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Women Safety: नारी सुरक्षा पर सूरत से ली जा सकती है सीख

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 7, 2024 05:18 IST

Women Safety: नारी की सुरक्षा नारी ही करें ये जरूरी नहीं, बल्कि समाज में रहने वाले हर वर्ग का नारी सुरक्षा सुनिश्चित करने का परम कर्तव्य होना चाहिए.

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ठळक मुद्देजहां नारी की पूजा की जाती है वहां देवताओं का वास होता है. जैन समाज का अनुरोध आचार्य महाश्रमण जी के दिल्ली चातुर्मास को लेकर था.वरिष्ठ और प्रतिष्ठित प्रतिनिधिगण मुझे भी विशेष रूप से अपने साथ लेकर गए थे.

किरण चोपड़ा

आजकल हर तरफ जय माता दी हो रही है. पवित्र नवरात्रि पर्व चल रहा है और लोग बहुत मर्यादित एवं अनुशासित होकर माता की पूजा में लगे हुए हैं. जीवन में अनुशासन का महत्व बहुत ज्यादा है. मां दुर्गा की नौ दिन तक पूजा चलती है. इसी संदर्भ में एक और विषय नारी सुरक्षा से भी जुड़ा है. खुद मां दुर्गा ने अपनी शक्तियां दिखाते हुए नारी की सुरक्षा की थी. मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि सामाजिक जीवन में नारी की सुरक्षा होनी ही चाहिए. नारी की सुरक्षा नारी ही करें ये जरूरी नहीं, बल्कि समाज में रहने वाले हर वर्ग का नारी सुरक्षा सुनिश्चित करने का परम कर्तव्य होना चाहिए.

कहा भी गया है कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते / रमंते तत्र देवताः’ अर्थात जहां नारी की पूजा की जाती है वहां देवताओं का वास होता है. पिछले दिनों मैं एक जैन शिष्टमंडल के साथ तेरा पंथ के महान जैन संत आचार्य महाश्रमण जी के दर्शन के लिए गुजरात के शहर सूरत गई थी. जैन समाज का अनुरोध आचार्य महाश्रमण जी के दिल्ली चातुर्मास को लेकर था.

दरअसल 2027 का चातुर्मास दिल्ली में हो, यह अर्ज करने के लिए जैन समाज के वरिष्ठ और प्रतिष्ठित प्रतिनिधिगण मुझे भी विशेष रूप से अपने साथ लेकर गए थे. मैंने जैन प्रतिनिधियों के स्नेहपूर्ण व्यवहार को देखते हुए उनके साथ चलना स्वीकार किया था और स्लोगन दिया ‘दिल्ली से आए हैं दिल्ली लेकर जाएंगे’.

आचार्य  महाश्रमण जी ने 2027 का दिल्ली चातुर्मास स्वीकार कर लिया. मैंने इस बात का उल्लेख इसलिए किया है कि सूरत में जीवन बहुत ही अनुशासित, मर्यादित और उस संयम एवं धैर्यशीलता के साथ था जिसके लिए जैन समाज जाना जाता है. सामाजिक सुरक्षा को लेकर मेरी जहां कई जैन हस्तियों से बातचीत हुई तो वहीं सबने सूरत का उदाहरण दिया कि यहां रात के दो बजे भी महिलाएं सुरक्षित हैं.

वे कहीं भी आ-जा सकती हैं. लोग भी बहुत मर्यादित हैं और महिलाओं की सबसे ज्यादा इज्जत करने वाले हैं. आज के जमाने में जब दिल्ली जैसे शहर में या देश के किसी भी हिस्से से महिलाओं के यौन शोषण संबंधी खबरें सुनते हैं तो मन विचलित हो जाता है लेकिन हर किसी ने सूरत में नारी और सामाजिक सुरक्षा के मामले में दिल खोलकर नारी सुरक्षा और उसके सम्मान को प्राथमिकता की बात कही.

लोगों ने बताया कि आजकल नवरात्रि पर्व में सूरत शहर में अनेक स्थानों पर गरबा चल रहा है और ढाई-ढाई, तीन-तीन बजे तक डांडिया चलता है. लड़कियां और महिलाएं बेरोकटोक और बिना खौफ रात में आती-जाती हैं, इसे कहते हैं सुरक्षा. नारी सुरक्षा के प्रति वहां लोगों के दिलों में सम्मान है. काश! यह सामाजिक सुरक्षा का मॉडल पूरे देश में सूरत जैसा हो जाए तो देश के सामाजिक रिश्तों और तानेबाने की सूरत भी बदल जाएगी.  

टॅग्स :नारी सुरक्षावुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट मिनिस्ट्रीनवरात्रिMataनवरात्री महत्व
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