शोभना जैन का ब्लॉग: दहकता पश्चिम एशिया हिंसा के नए भयावह दौर के मुहाने पर?

By शोभना जैन | Updated: August 2, 2024 12:41 IST2024-08-02T12:40:19+5:302024-08-02T12:41:08+5:30

हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनियेह के ईरान की राजधानी तेहरान में एक हमले में मारे जाने और उसके बाद के घटनाक्रम से पश्चिम एशिया में चल रहे घमासान में एक नया भयावह अध्याय शुरू होने की आशंका है.

Is West Asia on the cusp of a terrifying new wave of violence? | शोभना जैन का ब्लॉग: दहकता पश्चिम एशिया हिंसा के नए भयावह दौर के मुहाने पर?

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनियेह के ईरान की राजधानी तेहरान में एक हमले में मारे जाने और उसके बाद के घटनाक्रम से पश्चिम एशिया में चल रहे घमासान में एक नया भयावह अध्याय शुरू होने की आशंका है. एक ओर हमास के नेता इस्माइल हनियेह की मौत हुई, दूसरी तरफ हिज्बुल्लाह के टॉप कमांडर फौद शुकुर की लेबनान में हुए हमले में मौत से संकट और गंभीर हो गया है. 

पिछले कुछ समय से एक तरफ जहां हमास और इजराइल के बीच संघर्ष विराम की कोशिशें की जा रही थीं वहीं इन हत्याओं से हालात बेहद बिगड़ते नजर आ रहे हैं. इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि हनियेह के अंतिम संस्कार में न केवल ईरान बल्कि पश्चिम एशिया, ट्यूनीशिया, मलेशिया, मोरक्को सहित सभी देशों में लोग संवेदना प्रगट करने के लिए सड़कों पर प्र्दर्शन कर रहे हैं. 

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने खुद हनियेह के अंतिम समारोह में शामिल होकर साफ संकेत दिया कि ईरान का इस हत्याकांड के बाद इजराइल के खिलाफ और आक्रामक रूप होने वाला है और ईरान ने अब इजराइल के खिलाफ बदला लेने के लिए युद्ध का ऐलान भी कर दिया है. दूसरी तरफ अमेरिका ने भी चेतावनी दी है कि इस संघर्ष को और खूनी बनने से रोका जाए. 

इस तमाम नए घटनाक्रम के चलते घमासान के और भयावह होने की आशंकाओं के बीच सवाल है कि युद्ध विराम का क्या होगा. हनियेह इजराइल के साथ अहम युद्ध विराम वार्ता में हमास की तरफ से मुख्य वार्ताकार थे. साथ ही युद्ध बंदियों की रिहाई वार्ता में भी उनकी अहम भूमिका रही है. युद्ध बंदियों के मामले पर अब कैसे निपटा जाएगा और सबसे अहम बात यह कि क्या यह युद्ध इस समूचे क्षेत्र में फैलेगा? 

दरअसल हनियेह की हत्या सामरिक और प्रतीकात्मक दोनों रूप में ही हमास के लिए बड़ा झटका है. वे विदेशों में रहकर मुख्य तौर पर हमास की राजनीतिक गतिविधियों को संभाल रहे थे. इस क्षेत्र की भारत के लिए खास अहमियत है, इस मामले से जुड़े सभी पक्ष भारत के लिए अहम हैं. भारत इस क्षेत्र में तात्कालिक शांति और स्थिरता का पक्षधर रहा है. लगभग 90 लाख भारतीय वहां काम करते हैं. 

भारत इस मामले की संवेदनशीलता के मद्देनजर स्थिति पर सतर्कता से नजर रखे हुए है. भारत को अपनी जरूरत का दो तिहाई खनिज तेल इसी क्षेत्र से मिलता है. बहरहाल, दोनों पक्षों की आक्रामकता देखते हुए यह आशंका घनी होती जा रही है कि कहीं यह युद्ध समूचे क्षेत्र में न फैल जाए. इसीलिए दुनिया भर की ताकतें वहां इस भयावह स्थिति को रोकने के लिए प्रयासरत हैं.

Web Title: Is West Asia on the cusp of a terrifying new wave of violence?

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