लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: अमेरिकी चुनाव में ध्रुवीकरण और बढ़ने का अंदेशा

By शोभना जैन | Updated: July 19, 2024 10:28 IST

हाल के हमले के बाद ऐसा लगता है कि जो मध्यमार्गी मतदाता हैं, जो किसी पार्टी से संबद्ध नहीं हैं और वैसे रिपब्लिकन, जो ट्रम्प को लेकर आश्वस्त नहीं थे, ये लोग अब ट्रम्प को समर्थन दे सकते हैं।

Open in App

अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बने 81 वर्षीय राष्ट्रपति जो बाइडेन की सेहत के कारण उनकी उम्मीदवारी को लेकर अभी तक सवालिया निशान लगे हुए हैं। वहीं पूर्व राष्ट्रपति 78 वर्षीय डोनाल्ड ट्रम्प पर हाल ही में उनकी रिपब्लिकन पार्टी की चुनाव सभा में हुए हमले से पिछले कई दशकों से पहले से ही सैद्धांतिक-सांस्कृतिक तौर पर काफी बंट चुके अमेरिका में ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ के रिपब्लिकन नारे के तहत अमेरिका का इकबाल दोबारा बुलंद किए जाने की बात कही जा रही है।

लेकिन इससे देश के अंदर खाइयां और गहरी होने का अंदेशा जताया जा रहा है। खास तौर पर ऐसी स्थिति में वहां यह सवाल और मुखरता से पूछा जा रहा है कि क्या यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दिशा बदल सकता है?

अमेरिकी चुनाव के मतदान में चार महीने बचे हैं लेकिन समाज में राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक अलगाव इस कदर बढ़ चुका है कि विभाजन खत्म होने की उम्मीद नजर नहीं आती। अगर राजनीतिक ध्रुवीकरण की बात करें तो वह बहुत अधिक हो चुका है। लेकिन वहां अगर तनावपूर्ण हालात में किसी तरह की राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति पैदा होती है तो यह पूरी दुनिया के लिए अच्छी खबर नहीं होगी। कुल मिलाकर इस सबके चलते चुनाव में अब तक व्यापार नीति, विदेश नीति, आव्रजन, गर्भपात जैसे अहम चुनावी मुद्दे फिलहाल तो दबे ही नजर आते हैं।

दरअसल अमेरिका की राजनीतिक संस्कृति में, जो व्यक्ति डेमोक्रेट या रिपब्लिकन होता है, माना जाता है कि जीवन भर अपनी पार्टी का समर्थक बना रहता है। ऐसे बहुत कम लोग अपनी पसंदीदा पार्टी को छोड़कर विरोधी पार्टी के लिए मतदान करते हैं। लेकिन हाल के हमले के बाद ऐसा लगता है कि जो मध्यमार्गी मतदाता हैं, जो किसी पार्टी से संबद्ध नहीं हैं और वैसे रिपब्लिकन, जो ट्रम्प को लेकर आश्वस्त नहीं थे, ये लोग अब ट्रम्प को समर्थन दे सकते हैं। हालांकि इस घटना के बाद दोनों शीर्ष नेताओं ने शांति की अपील की है लेकिन गन लॉबी ने अमेरिकी समाज, विशेष तौर पर युवाओं में अपनी गहरी पैठ बना ली है।

अमेरिका में लोगों को हथियार रखने का कानूनी अधिकार है। अधिकतर नागरिकों के पास बंदूकें हैं। अमेरिका में ‘गन लॉबी’ बहुत ताकतवर है और हिंसक माहौल बनाने में उसकी भी एक भूमिका है। ट्रम्प इस लॉबी के बड़े समर्थक हैं।

बहरहाल, यह तो भविष्य ही बताएगा कि क्या चुनाव के बाद जो भी राष्ट्रपति बनेगा उससे समाज में अलगाव कुछ कम होगा, लेकिन चुनाव प्रचार जिस तरह से आक्रामक होता जा रहा है, खास तौर पर ट्रम्प और उनके समर्थक जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं, उससे ऐसी संभावना क्षीण ही नजर आती है।

टॅग्स :डोनाल्ड ट्रंपUSजो बाइडनअमेरिका
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

कारोबारRupee vs Dollar: अब तक के सबसे निचले स्तर पर रुपया, डॉलर के मुकाबले 28 पैसे टूटा; जानें कैसे उठेगा

विश्वएलन मस्क की चिंता और युद्ध की विभीषिका

विश्वTrump Health Report: व्हाइट हाइस ने जारी किया राष्ट्रपति ट्रंप का एमआरआई स्कैन, जानें हेल्थ रिपोर्ट में क्या आया सामने

विश्वअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए दो तीखे लाल मिर्च..!

विश्व अधिक खबरें

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए