पश्चिम बंगालः कई टीएमसी विधायक भाजपा में, स्वागत के लिए बीजेपी केन्द्रीय नेतृत्व तैयार...
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 19, 2020 01:52 PM2020-12-19T13:52:03+5:302020-12-19T13:53:16+5:30
गृह मंत्री अमित शाह ने मिदनापुर के देवी महामाया मंदिर में पूजा की। गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौर पर हैं.
पश्चिम बंगाल की सत्ता हासिल करने के लिए टीएमसी नेताओं के भाजपा में स्वागत के लिए बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व भले ही तैयार बैठा है, लेकिन लंबे समय से बंगाल में टीएमसी के खिलाफ संघर्ष करने वाले बीजेपी कार्यकर्ता उन्हें कैसे स्वीकार कर पाएंगे.
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के शुभेंदु अधिकारी, जितेंद्र तिवारी जैसे नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं और यह संभावना जताई जा रही है कि वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व भी उनके स्वागत को उत्सुक हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता-कार्यकर्ता उन्हें तहेदिल स्वीकार कर पाएंगे. प्रसिंद्ध सिंगर और पश्चिम बंगाल से बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो नहीं चाहते हैं कि जितेंद्र तिवारी जैसे नेता बीजेपी में आएं.
खबरें हैं कि आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर पोस्ट लिख जितेंद्र तिवारी का बीजेपी में प्रवेशपूर्व विरोध किया है. इसका नतीजा यह रहा कि जितेन्द्र तिवारी ने पाॅलिटिकल यू टर्न ले लिया है.
खबरों पर भरोसा करें तो जितेंद्र तिवारी ने मंत्री अरुप बिस्वास से राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर मौजूदगी में मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी से माफी मांगी है.
उल्लेखनीय है कि जितेंद्र तिवारी टीएमसी के विधायक रह चुके हैं. उन्होंने गुरुवार को टीएमसी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. कुछ ही समय पहले उन्होंने आसनसोल नगर निगम के बोर्ड ऑफ चेयरपर्सन पद से भी इस्तीफा दिया था.
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि मैं ये इसलिए लिख रहा हूं, क्योंकि कुछ लोग अफवाहों को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि मैंने आसनसोल के टीएमसी नेताओं के साथ अंडर-टेबल डीलिंग की है और अब वे बीजेपी में आने की जुगत में हैं. मैं साफतौर पर बता दूं कि ऐसी किसी भी तरह की डीलिंग करके पार्टी में अपने सहयोगियों के साथ मैं विश्वासघात नहीं करूंगा. बाबुल सुप्रियो ने कहा कि बीजेपी के हमारे साथियों ने आसनसोल से टीएमसी को हराने की लड़ाई लड़ी है.
बाबुल सुप्रियो का कहना है कि पार्टी नेतृत्व जो भी फैसला ले वो अलग चीज है, लेकिन मैं अपनी पूरी ताकत और ईमानदारी से यह सुनिश्चित करने की कोशिश करूंगा कि टीएमसी का कोई भी ऐसा नेता, जिसने हमारे सहयोगियों को नुकसान पहुंचाया, उसे बीजेपी में एंट्री ना मिले. हमें आसनसोल की जनता का समर्थन प्राप्त है.
याद रहे, पश्चिम बंगाल में बाबुल सुप्रियो जैसे नेता बीजेपी से तब जुड़े थे, जब बीजेपी का वहां कोई खास असर नहीं था. यही नहीं, उनके समर्थकों के साथ कई बार गैर-भाजपाइयों द्वारा दुव्र्यवहार भी किया गया था. ऐसी स्थिति में यह सवाल जायज है कि- कभी जिन्होंने पत्थर मारे उन्हें सियासी देवता कैसे स्वीकार करेंगे पश्चिम बंगाल के भाजपाई?