लाइव न्यूज़ :

शोभना जैन का ब्लॉग: पाक में अल्पसंख्यक उत्पीड़न का पर्दाफाश हो

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 30, 2019 06:57 IST

विदेश मंत्नी स्वराज ने जब इस  मामले में पाकिस्तान स्थित भारतीय राजदूत से रिपोर्ट मांगी तो पाकिस्तान के सूचना मंत्नी तमतमा गए और उन्होंने इसे पाकिस्तान का आंतरिक मामला करार देते हुए आरोप लगा डाला कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं.

Open in App

 पाकिस्तान में हाल ही में दो अलग-अलग घटनाओं में तीन नाबालिग हिंदू लड़कियों के अपहरण और उनके जबरन धर्मातरण व शादी के मामलों से भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से चल रहे तनाव भरे माहौल में तल्खी बढ़ना स्वाभाविक ही है.

इन घटनाओं से एक बार फिर साबित हुआ है कि इमरान खान के ‘नया पाकिस्तान’ में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न, मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाना  बदस्तूर जारी है. इस घटना को लेकर भारतीय विदेश मंत्नी सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के सूचना मंत्नी फवाद चौधरी के बीच वाक्युद्ध हुआ.

विदेश मंत्नी स्वराज ने जब इस  मामले में पाकिस्तान स्थित भारतीय राजदूत से रिपोर्ट मांगी तो पाकिस्तान के सूचना मंत्नी तमतमा गए और उन्होंने इसे पाकिस्तान का आंतरिक मामला करार देते हुए आरोप लगा डाला कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं. विदेश मंत्नी सुषमा ने  भी इस पर सख्ती से कहा ‘आपकी यह प्रतिक्रिया आप का दोष ही दर्शाती है.’ 

भारत ने उठाया मुद्दा 

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू, सिख समुदाय की दुर्दशा का मामला  भारत उठाता रहा है. लेकिन इस बार जिस तरह से भारत ने यह मुद्दा उठाया है, उस पर एक वर्ग का तर्क है कि भाजपानीत एनडीए सरकार ने चुनावी मौसम के मद्देनजर अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का मुद्दा इस आक्रामकता से उठाया है.

निश्चित तौर इस मुद्दे को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए, लेकिन इस तरह के उत्पीड़न का अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी के सम्मुख लगातार मुखरता से पर्दाफाश किया जाना चाहिए. पाकिस्तान स्वयं तो भारत पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की चिंताओं को लेकर घड़ियाली आंसू बहाता है लेकिन अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर उसका खुद का रिकॉर्ड दागदार रहा है.

 गौरतलब है कि सिंध प्रांत में दो  नाबालिग जुड़वां बहनों और उसके दो दिन बाद ही एक और नाबालिग बच्ची  का अपहरण, धर्मातरण और जबरन विवाह को लेकर इलाके में हिंदू समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किए. चौतरफा आलोचना से घिरी इमरान सरकार ने मामले की लीपापोती करते हुए जांच के आदेश दिए जिसके बाद निकाह में मददगार शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन इस तरह के मामलों में लीपापोती जैसी कार्रवाई करने की बजाय ईमानदार मंशा से कदम उठाने की जरूरत होती है.

पाकिस्तान में,  इस तरह की घटनाओं के सबसे अधिक मामले सिंध प्रांत में (25 मामले हर महीने) सामने आते हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में लगभग 75 लाख हिंदू रहते हैं जिसमें सर्वाधिक सिंध प्रांत में हैं. पाकिस्तान में हिंदू आबादी सर्वाधिक बड़ी अल्पसंख्यक आबादी है.

इमरान खान की लीपापोती 

इमरान की पार्टी पीटीआई ने गत चुनावों से पहले हिंदू बच्च्यिों के जबरन विवाह और धर्मातरण पर रोक लगाने के लिए कारगर कदम उठाने की बात कही थी. इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार  नया पाकिस्तान  में सभी धर्म के लोगों के लिए समानता के दावे कर रही है लेकिन अल्पसंख्यकों के खिलाफ आए दिन हो रही घटनाएं उनके दावे की पोल खोल रही हैं.

टॅग्स :पाकिस्तानइमरान खान
Open in App

संबंधित खबरें

भारतअलकायदा की तरह आरएसएस?, कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा-समझौता एक्सप्रेस में क्या हुआ, सब जानते?

विश्वभारत ने 10 मई की सुबह नूर खान वायुसेना अड्डे पर हमला किया था?, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने किया कबूल

भारतगांधी और नेहरू का भारत लिंचिस्तान में तब्दील होता जा रहा?, महबूबा मुफ्ती के बिगड़े बोल, कहा-जम्मू कश्मीर के लोग एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं, वीडियो

विश्वभारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान “बंकर में छिपने” की सलाह दी गई थी?, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का खुलासा

क्रिकेटबाबर आजम, मोहम्मद रिजवान, शाहीन अफरीदी और हारिस रऊफ को टीम से किया बाहर, टी20 विश्व कप से पहले पाकिस्तान टीम बड़ा बदलाव, देखिए लिस्ट

विश्व अधिक खबरें

विश्वसिंगापुर के हिंदू समुदाय को सरकार ने दी नई सुविधा, 50 एसजीडी देकर बुक कराएं, जानें असर

विश्वसो रहे थे लोग, 16 बुजुर्ग जिंदा जले, इंडोनेशिया के वृद्धाश्रम में भयावह हादसा

विश्वMexico Train Derailment: 13 की मौत और 98 घायल, प्रशांत महासागर को मेक्सिको की खाड़ी से जोड़ने वाली रेल लाइन पर हादसा,  इंटरओशनिक ट्रेन पटरी से उतरी, वीडियो

विश्वशरीफ उस्मान हादी की हत्या, फरार 2 संदिग्ध फैसल और आलमगीर?, पुलिस का दावा- भारत के मेघालय में घुसे?, बीएसएफ ने कहा- निराधार और भ्रामक

विश्वबांग्लादेश चुनाव 2026ः एनसीपी के 30 नेताओं का विरोध और 2 ने दिया इस्तीफा, जमात-ए-इस्लामी के साथ गठजोड़ पर विरोध