राजेश बादल का ब्लॉग: इमरान खान पर घूस लेने का आरोप और तंगहाली में डूबता पाकिस्तान

By राजेश बादल | Published: December 21, 2021 08:59 AM2021-12-21T08:59:46+5:302021-12-21T09:01:40+5:30

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर वहां के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने एक औद्योगिक घराने से हर महीने पचास लाख रुपए की घूस लेने का आरोप लगा दिया है.

Rajesh Badal blog: Pakistan economic condition and Imran Khan accused of taking bribe | राजेश बादल का ब्लॉग: इमरान खान पर घूस लेने का आरोप और तंगहाली में डूबता पाकिस्तान

मुश्किल में पाकिस्तान (फाइल फोटो)

पाकिस्तान मुश्किल में है. जब दोस्त ही दुश्मनों जैसा बर्ताव करने लगें तो वह कहां जाए? हिंदुस्तान का यह पड़ोसी मुल्क अपना अच्छा-बुरा भी नहीं समझ पा रहा है. अपनी विदेश नीति को वह ताश के पत्तों की तरह फेंट रहा है. इसके बाद भी बात नहीं बन रही है. दिवालियेपन के कगार पर खड़े इस देश के लिए अपनी वित्तीय नीति निर्धारित करना भी कठिन हो गया है. 

एक तरफ कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने एक औद्योगिक घराने से हर महीने पचास लाख रुपए की घूस लेने का आरोप लगा दिया है. इस खुलासे के बाद इमरान खान की बोलती बंद है. अवाम का पारा सातवें आसमान पर है.

पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रहे वजीउद्दीन अहमद की ख्याति बेहद ईमानदार और निष्पक्ष जज की है. जब वे सेवानिवृत्त हुए तो उन दिनों नवाज शरीफ सत्ता में थे. मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विरोध में आंदोलन छेड़ दिया था. वजीउद्दीन अहमद साफ-सुथरी सियासत के लिए उनके इस आंदोलन में शरीक हो गए. पर, शीघ्र ही मोहभंग हो गया. 

उन्होंने पाया कि इमरान खान आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं. वहां के चीनी माफिया सरगना जहांगीर तरीन इमरान खान को हर महीने बीस लाख रुपए पहुंचा रहे थे. फिर यह रकम तीस लाख रुपए कर दी गई. प्रधानमंत्री बनने के बाद यह बढ़कर 50 लाख रुपए हो गई. यह माफिया देश में अपने मनमाफिक चीनी पॉलिसी तय करवाता है, बाजार में शक्कर के दाम आए दिन बढ़ाता है, चोरी-छिपे दूसरे देशों से बिना शुल्क अदा किए सस्ती कीमत में शक्कर मंगाता है और ऊंचे दामों पर बेचता है. 

यहां तक कि इमरान खान की कार में पेट्रोल डलवाने से लेकर उन्हें निजी विमान उपलब्ध कराने का काम यही माफिया करता है. फौज के कुछ आला अफसर भी इस खेल में शामिल हैं. प्रधानमंत्री को यह धन उनकी पार्टी के लिए मिलने वाले चंदे से अलग है. पूर्व न्यायाधीश के इस बेबाक खुलासे से इमरान सरकार हक्का-बक्का है.

एक तरफ काला धन पाकिस्तान की सियासत में बह रहा है तो दूसरी तरफ इमरान खान पड़ोसी अफगानिस्तान पर भ्रष्टाचार का खुला आरोप लगाने लगे हैं. रविवार को अपने देश में ही उनकी भद्द पिट गई. उन्होंने अफगानिस्तान के मसले पर इस्लामिक देशों की पंचाट बुलाई. आधे से भी कम देश पहुंचे. इससे खफा इमरान अफगानिस्तान की हुकूमतों पर बरस पड़े. 

उनका आरोप था कि अफगानिस्तान की सरकारें भ्रष्ट रही हैं. इतना सुनना था कि पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भड़क उठे. उन्होंने कहा कि इमरान अफगानिस्तान के प्रवक्ता नहीं हैं और उन्हें मुल्क के अंदरूनी मामलों में दखल देने का कोई हक नहीं है. अफगानिस्तान की खराब हालत के लिए काफी हद तक खुद पाकिस्तान जिम्मेदार है. उसे अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. उनके देश की स्थिति कौन सी बेहतर है? 
पाकिस्तान की जनता भी यह समझती है कि इमरान खान परिणाम देने में नाकाम रहे हैं इसलिए उसका ध्यान बंटाने के लिए कभी कश्मीर तो कभी अफगानिस्तान के मसलों को जोर-शोर से उठाते हैं.
करजई की खरी-खरी बात का समर्थन ज्यादातर प्रतिनिधियों ने किया. हकीकत भी यही है कि पाकिस्तान की माली हालत दिन-ब-दिन खस्ता होती जा रही है. 

वहां के फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के पूर्व अध्यक्ष सैयद शब्बर जैदी ने इमरान सरकार को झूठा बताते हुए दावा किया है कि देश दिवालिया होने जा रहा है. जैदी को इमरान सरकार ने ही इस बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था. मगर यह रिश्ता भी टूट गया. जैदी का दावा है कि पाकिस्तान का केंद्रीय वित्तीय ढांचा चरमरा गया है. इसे नए सिरे से बनाने की जरूरत है, लेकिन सरकार इस बारे में चिंतित नहीं है. 

जैदी के मुताबिक पाकिस्तान पर इस समय 50.5 लाख करोड़ रुपए की उधारी है. इसमें से 20.7 लाख करोड़ रुपए तो अकेले इमरान सरकार ने लिया है. स्पष्ट है कि इमरान सरकार कर्ज लेकर घी पी रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पहले ही और उधार देने से मना कर चुका है और उसके सिर पर एफएटीएफ से ब्लैक लिस्ट होने का गंभीर खतरा मंडरा रहा है. 

बीते दिनों अमेरिका के लोकतांत्रिक शिखर सम्मलेन में निमंत्रण के बाद भी पाकिस्तान ने जाने से साफ इनकार कर दिया था. इसके बाद ब्लैक लिस्ट होने की आशंका बढ़ गई है. इसके बाद पाकिस्तान को लगा कि चीन के दबाव में उससे भयंकर चूक हुई है. इसलिए अब वह बार-बार सफाई दे रहा है. 

उसने यहां तक कहा कि पाकिस्तान अमेरिका या चीन किसी के गुट का हिस्सा नहीं बनना चाहता, जबकि चीन ने उसे भाई जैसा बताया था. अब यही चीन डेढ़ साल से कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है. उसने चाइना-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर का काम डेढ़ साल से बंद कर रखा है. इसी तरह पाकिस्तान के एक और अभिन्न मित्र सऊदी अरब ने चार फीसदी ब्याज पर तीन अरब डॉलर का कर्ज तो दिया, पर बंदिश लगा दी कि पाकिस्तान इसे खर्च नहीं कर सकता. यानी वह अपनी शान में कलगी की तरह इसका इस्तेमाल कर सकता है. सऊदी अरब ने शर्त रखी है कि केवल 72 घंटे के नोटिस पर वह यह पैसा वापस छीन लेगा.

दोस्तों का यह व्यवहार खुद पाकिस्तान ही नहीं समझ पा रहा है. भले ही वह नहीं समझे, लेकिन इससे कोई असहमत नहीं हो सकता कि पाकिस्तान स्वयं अपनी दुर्दशा के लिए दोषी है.

Web Title: Rajesh Badal blog: Pakistan economic condition and Imran Khan accused of taking bribe

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