वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: राजनीति में बढ़े दागी उम्मीदवार, SC ने सांसदों को सौंपी शुद्धिकरण की जिम्मेदारी
By वेद प्रताप वैदिक | Updated: September 27, 2018 11:47 IST2018-09-27T11:47:18+5:302018-09-27T11:47:18+5:30
राजनीति के पूर्ण शुद्धिकरण का बीड़ा जब तक कोई गांधी और लोहिया-जैसा नेता नहीं उठाएगा, राजनीति के बारे में जो कहा जाता है, वह सच ही बना रहेगा कि ‘‘राजनीति गुंडों का सर्वश्रेष्ठ शरण-स्थल है। ’’

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: राजनीति में बढ़े दागी उम्मीदवार, SC ने सांसदों को सौंपी शुद्धिकरण की जिम्मेदारी
सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीति को अपराधी सांसदों और विधायकों से मुक्त करने की जिम्मेदारी संसद पर डाल दी है। अदालतों ने ऐसे सैकड़ों फैसले अब तक दिए हैं, जो संसद के कानूनों से भी ज्यादा असरदार साबित हुए हैं।
यदि वह राजनीतिज्ञों के अपराधों पर कुछ ही हफ्तों में फैसले देने का इंतजाम कर दे तो देश को काफी राहत मिलेगी। इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने जो सुझाव दिए हैं, वे बहुत अच्छे हैं। क्या हैं, वे सुझाव ? पहला, हर पार्टी को अपने आपराधिक उम्मीदवार के हर अपराध की स्पष्ट जानकारी अपनी वेबसाइट पर डालनी होगी।
दूसरा, हर उम्मीदवार को अपने चुनाव फार्म के जरिये चुनाव आयोग और अपनी पार्टी को अपने सारे आपराधिक मामलों की जानकारी देनी होगी। तीसरा, हर उम्मीदवार को टीवी चैनलों और अखबारों में कम से कम तीन बार इन जानकारियों को प्रचारित करना होगा।
हो सकता है कि जनता स्वयं ऐसे उम्मीदवारों का बहिष्कार कर दे। इस समय देश के लगभग एक तिहाई जनप्रतिनिधि यानी कानून-निर्माता ऐसे हैं, जिन्होंने अपने आचरण से कानून की धज्जियां उड़ा रखी हैं।
हमारे राजनीतिक दलों को ऐसे उम्मीदवारों के बारे में खुद कड़ा कदम उठाना चाहिए। यह कहने से काम नहीं चलेगा कि जब तक उनका अपराध सिद्ध न हो जाए और उन्हें सजा न हो जाए, उनका टिकिट हम कैसे काटें? ऐसे उम्मीदवारों के खिलाफ कानून बनाने के लिए कोई भी दल राजी नहीं होगा क्योंकि राजनीति के हमाम में सभी नंगे हैं।
राजनीति के पूर्ण शुद्धिकरण का बीड़ा जब तक कोई गांधी और लोहिया-जैसा नेता नहीं उठाएगा, राजनीति के बारे में जो कहा जाता है, वह सच ही बना रहेगा कि ‘‘राजनीति गुंडों का सर्वश्रेष्ठ शरण-स्थल है। ’’
आजकल राजनीति अपने आप में दिन-रात का धंधा बन गया है। जो राजनीति करता है, उसे मजबूरन गलत काम करने पड़ते हैं। वह अपनी रोजी-रोटी के लिए कोई काम नहीं करता है। वे भला अपराध करने से क्यों डरेंगे?