डॉ. विजय दर्डा का ब्लॉग: एलियंस ने आपका दरवाजा खटखटाया तो ?

By विजय दर्डा | Published: September 18, 2023 07:27 AM2023-09-18T07:27:28+5:302023-09-18T07:33:55+5:30

एलियंस यानी दूसरे ग्रह के अनजान जीवों की मौजूदगी का सवाल एक बार फिर चर्चा में है। जब भी कहीं कोई यूएफओ (अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट) यानी उड़न तश्तरी दिखाई देती है तो एलियंस को लेकर चर्चाएं गर्म हो जाती हैं।

Dr. Vijay Darda's Blog: What if aliens knock on your door? | डॉ. विजय दर्डा का ब्लॉग: एलियंस ने आपका दरवाजा खटखटाया तो ?

साभार- ट्विटर

Highlightsएलियंस यानी दूसरे ग्रह के अनजान जीवों की मौजूदगी का सवाल एक बार फिर चर्चा में हैदुनिया के किसी देश की संसद में एलियंस के शव दिखाए गए हैं और वह देश है मैक्सिकोएलियंस के इन शवों पर गौर फरमाएं तो ये इंसानी शरीर से अलग नजर आते हैं

एलियंस यानी दूसरे ग्रह के अनजान जीवों की मौजूदगी का सवाल एक बार फिर चर्चा में है। जब भी कहीं कोई यूएफओ (अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट) यानी उड़न तश्तरी दिखाई देती है तो एलियंस को लेकर चर्चाएं गर्म हो जाती हैं। दावे-प्रतिदावे किए जाते हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब दुनिया के किसी देश की संसद में एलियंस के शव दिखाए गए हैं। वह देश है मैक्सिको।

उड़न तश्तरी विशेषज्ञ और जाने-माने पत्रकार जेम मोसान ने दावा किया कि ममी बन चुके ये 1000 साल पुराने शव दूसरे ग्रह के जीवों यानी एलियंस के हैं और पेरू की खान से मिले हैं। इन शवों पर गौर फरमाएं तो ये इंसानी शरीर से अलग नजर आते हैं। जैसे इंसान के हाथ और पैरों में पांच-पांच उंगलियां होती हैं जबकि एलियंस के इन शवों में तीन-तीन उंगलियां ही हैं। इनकी उंगलियां किसी इंसान की उंगलियों से करीब-करीब दोगुना बड़ी हैं। उनकी पसलियों की संरचना भी इंसान से अलग है।

मोसान ने बताया कि यूएफओ सैंपल्स पर हाल ही में ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ मैक्सिको में स्टडी हुई थी। यहां वैज्ञानिकों ने इन शवों के डीएनए की रेडियोकार्बन डेटिंग के माध्यम से  जांच की। इन शवों की हड्डियां इंसानी हड्डियों से हल्की लेकिन बहुत मजबूत हैं। मेक्सिकन संसद में चर्चा के दौरान हार्वर्ड एस्ट्रोनॉमी डिपार्टमेंट ने  सरकार से एलियन पर स्टडी के लिए मंजूरी देने की भी मांग की।

महत्वपूर्ण बात यह है कि मैक्सिको के जिस इलाके से ये शव मिले हैं वहां कोई घास-पतवार नहीं उगती, बड़े-बड़े चित्र बने हैं, इतने बड़े आकार के रेडियो कंडक्टर हैं जो कोई मनुष्य तो नहीं बना सकता। इससे शंका पैदा होती है कि क्या एलियंस का इस इलाके से संपर्क है?

दिलचस्प बात यह है कि इस मामले की जिज्ञासा की व्यापकता के कारण संसद में हुई चर्चा का लाइव टेलीकास्ट भी किया गया। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस कार्यक्रम में अमेरिकी नेवी के पूर्व पायलट रायन ग्रेव्स भी मौजूद थे। ये वही रायन हैं जिन्होंने अमेरिकी संसद में दावा किया था कि जब वे नौकरी में थे तब उन्होंने एलियंस का स्पेसक्राफ्ट देखा था।

पिछले साल अमेरिकी संसद में भी एलियंस को लेकर चर्चा हुई थी। तब यूएस नेवी के पूर्व इंटेलिजेंस ऑफिसर रिटायर्ड मेजर डेविड ग्रश ने यह कह कर सबको चौंका दिया था कि उड़न तश्तरियों और एलियंस के मामले में अमेरिका कई जानकारियां दुनिया से छिपा रहा है।

उनका तो दावा यहां तक है कि अमेरिका ने एलियंस और उड़न तश्तरियों को पकड़ा भी है और वह उड़न तश्तरियों की रिवर्स इंजीनियरिंग पर शोध भी कर रहा है। वैसे उनके दावे को अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने बेबुनियाद करार दिया था और कहा था कि अमेरिका ने एलियंस से जुड़ा कोई कार्यक्रम कभी चलाया ही नहीं।

वैसे अमेरिका को लेकर और भी कई चर्चाएं चलती रही हैं मसलन यह कहा जाता है कि उसके नेवाडा राज्य में एरिया-51 नाम की एक ऐसी जगह है जहां एलियंस पर रिसर्च चल रही है। कहा जाता है कि न्यू मैक्सिको में 27 हजार मील प्रतिघंटे की रफ्तार से एक उड़न तश्तरी क्रैश हुई थी। उसका मलबा 1951 में इस इलाके में लाया गया इसलिए इसे एरिया-51 कहते हैं।

यह भी कहा जाता है कि अमेरिका के पास एलियंस के शव भी हैं। पत्रकार एनी जैकबसन ने अपनी किताब ‘एरिया 51 : एन अनसेंसर्ड हिस्ट्री ऑफ अमेरिकाज टॉप सीक्रेट मिलिट्री बेस’ में कई रहस्यमयी चर्चाएं की हैं। उन्होंने लिखा है कि उनके एक सूत्र ने उन्हें बताया कि बच्चों के आकार के एलियंस पायलट पकड़े गए थे। अब चूंकि कोई प्रमाण तो है नहीं इसलिए यह कहना बड़ा मुश्किल है कि क्या वाकई एलियंस और उड़न तश्तरियों के बारे में उसे कोई जानकारी है।

वैसे दुनिया के कई इलाकों में उड़न तश्तरियों को देखे जाने के दावे किए जाते रहे हैं। यहां तक कि भारत और चीन सीमा पर भी इस तरह की चीज कई बार दिखाई दी है। शुरू में तो ऐसा लगा कि चीन ने कोई ड्रोन तो नहीं छोड़ा है लेकिन वह कभी रडार में नहीं आया इसलिए शंका बनी रही है कि वो उड़न तश्तरियां रही होंगी।

2003 में चिली के रेगिस्तान में  ट्रेजर हंटर ऑस्कर मुनो को 6 इंच के बच्चे का शव मिला तो मान लिया गया कि यह किसी एलियन का शव है। उस शव की शारीरिक संरचना में केवल 10 पसलियां थीं, जबकि सामान्य मनुष्य के शरीर में 12 जोड़ी पसलियां होती हैं, बाद में जेनेटिक जांच-पड़ताल से पता चला कि खास तरह की बीमारी के कारण वह बच्चा विकृत पैदा हो गया था, तो ऐसे कई दावे और प्रतिदावे होते रहे हैं।

विज्ञान जगत कही-सुनी बातों और धारणाओं पर विश्वास नहीं करता है। विज्ञान को प्रमाण चाहिए। हालांकि वैज्ञानिकों ने एलियंस की मौजूदगी की संभावनाओं से कभी इंकार नहीं किया। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ब्रह्मांड के किसी सितारे पर जिंदगी का कोई रूप मौजूद हो तो कोई आश्चर्य नहीं। इसी विश्वास के कारण अपनी गैलेक्सी से लेकर ब्रह्मांड के हर हिस्से की पड़ताल हमारा विज्ञान करने की कोशिश कर रहा है। अंतरिक्ष विज्ञान तेजी से विकसित हो रहा है। हम भी संदेश पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, ब्रह्मांड से मिलने वाले संदेश को भी समझने की कोशिश कर रहे हैं। जाहिर सी बात है कि संदेश की भाषा सिग्नल्स हैं।

पिछले साल केवल 82 घंटे की अवधि में 1863 रेडियो सिग्नल वैज्ञानिकों ने पकड़े। इन सिग्नल्स का अध्ययन करने वाले चीनी अंतरिक्ष वैज्ञानिक और एस्ट्रोनॉमर हेंग शू का दावा है कि ये रेडियो सिग्नल्स भारी मैग्नेटिक फील्ड वाले न्यूट्रॉन स्टार से आ रहे हैं। अभी कुछ पता नहीं कि ये रेडियो सिग्नल्स क्यों आ रहे हैं? क्या कोई इन्हें भेज रहा है? आखिर हमने भी तो अंतरिक्ष में कई रेडियो सिग्नल्स भेजे हैं। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस तरह के रेडियो सिग्नल्स अलग-अलग स्वरूपों में पहले भी आते रहे हैं।

15 अगस्त 1977 को अमेरिका के ओहयो स्थित बिग ईयर टेलिस्कोप ने एक सिग्नल पकड़ा था जो 200 प्रकाश वर्ष दूर से आया था। इस दूरी को इस तरह समझें कि प्रकाश की गति प्रति सेकंड करीब 3 लाख किलोमीटर होती है। हिसाब लगाते रहिए कि 200 वर्ष में प्रकाश जितनी दूर पहुंचेगा, उसी दूरी से वो सिग्नल मिला था।

एलियंस को लेकर मैंने महान वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से पूछा था कि एलियंस वास्तव में होते हैं या नहीं। उन्होंने बड़ी गंभीरता के साथ कहा कि हमारी धरती से बहुत बड़े-बड़े ग्रह और तारे इस ब्रह्माण्ड में मौजूद हैं, ऐसे में एलियंस की  मौजूदगी से इंकार नहीं किया जा सकता।

महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कहा था कि आप यदि यह सोचते हैं कि एलियंस नहीं होते हैं तो यह उसी तरह का मामला है कि आप समंदर से एक चम्मच पानी निकालें और उसकी जांच-पड़ताल करके कहें कि इसमें शार्क या व्हेल नहीं है!

हमारा विज्ञान जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, उम्मीद करें कि हम किसी दिन एलियंस के संपर्क में जरूर आएंगे लेकिन बहुत बड़ा सवाल है कि यदि सचमुच किसी दिन एलियंस ने हमारा आपका दरवाजा खटखटाया तो हम क्या करेंगे? क्या हम उनका कुछ करेंगे या फिर वो हमारा कुछ करेंगे? उनकी भाषा क्या होगी? उनका बर्ताव क्या होगा? क्या वैसा ही होगा जैसा हम फिल्मों में देखते हैं? चलिए, वक्त का इंतजार करते हैं।

Web Title: Dr. Vijay Darda's Blog: What if aliens knock on your door?

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