ब्लॉग: अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती ताकत, कब पहल करेगा भारत
By वेद प्रताप वैदिक | Published: July 19, 2021 10:02 AM2021-07-19T10:02:42+5:302021-07-19T10:04:22+5:30
भारत को यह समझना चाहिए कि यदि अफगानिस्तान में अराजकता फैल गई तो भारत में आतंकवाद बढ़ेगा और वहां हमारा तीन बिलियन डॉलर का विनियोग व्यर्थ चला जाएगा.
भारत के प्रतिभाशाली और युवा फोटो-पत्रकार दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में शहीद हो गए, यह भारत के लिए बेहद दुखद खबर है. अफगान सेनाओं और तालिबान के बीच स्पिन बल्दाक में चल रहे युद्ध के दौरान वे तस्वीर ले रहे थे.
ताशकंद में मध्य एशिया संबंधी बैठक में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के नेता आपस में भिड़ गए और उन्होंने एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे दिए. उसका एक बुरा नतीजा यह भी हुआ कि इस्लामाबाद में दोनों देशों के बीच संवाद होना था, वह टल गया.
दोनों देश बैठकर यह विचार करनेवाले थे कि अफगानिस्तान में अमेरिकी वापसी से जो संकट पैदा हो रहा है, उसका मुकाबला कैसे किया जाए. यह सद्भावनापूर्ण बैठक होती.
ताशकंद में अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आरोप लगाया कि हमलावर तालिबान की मदद करने में पाकिस्तान की फौज जी-जान से लगी हुई है. स्पिन-बल्दाक यानी पाक-अफगान सीमांत पर तालिबान इसीलिए जोर मार रहे हैं कि पाकिस्तानी फौज उनकी पीठ ठोंक रही है.
पाकिस्तान के फौजी प्रवक्ता ने कहा कि यदि सीमांत पर अफगान हवाई हमले होंगे तो पाक फौज चुप नहीं बैठेगी. अशरफ गनी ने कहा है कि पाकिस्तान ने अफगान-सीमा में 10 हजार तालिबानी घुसेड़ दिए हैं. उसने तालिबान पर पर्याप्त दबाव नहीं डाला, वरना वे बातचीत के जरिए इस संकट को हल कर सकते थे.
इमरान खान ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान की कोशिश नहीं होती तो तालिबान बातचीत की मेज पर ही नहीं आते. पाकिस्तान के लगभग 70000 लोग इस संकट के कारण मारे गए हैं और 30 लाख से ज्यादा अफगानी पाकिस्तान में आ बसे हैं. यदि अफगानिस्तान में गृहयुद्ध हुआ तो पाकिस्तान एक बार फिर लाखों शरणार्थियों से भर जाएगा.
पाक-अफगान नेताओं का यह वाक्युद्ध अब कौन शांत करवा सकता है? यह काम सबसे अच्छा अमेरिका कर सकता था लेकिन वह अपना पिंड छुड़ाने में लगा हुआ है. रूस, चीन और तुर्की दोनों अफगान पक्षों के संपर्क में हैं लेकिन उनका पलड़ा काफी हल्का है.
यह काम दक्षिण एशिया का सिरमौर भारत सफलतापूर्वक कर सकता है. हम क्यों नहीं समझते कि यदि अफगानिस्तान में अराजकता फैल गई तो भारत में आतंकवाद बढ़ेगा और वहां हमारा तीन बिलियन डॉलर का विनियोग व्यर्थ चला जाएगा.