड जीतने वाली जया बच्चन को भारत सरकार की तरफ से 'पद्म श्री' से भी सम्मानित किया गया है। साथ ही इन्हें फिल्म फेयर लाइफ टाइम अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है। साल 2004 में जया बच्चन ने समाजवादी पार्टी में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा। हाल ही में ये फिर से समाजवादी पार्टी की तरफ से ही राज्यसभा सदस्य चुनीं गई हैं। आइए जया भादुड़ी बच्चन के कुछ सुन-अनसुने किस्से के बारे में आपको बताते दें।
जब 15 साल की उम्र में सत्यजीत रे की फिल्म मिली
जया भादुड़ी मात्र 15 साल की थीं, तब इनके पिता एकबार इन्हें फिल्म की शूटिंग दिखाने ले गए। उस फिल्म में बतौर हीरोइन शर्मिला टैगोर काम कर रही थीं। ठीक उसी समय फिल्म डायरेक्टर सत्यजीत रे अपनी फिल्म के लिए 13-14 साल की लड़की को ढूंढ रहे थे, जो उनकी फिल्म का किरदार सही से निभा सके। शर्मिला टैगोर ने जया को सेट पर देखा और सत्यजीत रे को जया के बारे में बताया। इस तरह जया भादुड़ी को महान फिल्म डायरेक्टर सत्यजीत रे की फिल्म 'महानगर' काम करने का मौका मिला। उस फिल्म के बाद जया को एक्टिंग रास आने लगी। घरवालों ने तय करके जया भादुड़ी को एक्टिंग सीखने के लिए फिल्म टेलीविजन इंंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) भेज दिया गया। जया भादुड़ी वहां भी अव्वल रहीं और गोल्डमेडलिस्ट बनीं।
फिल्म 'गुड्डी' में जब बनते-बनते रहे गई जया-अमिताभ की जोड़ी
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार एफटीआई में जब जया भादुड़ी का कोर्स पूरा भी नहीं हुआ था, तबतक जाने-माने फिल्ममेकर ऋषिकेश मुखर्जी की नजर इन पर पड़ी। वो प्रिसिंपल के पास पहुंचे और कहा कि आपके यहां जो लड़की है जया भादुड़ी, मैं उस अपनी फिल्म में लेना चाहता हूं। कोर्स पूरा होने के बाद जया भादुड़ी को ऋषिकेश मुखर्जी फिल्म 'गुड्डी' मिल गई। कहा जाता है कि इस फिल्म में धर्मेंद्र के रोल के लिए पहले बतौर हीरो अमिताभ बच्चन को साइन किया गया था। लेकिन उस समय फिल्म 'आनंद' की शूटिंग भी चल रही थी। अमिताभ बच्चन की कला देख ऋषिकेश मुखर्जी को लगा कि अमिताभ फिल्म 'गुड्डी' के उस रोल में बेकार जाएंगे। जिसके बाद उन्हें फिल्म से निकाल दिया गया। इस तरह जया भादुड़ी और अमिताभ बच्चन की जोड़ी बनते-बनते रहे गई। फिर साल 1972 में फिल्म 'बंसी-बिरजू' में इनकी जोड़ी पहली बार पर्दे पर साथ नजर आई।
पर्दे पर संजीव कुमार की प्रेमिका से लेकर बेटी तक का किरदार निभाया
अभिनेता संजीव कुमार और जया भादुड़ी ने लगभग आठ-नौ फिल्मों में साथ काम किया है। एक इंटरव्यू के दौरान जया भादुड़ी के साथ की गई अपनी फिल्म का जिक्र करते हुए संजीव कुमार ने कहा था- फिल्म 'अनामिका' में ये मेरी हीरोइन बनीं, फिल्म 'कोशिश' में मेरी पत्नी, फिल्म 'शोले' में मेरी बहू और फिल्म 'परिचय' में मेरी बेटी बनीं। अब बस एक ही रोल बच गया है कि मैं कभी जया के बेटे का रोल निभाऊं।