इंदिरा किसलय का ब्लॉग: बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं गणेश, आज गणेशोत्सव पर जानें गणनायक की कुछ खास खूबियां

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 31, 2022 08:56 AM2022-08-31T08:56:45+5:302022-08-31T09:01:31+5:30

आपको बता दें कि गणेशोत्सव भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह चीन, जापान, मलाया, इंडोनेशिया, कंबोडिया, थाईलैंड और मैक्सिको में भी मनाया जाता है।

Ganesh god of wisdom prosperity good fortune today on Ganeshotsav know some special qualities lambodar | इंदिरा किसलय का ब्लॉग: बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं गणेश, आज गणेशोत्सव पर जानें गणनायक की कुछ खास खूबियां

फोटो सोर्स: ANI

Highlightsआज पूरे देश में गणेशोत्सव बड़े ही धूमधान से मनाया जा रहा है। ‘तंत्र साहित्य’ में गणेश की महिमा को अपरंपार बताई गई है। यही नहीं इन्हें अंतर्मन की शक्तियों को जाग्रत करनेवाले देवता भी कहा जाता हैं।

इतिहास सम्मत तथ्य है कि विश्व का प्रथम लोकतंत्र ‘वैशाली’ (भारत) में अस्तित्ववान था. पर पुराख्यानों के आधार पर भगवान गणेश गणतंत्र के प्रथम प्रस्तोता हैं. ‘गण’ अर्थात समूह के नायक जिनकी समूची कार्यप्रणाली एवं प्रतीकात्मकता इसी तंत्र को समृद्ध करती है. इस तंत्र के नियोक्ता, संचालक वे हैं जो ‘दूर्वा’ (सर्वहारा) से लेकर ‘बरगद’(कुबेर) तक न्यायिक रचना का विस्तार करते हैं. वे सूपकर्ण हैं. सभी की बात सुनते हैं. 

लंबोदर क्यों नायक या नेता है?

लंबोदर इसलिए कि एक नायक या नेता को कितनी ही अप्रिय बातें पचानी होती हैं. उनकी छोटी-छोटी आंखें मनोभाव छिपाने की कला से अवगत कराती हैं. सर्वविदित है कि हमारे समस्त देवता अस्त्र-शस्त्रों से सज्जित रहते हैं. यहां तक कि देवियां भी. गणेश भी ‘पाश’ और ‘अंकुश’ धारण करते हैं, क्योंकि दुर्जनों के लिए दंड विधान जरूरी है.

‘तंत्र साहित्य ’ में लंबोदर क्या है

आवश्यकता है इस बात की कि पौराणिक गाथा को प्रतीक पूजा या प्रदर्शनप्रियता की परिधि में न बांधा जाए. निहितार्थ अंगीकृत करना जरूरी है. पौराणिक इतिहास का रुख करें तो हम पाते हैं कि गणेश ‘शुभंकर’ हैं. ज्ञान के देवता हैं. 

दक्षिण भारत में कलाओं के प्रेरक, संरक्षक. किसी भी काम की श्रेष्ठ परिणति के लिए उनका आह्वान किया जाता है. ‘तंत्र साहित्य ’ में गणेश की महिमा अपरंपार है. वे पंचतत्वों, धरती और अंबर में समाहित हैं. अंतर्मन की शक्तियों को जाग्रत करनेवाले देवता हैं वे.

पूरी दुनिया में मनाई जाती है गणेशोत्सव 

गणेश प्रथम लिपिकार हैं. ईश्वरीय आदेश पर व्यासमुनि के लिए महाभारत का लेखन भी किया उन्होंने. गणेशोत्सव भारत-भू तक सीमित नहीं, चीन, जापान, मलाया, इंडोनेशिया, कंबोडिया, थाईलैंड और मैक्सिको तक में मनाया जाता है. वस्तुतः गणेश पूजा आत्मतत्व का स्मरण, जागरण और स्वीकृति है. एक सर्वव्यापक विराट दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में प्रतिवर्ष का आयोजन, जिसकी वर्तमान में महती आवश्यकता है.

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