2.0 के बहाने बात उस निर्देशक की, आज तक जिसकी एक फिल्म फ्लॉप नहीं हुई 

By खबरीलाल जनार्दन | Published: March 8, 2018 08:43 AM2018-03-08T08:43:29+5:302018-03-08T09:09:15+5:30

2.0 की रिलीज में करीब 50 दिन बचे हैं। चर्चा है कि अगले तीन-चार दिनों में इसका ट्रेलर रिलीज किया जाएगा। दर्शकों इसको लेकर अभी से उत्साह है। लेकिन कभी उसके डायरेक्टर के बारे में सुना है। शंकर को करीब से जान लीजिए।

All you need to know 2.0 movie director Shankar | 2.0 के बहाने बात उस निर्देशक की, आज तक जिसकी एक फिल्म फ्लॉप नहीं हुई 

2.0 movie

Highlightsनिर्देशक शंकर साल 1996 से सुपरहिट फिल्में देते आ रहे हैं, लेकिन उनकी किसी फिल्म में दोहराव नजर नहीं आताहिन्दुस्तानी, नायक, अपरिचित, आई, रोबोट, शिवाजीः दी बॉस शंकर की प्रमुख फिल्में हैं

हाल ही में जब रजनीकांत की आगामी फिल्म 'काला' का टीजर लॉन्च हुआ, उसी समय एक रोबोट 2 यानी 2.0 का एक अनऑफिशियल टीजर वायरल होने लगा। असल में रोबोट की अगली कड़ी 2.0 (टू प्वाइंट जीरो) का अब बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। इसके पहले कारण तो रजनीकांत हैं। लेकिन दूसरे और रजनीकांत से बड़ा कारण फिल्मकार एस शंकर हैं।

इन्होंने रोबोट में इतना अलग सिनेमा दिखाया कि अब उसके आगे का सिनेमा देखने के लिए लोगों में बेताबी है। शंकर के कहानी चुनने और उस कहानी के प्रस्तुतिकरण का सलीका भीड़ से बेहद अलग होता है। कहानी कहने के लिए बनाए दृश्य आम नहीं लगते। सबसे अहम बात इन ‌फिल्मकार में हैं वो ये कि इन्होंने कभी खुद को दोहराया नहीं। जबकि साल 1993 से सुपरहिट फिल्में देते आ रहे हैं।

इनकी अगली फिल्म 2.0 (टू प्वाइंट जीरो) 27 अप्रैल को रिलीज हो रही है। यह इंथरन (हिन्दी में रोबोट) की आगे की कहानी है। तरण आदर्श समेत कई ट्रेड पंडितों का मानना है कि 'बाहुबली' और 'दंगल' ने जो पैमाने भारतीय सिनेमा के लिए बनाए थे, शंकर की यह फिल्म उस लकीर को और आगे बढ़ाएगी।

अभी तक 2.0 का बस एक मेकिंग वीडियो रिलीज हुआ है वो ये रहा

इस फिल्म के निर्देशक शंकर प्रमुख तौर पर तमिल के निर्देशक हैं। लेकिन उनकी फ‌िल्में सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं और सर्वमान्य भाषा अंग्रेजी में देखने को मिल जाएंगी। हिन्दी में भी उन्होंने कुछ फिल्में बनाई हैं। हम यहां उनके उन फिल्मों का उल्लेख कर रहे हैं, जिन्होंने भाषा, क्षेत्र, समाज के बंधन तोड़कर लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई।

इंडियन (सन् 1996, हिन्दी में हिन्दुस्तानी) 

इंडियन से पहले शंकर ने दो फिल्में बनाई थीं 1993 में दी जेंटलमैन और 1994 में कधलान। दी जेंटलमैन उस वक्त तमिल सिनेमा के इतिहास की सबसे अधिक पैसों में बनने वाली फिल्म थी। इससे एक बात तो जाहिर हो जाती है कि शंकर में आत्मविश्वास का स्तर क्या है। वह अपनी पहली फिल्म में इतना खर्च किए अगर फिल्‍म बेकार होती तो वहीं से उनका बोरिया-बिस्तर बंध जाता। लेकिन फिल्म फेयर ने इसके लिए उन्हें बेस्ट निर्देशक (तमिल) का अवार्ड दिया। अगली फिल्म कधलान भी सफल रही। इसमें प्रभु देवा मुख्य अभिनेता थे। लेकिन शंकर की फिल्म इंडियन (हिन्दी में हिस्दुतानी) इतनी बड़ी सफल रही कि तमिल से निकल उनकी चर्चा देश हर फिल्म के चाहने वालों तक पहुंच गई।

फिल्म ने तब 11 करोड़ रुपये की कमाई की थी। इसे आज की मुद्रास्फीति के कसौटी पर कसें तो करीब 100 करोड़ रुपये हो जाएंगे। फिल्म के मुख्य हीरो कमल हसन थे। वह डबल रोल में थे। पहले किरदार में वह एक ऐसे हिन्दुस्तानी बने थे जिसने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और देश को आजाद कराने में मदद की लेकिन देश के आजाद होने के बाद भी वह अपने उसूलों को नहीं भूलता।

लेकिन आजादी के बाद देश के लोग बदल जाते हैं। वह अपने लोगों से लूट-पाट शुरू कर देते हैं। इसमें उनका बेटा भी शामिल हो जाता है। आखिर में हिन्‍दुस्तानी अपने बेटे को मार देता है। पर फिल्‍म का केंद्र भष्टाचार और उसके खात्मे के बारे में है। शंकर की फिल्में महज परेशानी बता कर खत्म नहीं होती। वह रास्ता सुझाती हैं। इसमें उर्मिला मातोड़कर और मनीषा कोइराला भी हैं। संगीत ए आर रहमान का है।

मुधलवान, सन् 1999 (हिन्दी में नायक, सन् 2001)

साल 1999 में शंकर ने मुधलवान बनाई। इसकी हिन्दी डबिंग करने के बजाए उन्होंने एक नई स्टार कास्ट चुनकर इसी इसी फिल्म को दो साल बाद हिन्‍दी में बनाई। फिल्‍म का नाम था- नायक।यह फिल्‍म कितनी प्रासंगिक और अनोखी आपको इस बात से पता चलेगा कि जब साल 2014 में अरविंद केजरीवाल की सरकार दिल्ली में बनी तो उन्हें नायक फिल्‍म का हीरो बताया गया।कहा गया कि इसकी कल्पना 14 साल पहले शंकर ने कर दी थी। फिल्म की कहानी से आप पहले वाकिफ होंगे। कहानी भ्रष्टाचार मिटाने के लिए सरकार में ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के सक्रियता के बारे में  है। 

फिल्म दिखाती है कि कैसे एक प्रदेश का मुख्यमंत्री चाहे तो उसके प्रदेश में 24 घंटे के भीतर शासन बेहतर हो सकता है। इसमें अनिल कपूर, अमरीश पूरी, श्रीदेवी और सौरभ शुक्ला प्रमुख भूमिकाओं में थे।

अन्नियन (सन 2005, हिन्दी में अपरिचित)

इम्तियाज अली की फिल्म 'तमाशा' के हीरो के जिंदगी का दोहरापन खूब चर्चा में रहा। वह अंदर कुछ और बाहर कुछ होता है। एक समय के बाद वह अपने अंदर के दूसरे आदमी को छिपा नहीं पता है। और सबके सामने अजीब ही हरकत करने लगता है। इस विषय को कॉमेडी बनाते हुए आई फिल्म 'हाउसफुल 3' अक्षय कुमार एक ऐसे ही किरदार में थे। लेकिन बहुत हल्का प्रस्तुतिकरण था। असल में यह एक बीमारी है- इसे मल्टीपल पर्सनॉलिटी डिसऑर्डर कहते हैं। यानी एक शख्स के भीतर कई शख्स।

इस बीमारी को समाज से जोड़कर कैसे एक फिल्‍म में तब्दील किया जाए, आप एक बार अन्नियन या अपरिचित देखेंगे तो पता चलेगा।हॉलीवुड में जब इस तरह की फिल्‍म बनती हैं तो उसे 'हल्क' नाम दिया जाता है। लेकिन भारत तकनीक इतनी आगे नहीं और दर्शकों की ग्राह्य क्षमता भी यह नहीं कहती कि जब कोई शख्स गुस्से में हो तो उसके डिल-डौल किसी ईमारत की सी हो जाएं।धारावाहिक शक्तिमान और कृष में भी एक शख्स दो किरदार जिया करता है लेकिन इसे सुपरहीरो के तर्ज पर किया था। न कि इस ड‌िस्‍ऑर्डर पर केंद्र था।लेकिन भारतीय परिवेश में रहते हुए कैसे इस विषय को फिल्माया जाएं और उसमें कैसे परफेक्ट चीज निकालकर लाई जाए आपको अपिरिचित देखकर पता चलेगा।

शंकर की खूबी है वह गैर-प्रासंगिक फिल्में नहीं बनाते। वह कहानी कहते हैं यथार्थ या डॉक्यूमेंट्री नहीं बनाते। पर उनका प्रस्तुतिकरण प्रासंगिकता का पल-पल खयाल रखता है। यहां अलग से यह बताना भी जरूरी है कि फिल्म के मुख्य हीरो- विक्रम ने फिल्म में तीन आदमियों को अपने अंदर जी रहे आदमी का किरदार निभाया था। और जितनी बखूबी उन्होंने तीनों शख्स की भूमिकाएं अदा की।जिस तरह से वह अपने एक किरदार से दूसरे किरदार में बदलते हैं। और अपने शरीर में ऑन कैमरा परिवर्तन लाते हैं। आपको देखकर अचंभा होगा। इसके लिए उन्हें बेस्ट निर्देशक (तमिल) का फिल्म फेयर अवार्ड मिला।

शिवाजी (सन् 2007, हिन्दी में भी शिवाजी, दी बॉस)

नोटबंदी के बाद आपने ढेर सारे लेख-विचार पढ़े होंगे। यह जानने समझने के लिए कि काला धन यानी ब्लैक मनी का पूरा कॉन्सेप्ट क्या है। काला धन को सफेद कैसे किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले से काला धन पर कैसे लगाम लगेगी। तो एक बार शंकर की करीब 10 साल पहले बनाई गई 'शिवाजी' देख लीजिए। सौभाग्य से यह केवल टीवी पर जमकर आती है।फिल्म काला धन को सफेद बनाने के बारे में है। जिसके पास काला धन रखा हुआ है उन्हें बेनकाब बनाने के बारे में।

फिल्‍म के मुख्य अभिनेता रजनीकांत हैं।माना जाता है कि यह तमिल की पहली फिल्‍म है जिसने 100 करोड़ क्लब में कदम रखा। अहम बात कि तब बॉलीवुड फिल्में भी इतना नहीं कमाती थी। इसकी कुल कमाई 148 करोड़ रुपये है।यह फिल्म निर्देशक के न केवल प्रस्तुतिकरण और कहानी तौर पर और आगे ले गई बल्कि बिजनेस करने के मामले में शंकर नंबर वन हो गए।

इंथ‌िरन (सन् 2010, हिन्दी में रोबोट)

शंकर ने हमेशा कोशिश की है कि वह समय को पकड़े रहें। हमने ऊपर भी जिक्र किया था कि वह अप्रासंगिक फिल्में नहीं बनाते। उनकी फिल्मों में प्रासंगिका के साथ ऊंची तकनीक और सोच के स्तर पर ऊपर जाने के अवकाश रहता है।इंथ‌िरन (हिन्दी में रोबोट) एक ऐसी फिल्‍म है। इस फिल्म ने हिन्‍दी भाषी दर्शकों के बीच शंकर की पहचान को मजबूत कराया। फिल्‍म एक रोबोट में इंसानी जज्‍बात जगने के बारे में है। दुनिया जानती है कि आज रोबोट को लेकर कितने प्रयोग पर प्रयोग किए जा रहे हैं।

हर आवश्यका के लिए मशीनें बनाई जा रही हैं। अमेरिका जैसे राष्ट्रों को छोड़िए भारतीय सेना भी एक रोबोटिक सेना विकसित करने के लिए रातदिन लगी हुई है। ऐसे में उन मशीनों को अगर बहुत ध्यानपूर्वक नहीं बनाया गया तो कैसे-कैसे खतरे हो सकते हैं आपको इंथिरन देख कर अंदाजा लगेगा।फिल्‍म की सफलता के बारे में ऐसे जानिए कि साल 2010 में जब इंथिरन ने 289 करोड़ रुपये की कमाई की थी। तब बॉलीवुड में भी इस आंकड़े तक पहुंचने वाली चुनिंदा फिल्में थीं।

अब इसी के आगे कहानी को लेकर शंकर एक बार फिर आ रहे हैं। पिछली फिल्म में रजनीकांत डबल रोल (हीरो-विलेन दोनों) में थे। इस बार विलेन के लिए बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार को चुना गया है। इसके लिए पहले हॉलीवुड बेहद चर्चित नाम अरनॉल्ड श्वाजनेगर से लेकर सिल्वस्टर स्टोलेन तक का नाम चल रहा था। बाद में अक्षय चुने गए। 2.0 अगले महीने रिलीज होगी।

आई (सन् 2015, हिन्दी में भी आई)

जिन दिनों आई का ट्रेलर लॉन्च हुआ था लोगों को लगा कि किसी हॉलीवुड फिल्म का ट्रेलर चल रहा है। फिल्म देखने पर ऐसा अहसास होता है तकनीकी स्तर पर जहां भारतीय फिल्मकार सोचना बंद शंकर वहीं से शुरू कर करते हैं।शंकर की यह सबसे प्रयोगात्मक फिल्म है। कहानी का केंद्र में आई नाम के एक इंजेक्‍शन है। जिसको अगर किसी को लगा दिया जाए तो व्यक्ति धीरे-धीरे कुरूप, कमजोर और बूढ़ा होता जाता है।

कहानी का दूसरा सिरा ग्लैमर वर्ल्ड, फिल्म की दुनिया में बढ़ती प्रतिस्पर्धा में एक दूसरे को काट खाने की प्रवृति और किसी के साथ कितना बुरा किया जा सकता है इसकी पराष्ठा देखने को मिलेगा। इस फिल्‍म में साहसिक काम अभिनेता विक्रम ने किया है। वह इंजेक्‍शन के असर होन के बाद आधी फिल्म में कमर अजीब ढंग से कमर झुका कर चलते हैं।

इसके लिए उन्होंने एक बार फिर अपने शरीर के बदलाव को बेहतरी से पर्दे पर उतारा था। इस फिल्‍म कहानी सुनने में आम लगती है। लेकिन इसका प्रस्तुतिकरण और विक्रम का अभिनय फिल्म देखते वक्त इतने गहरे उतरता है कि आप फिल्म देखने के बाद दो हैंगओवर में बिताते हैं।

Web Title: All you need to know 2.0 movie director Shankar

बॉलीवुड चुस्की से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे