अश्विनी महाजन का ब्लॉग: चीन अब भविष्य में नहीं रह पाएगा दुनिया का ग्रोथ इंजन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 3, 2020 08:04 PM2020-05-03T20:04:24+5:302020-05-03T20:04:24+5:30

कोरोना महामारी के पहले से ही अमेरिका ने चीन के विरोध में व्यापार युद्ध छेड़ रखा था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आयात शुल्क बढ़ाते हुए चीन से आने वाले आयातों पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया था. कोरोना महामारी के बाद अमेरिका की ओर से चीन द्वारा इस वायरस को या तो जानबूझकर फैलाने अथवा जानबूझकर उसके खतरों को दुनिया से छिपाने के बारे में कई आरोप भी लगाए जा रहे हैं. स्वाभाविक है कि इस सबके चलते चीन से अमेरिका को निर्यात प्रभावित होंगे.

Ashwini Mahajan blog: China will no longer be able to be growth engine of world in future | अश्विनी महाजन का ब्लॉग: चीन अब भविष्य में नहीं रह पाएगा दुनिया का ग्रोथ इंजन

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग। (फाइल फोटो)

हाल ही में चीन के सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चीन की अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष की तुलना में 2020 की पहली तिमाही के दौरान 8.1 प्रतिशत सिकुड़ गई है. पिछले तीन दशकों में यह गिरावट पहली बार देखी गई है. एक तरफ चीन में कोरोना महामारी की मार के कारण उसको अपने उत्पादन केंद्रों को बंद करना पड़ा तो दूसरी ओर दुनिया भर में इस महामारी के प्रकोप के चलते अन्य देशों में चीनी माल की खपत में भी भारी कमी के चलते चीन में लॉकडाउन के खुलने के बाद भी मांग में उठाव दिखाई नहीं दे रहा है.

चीनी माल के विदेशी ग्राहकों ने या तो अपने ऑर्डरों को स्थगित कर दिया है अथवा निरस्त कर दिया है. नए और पिछले ऑर्डरों के भी भुगतान नहीं आ पा रहे हैं. यानी कहा जा सकता है कि पिछली तिमाही में जो गिरावट चीन की अर्थव्यवस्था में आई है उसमें अगली तिमाही में भी सुधार आने की कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही.

कोरोना महामारी के पहले से ही अमेरिका ने चीन के विरोध में व्यापार युद्ध छेड़ रखा था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आयात शुल्क बढ़ाते हुए चीन से आने वाले आयातों पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया था. कोरोना महामारी के बाद अमेरिका की ओर से चीन द्वारा इस वायरस को या तो जानबूझकर फैलाने अथवा जानबूझकर उसके खतरों को दुनिया से छिपाने के बारे में कई आरोप भी लगाए जा रहे हैं. स्वाभाविक है कि इस सबके चलते चीन से अमेरिका को निर्यात प्रभावित होंगे.

उधर इस संकट के समय दुनिया के अधिकांश देश आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए अभी भी चीन पर निर्भर हो रहे हैं. मेडिकल उपकरण, टेस्ट किट, मास्क, सैनिटाइजर समेत कई चीजों का आयात चीन से हो रहा है. लेकिन चीनी सामान की खराब क्वालिटी के चलते वे देश चीन से नाराज हैं और कई मामलों में खराब क्वालिटी के कारण चीन की खेपों को वापस भी भेजा जा चुका है.

पिछले कुछ समय से भारतीय नेतृत्व द्वारा दुनिया में भारत की साख बढ़ाने वाले कदमों से भारत का नाम काफी सम्मान से लिया जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति से लेकर खाड़ी के देशों तक भारतीय कूटनीति का लोहा माना जा रहा है. भारत की इसी बढ़ती साख का परिणाम है कि अमेरिका के इतिहास में पहली बार कई भारतीय दवाओं को बड़ी संख्या में रिकार्डतोड़ अनुमति मिली है. संकट के समय में भी दवाओं की आपूर्ति द्वारा भारत ने दुनिया का दिल जीत लिया है. इस अनुकूल वातावरण का लाभ उठाते हुए, भारत अपनी भूमि पर दवाइयों, मेडिकल उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, केमिकल्स, समेत अनेकानेक उत्पादों के उत्पादन में एक बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार है.

Web Title: Ashwini Mahajan blog: China will no longer be able to be growth engine of world in future

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