भीष्म साहनी की 'तमस' जिसपर बनी फिल्म पर रोक के लिए अदालत में दाखिल की गई थी याचिका, जानिए जज ने क्या कहा था?
By अनिल शर्मा | Published: August 8, 2022 01:38 PM2022-08-08T13:38:41+5:302022-08-08T13:58:26+5:30
भीष्म साहनी की तमस पर गोविंद निहलानी ने कालांतर में एक-एक घंटे के चार एपिसोड बनाए। वे मूल रूप से पंजाब (पाकिस्तान) में इसकी शूटिंग करना चाहते थे, लेकिन आतंकवादी हमलों के कारण फिल्म की शूटिंग मुंबई में ही की। अपने पहले एपिसोड से ही लोकप्रिय हुई तमस विवादों में घिर गई थी। दूरदर्शन पर पहले दो एपिसोड के प्रदर्शन के बाद इसके खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी।
आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार, पटकथा लेखक, कहानीकार भीष्म साहनी की आज जयंती है। भीष्म साहनी को प्रेमचंद की परंपरा का अग्रणी लेखक माना जाता है। साहनी जितने अच्छे साहित्यकार थे उतने ही बढ़िया कलाकार भी थे। सइद मिर्जा की फिल्म 'मोहन जोशी हाजिर हो', में मुख्य कलाकार की भूमिका निभाए थे। वहीं खुद की चर्चित कृति 'तमस' पर इसी नाम से बनी फिल्म में हरनाम सिंह का पाठ अदा किया था। दोनों में उनके सशक्त और सचेत अभिनेता के गुण प्रामाणिक रूप में दिखे।
'तमस' पर फिल्म बनाने का विचार कहां से आया?
सर रिचर्ड एटनबरो गांधी की जब बायोपिक बना रहे थे, इसकी दूसरी यूनिट में गोविंद निहलानी कैमरामैन थे। उन्होंने छुट्टी के दिन होटल में स्थित किताबों की दुकान से भीष्म साहनी की किताब 'तमस' दिखी जिसके शीर्षक से वे खासे प्रभावित हुए। कुछ पन्नों को खंगालने के बाद उन्हें पता चला कि यह कहानी तो विभाजन के बारे में है। निहलानी खुद एक शरणार्थी थे जो विभाजन के बाद भारत आ गए थे। उन्हें ये विषय काफी रोचक लगा और इसपर फिल्म बनाने के विचार किया। वहीं भीष्म साहनी, जिन्होंने निहलानी की फिल्म आक्रोश देखी थी, को विश्वास था कि वे तमस पर फिल्म बना सकते हैं।
रिलीज के बाद विवादों घिर गई 'तमस'
निहलानी ने कालांतर में एक-एक घंटे के चार एपिसोड बनाए। वे मूल रूप से पंजाब (पाकिस्तान) में फिल्म की शूटिंग करना चाहते थे, लेकिन आतंकवादी हमलों के कारण इसकी शूटिंग मुंबई में ही की। अपने पहले एपिसोड से ही लोकप्रिय हुई तमस विवादों में घिर गई थी। दूरदर्शन पर पहले दो एपिसोड के प्रदर्शन के बाद इसके खिलाफ एक याचिका दायर की गई। क्योंकि यह धार्मिक हिंसा की पृष्ठभूमि में सेट की गई थी। वहीं दूरदर्शन के हैदराबाद कार्यालय पर हमला किया गया। निहलानी को अज्ञात लोगों से धमकियां मिलीं जिसके बाद उन्हें दो महीनों तक पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई।
अदालत ने फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया
21 जनवरी 1988 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने व्यवसायी जावेद सिद्दीकी ने एक याचिका दाखिल कर फिल्म पर यह कहते हुए रोक लगाने की मांग की कि यह धारावाहिक "लोगों के दिमाग में जहर घोलेगा। "। हालांकि जज साहब ने रविवार के दिन अदालत में चारों एपिसोड देखे और फैसला दिया कि इनका प्रदर्शन रोका नहीं जा सकता। अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसने (धारावाहिक) ने दोनों समुदायों में "कट्टरपंथियों" के साथ समान व्यवहार किया। धारावाहिक का "संदेश जोरदार और स्पष्ट है"। इस शृंखला को बाद में सिनेमाघरों में चार घंटे की फीचर फिल्म के रूप में रिलीज किया गया। फिल्म को अगस्त 2013 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हिस्ट्री टीवी18 पर आठ भागों में पुनः प्रसारित किया गया था।
तमस के स्टार कास्ट
तमस फिल्म भीष्म साहनी के इसी नाम के हिंदी उपन्यास पर आधारित थी। उपन्यास 1974 में प्रकाशित हुआ था और अगले वर्ष इसे साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला। फिल्म 1988 में रिलीज हुई थी जिसमें अमरीश पुरी, एके हंगल, ओम पुरी, पंकज कपूर, भीष्म साहनी, दीपा साही , सुरेखा सीकरी और बैरी जॉन महत्वपूर्ण भूमिकाओं में थे।