गहराते ट्रेड वॉर की छाया में जी-20 शिखर बैठक

By शोभना जैन | Published: June 29, 2019 12:45 PM2019-06-29T12:45:55+5:302019-06-29T12:45:55+5:30

दरअसल बड़ी महाशक्तियों  की इस बढ़ती प्रतिद्वंद्विता में भारत की एक अहम भूमिका बनी है, ऐसे में उसके सम्मुख संतुलनकारी नीति अपनाते हुए अपने राष्ट्रीय और सामरिक हितों की रक्षा करने की चुनौती है.

G20 summit in the shadow of Dark Trade War | गहराते ट्रेड वॉर की छाया में जी-20 शिखर बैठक

गहराते ट्रेड वॉर की छाया में जी-20 शिखर बैठक

Highlightsविश्व व्यापार संगठन के मुताबिक, वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही में विश्व व्यापार सूचकांक घटकर 96.3 प्रतिशत हो गया.तर्राष्ट्रीय प्रत्यक्ष निवेश की मात्ना 13 प्रतिशत गिरकर 13 खरब अमेरिकी डॉलर तक रही, जो वर्ष 2008 के वित्तीय संकट से सबसे निम्न है.

जापान के ओसाका में चल रही जी-20 शिखर बैठक इस बार गहराते ट्रेड वॉर की छाया में, चिंता के माहौल में हो रही है. एक तरफ अमेरिका चीन के बीच व्यापार युद्ध चरम सीमा पर है जिसके परिणामों को लेकर पूरी दुनिया में संकट बना ही हुआ था, वहीं हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक मुद्दों को लेकर भी तनाव उत्पन्न हो गया.

हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्नी माइक पोंपियो की  इस सप्ताह की भारत यात्ना से पहले इस गतिरोध को सुलझाने के लिए सकारात्मकता नजर आई और व्यापार सहित ‘असहजता’ वाले  अन्य मुद्दों पर बात कुछ आगे बढ़ने की उम्मीद जगी थी, लेकिन ओसाका बैठक से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक ट्वीट से भारत और अमेरिका के बीच व्यापार, शुल्क दरों को लेकर चल रहे इस गतिरोध को दूर करने की दिशा में उत्पन्न सकारात्मकता पर प्रश्न चिह्न् सा लग गया.  

वैसे उसके बाद ओसाका में जब प्रधानमंत्नी नरेंद्र  मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई तो मुलाकात में ट्रम्प की अल्टीमेटम की भाषा से दूर,  माहौल  में सहजता नजर आई. बाद में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बारे में भारत ने कहा कि ‘व्यापार’ के मुद्दों के बारे में  दोनों देश बाद में बातचीत करेंगे. वैसे इस मुलाकात में दोनों शिखर नेताओं ने ‘असहजता’ वाले अन्य मुद्दों ईरान, जी 5, और रूस से एस-400 मिसाइल खरीद वाले सौदे पर अमेरिका के विरोध पर भी संक्षिप्त चर्चा की. इस द्विपक्षीय बैठक के अलावा भारत, रूस और चीन के बीच भी अहम त्रिपक्षीय बैठक हुई, जिसमें वैश्विक व्यापार गतिरोध वाले मुद्दों पर चर्चा हुई. 

दरअसल बड़ी महाशक्तियों  की इस बढ़ती प्रतिद्वंद्विता में भारत की एक अहम भूमिका बनी है, ऐसे में उसके सम्मुख संतुलनकारी नीति अपनाते हुए अपने राष्ट्रीय और सामरिक हितों की रक्षा करने की चुनौती है. साथ ही समान विचारों वाले देशों के साथ उसका भी प्रयास यही है कि एक ऐसी व्यापारिक  अर्थव्यवस्था बने जिसका सभी लाभ ले सकें. इस शिखर सम्मेलन का थीम मानव केंद्रित भावी समाज है, लेकिन  निश्चय ही दुनिया की  आज की और कल की कारोबारी पेचीदगियां ही सम्मेलन में मंत्नणा का मुख्य मुद्दा हैं.

वैश्विक आर्थिक स्थिति की अगर बात करें तो विश्व व्यापार संगठन के मुताबिक, वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही में विश्व व्यापार सूचकांक घटकर 96.3 प्रतिशत हो गया. यह वर्ष 2010 से सबसे निम्न स्तर माना जाता है. उधर संयुक्त राष्ट्र व्यापार व विकास सम्मेलन द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, गत वर्ष अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यक्ष निवेश की मात्ना 13 प्रतिशत गिरकर 13 खरब अमेरिकी डॉलर तक रही, जो वर्ष 2008 के वित्तीय संकट से सबसे निम्न है. इस सबके चलते जी-20 शिखर बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. 

Web Title: G20 summit in the shadow of Dark Trade War

विश्व से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :japanजापान