ब्लॉग: दुनियाभर में भारतीय मनाते हैं दिवाली
By विवेक शुक्ला | Updated: October 26, 2024 09:18 IST2024-10-26T09:18:04+5:302024-10-26T09:18:56+5:30
यहां दिवाली का त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है. त्रिनिदाद और टोबैगो के पूर्व प्रधानमंत्री वासुदेव पांडे ने सन् 2003 में राजधानी में इस लेखक को बताया था कि उनके देश में लोग दिवाली पर अपने घरों को दीयों, रंगोली और फूलों से सजाते हैं

ब्लॉग: दुनियाभर में भारतीय मनाते हैं दिवाली
दिवाली हिंदू पर्व होते हुए अब सब भारतीयों का पर्व हो चुका है और दुनिया भर में फैले भारतीय इसे मनाते हैं. माॅरीशस, सूरीनाम कैरीबियाई टापू देश त्रिनिदाद-टोबैगो, गुयाना और फिजी को आप चाहें तो लघु भारत कह सकते हैं. इनमें भी दिवाली की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इन सब देशों में भारतवंशी खासी तादाद में हैं. इन सब देशों में भारतीय गिरमिटिया योजना के तहत ले जाए गए थे.
माॅरीशस में दिवाली की हलचल को प्रकाश पर्व से कई दिन पहले ही महसूस किया जा सकता है. इधर दिवाली से एक दिन पहले पूजन होता है. मॉरीशस में गिरमिटिया योजना 1834 से 1920 तक चली. इस दौरान लगभग 450,000 भारतीय मॉरीशस गए थे.
कैरीबियाई टापू देश त्रिनिदाद और टोबैगो में भी गिरमिटिया योजना बड़े पैमाने पर लागू की गई थी. 1845 से 1917 तक लगभग 145,000 भारतीय इधर पहुंचे थे. यहां दिवाली का त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है. त्रिनिदाद और टोबैगो के पूर्व प्रधानमंत्री वासुदेव पांडे ने सन् 2003 में राजधानी में इस लेखक को बताया था कि उनके देश में लोग दिवाली पर अपने घरों को दीयों, रंगोली और फूलों से सजाते हैं. खास तौर पर ‘दियारा’ नामक एक रस्म निभाई जाती है जिसमें लोग दीये जलाते हैं और उन्हें पानी में प्रवाहित करते हैं.
गुयाना में दिवाली को पांच दिनों तक मनाया जाता है जो ‘छोटी दिवाली’ से शुरू होकर ‘बड़ी दिवाली’ तक चलता है. गुयाना में दिवाली का जश्न रंग-बिरंगी रौशनी, आतिशबाजी और पारंपरिक व्यंजनों के साथ मनाया जाता है. खास तौर पर ‘पराजय’ नामक एक रस्म, जिसमें बुरी शक्तियों का प्रतीक एक पुतला जलाया जाता है.
सूरीनाम में दिवाली के दिन लोग अपने घरों को दीयों और रंगोली से सजाते हैं. दीया बाजारों में लोग दीये, मालाएं और अन्य सजावटी सामान खरीदते हैं. सूरीनाम में कुछ समय पहले भारतवंशी चंद्रिका प्रसाद संतोखी राष्ट्रपति चुने गए हैं. इनके साउथ दिल्ली स्थित हाई कमीशन में भी दिवाली और नया साल बड़े ही उत्साहपूर्वक तरीके से मनाया जाता रहा है.
फिजी के भी सबसे बड़े त्यौहारों में से एक है दिवाली. यहां दीपक जलाना दिवाली का सबसे प्रमुख हिस्सा है. लोग अपने घरों, मंदिरों और सड़कों पर दीपक जलाते हैं. फिजी की राजधानी स्थित दूतावास की भी दिवाली पर आलोक सज्जा की जाती है.
ईस्ट अफ्रीकी देश युगांडा में कुछ साल पहले तक जी.एस. ढिल्लों नाम के एक सिख सज्जन हाई कमिशनर थे. वे लगभग पांच वर्षों तक अपने पद पर बने रहे. उस दौरान युगांडा हाई कमिशन में दीपोत्सव और दिवाली डिनर आयोजित होते रहे. युगांडा और केन्या के उच्चायोगों में कुछ भारतीय मूल के राजनयिक हमेशा रहे हैं.
राजधानी दिल्ली में स्थित सिंगापुर, साउथ अफ्रीका और मलेशिया के भारतवंशी राजनयिक भी दिवाली बड़े स्तर पर मनाते हैं. इन देशों के उच्चायोगों में भारतवंशी राजनयिक काफी रहते हैं. इनमें भारतवंशी हाई कमिश्नर भी बनते रहे हैं.
तो इस प्रकार कह सकते हैं कि अपने वतन से हजारों किलोमीटर दूर विदेशों में बसने के बाद भी भारतीय दिवाली के त्यौहार को बड़े ही उत्साह और प्रेम के साथ मनाते हैं.