पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अपने बड़बोलेपन से एक बार फिर पाकिस्तान की टुच्ची मानसिकता को ही उजागर किया है. उनकी गीदड़भभकी कोई नई बात नहीं है लेकिन यह बात जरूर हैरान करने वाली है कि उन्होंने अमेरिका की धरती से परमाणु युद्ध की धमकी दी! तो क्या इसके पीछे ट्रम्प का वरदहस्त है? जो भी हो, भारत ने इसका करारा जवाब दे दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि मुनीर की टिप्पणी ने सेना और आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ वाले पाकिस्तान में परमाणु कमान और नियंत्रण की विश्वसनीयता को लेकर व्याप्त संदेह को और पुष्ट किया है.
अमेरिका को भी कड़ा संदेश देते हुए मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह खेदजनक है कि ये टिप्पणियां किसी तीसरे मित्र देश की धरती से की गई हैं. मुनीर की गिरी हुई मानसिकता का अंदाजा उनके उस उदाहरण से लगाया जा सकता है जो उन्होंने फ्लोरिडा के टाम्पा में पाकिस्तानी प्रवासियों को संबोधित करते हुए दिया. उन्होंने भारत की तुलना चमचमाती मर्सिडीज कार से की, जो हाईवे पर फर्राटा भर रही है, जबकि पाकिस्तान को कबाड़ ढोने वाला ट्रक बताया. पाक सेना प्रमुख ने कहा कि सोचिए अगर इन दोनों गाड़ियों की टक्कर हो जाए तो नुकसान किसका होगा? अर्थात मुनीर अपने देश को भी भारत की तरह चमचमाती मर्सिडीज कार नहीं बनाना चाहते, बल्कि अपने कबाड़ ढोने वाले ट्रक से भारत को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं!
मुनीर ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तान कुएं के उस मेंढक की तरह है जो खुद तो कुएं से बाहर निकलना नहीं चाहता, लेकिन निकलने वालों की टांग खींचकर उन्हें भी गिराने की कोशिश करता है. परमाणु युद्ध की धमकी देते हुए मुनीर ने कहा कि अगर हमें लगता है कि हम नीचे जा रहे हैं तो हम अपने साथ आधी दुनिया को भी नीचे ले जाएंगे. आतंकवादियों की भाषा में और पाकिस्तान के सेना प्रमुख की भाषा में आखिर क्या फर्क रह गया है? मुकेश अंबानी को धमकी देते हुए उन्होंने जामनगर रिफाइनरी-जो दुनिया का सबसे बड़ा रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स है, को सीधे तौर पर निशाना बनाने की बात भी कही.
मुनीर की इस घटिया सोच के सामने आने के बाद भी क्या किसी को इस बारे में कोई शक हो सकता है कि पाकिस्तान क्यों बदहाली का शिकार बना हुआ है? जहां तक भारत पर उसकी परमाणु युद्ध की धमकी के असर का सवाल है, भारत ने एक नहीं अनेक बार साबित किया है कि वह उसकी गीदड़भभकियों से नहीं डरता. आपरेशन सिंदूर इसका ताजा उदाहरण है. इसके पहले वर्ष 2016 में भारत ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और 2019 में भी नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकवादी शिविरों को ध्वस्त किया था. पहले भी पाकिस्तान की परमाणु ब्लैकमेलिंग की कोशिशों का भारत करारा जवाब देता रहा है.
1999 में कारगिल युद्ध के दौरान जब पाकिस्तान ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी तो तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि पाकिस्तान ने अगर ऐसी हिमाकत की और परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया तो पाकिस्तान के लोग कल का सूरज नहीं देख पाएंगे.
यह विडंबना ही है कि पाकिस्तान साथ-सुथरा बनने की बजाय खुद को कीचड़ में लपेटकर यह भय दिखाता है कि वह दूसरों से लिपटकर उन्हें भी कीचड़ में सान देगा! लेकिन उसे शायद नहीं पता कि जो देश चमचमाती मर्सिडीज की तरह हाईवे पर फर्राटा भरने की ताकत रखते हैं, उनके भीतर कबाड़ भरे ट्रकों से टकराए बिना दूसरे तरीकों से भी उन्हें नेस्तनाबूद करने की क्षमता होती है!