ब्लॉग: गणित क्यों है सबसे जरूरी और इसे बच्चों के लिए रुचिकर बनाने की क्यों है जरूरत?
By डॉ एसएस मंठा | Published: May 18, 2023 02:53 PM2023-05-18T14:53:20+5:302023-05-18T14:57:58+5:30
गणित पढ़ने और पढ़ाने का जुनून पैदा किया जाना चाहिए. लेकिन कैसे? यह देखने की जरूरत है पढ़ाए जाने वाले अध्यायों को कहानियों, प्रतीकों, ध्यान आदि से कैसे ज्यादा इनोवेटिव बनाया जा सकता है?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हाल ही में कहा कि नागरिकों की गणित में कमजोरी ने हमारे देश की अर्थव्यवस्था में रुकावटें डाली हैं और हमारे छात्रों की गणित में बुनियाद मजबूत नहीं होने के कारण वे दुनिया में पीछे रह जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि ‘गणित विरोधी मानसिकता’ ने विकसित दुनिया में ब्रिटेन को पीछे कर दिया है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का यह कथन दुनिया के कई देशों पर लागू होता है. उन्होंने कहा कि गणित पढ़ने और पढ़ाने का जुनून पैदा किया जाना चाहिए. लेकिन कैसे? पढ़ाए जाने वाले अध्यायों को कहानियों, प्रतीकों, ध्यान आदि से कैसे ज्यादा इनोवेटिव बनाया जा सकता है?
गणित सीखने के लिए मस्तिष्क का स्पष्ट और एकाग्र होना जरूरी है. ध्यान और सजगता इसमें मदद करती है. हम गणित के प्रत्येक अध्याय की शुरुआत में ध्यान और सजगता के बारे में संक्षेप में जानकारी देकर छात्रों को अपने दिमाग को स्पष्ट और विषय के प्रति एकाग्र करने में मदद कर सकते हैं. प्राचीन कहानियों की मदद से हम उस समय के ज्ञान की भी इसमें मदद ले सकते हैं. कहानी कहने की कला शिक्षा प्रदान करने का एक बेहतरीन तरीका होती है.
प्राचीन हिंदू ज्ञान में कई गणितीय अवधारणाएं और विधियां शामिल हैं जिनका उपयोग गणित को सरल बनाने और सिखाने में किया जा सकता है. ऋग्वेद में 16 सूत्र और 13 उपसूत्र ऐसे हैं जो मानसिक गणना और जटिल गणितीय समस्याओं को सरल बनाने की विधि बताते हैं. उनका अंकगणित, बीजगणित और ज्यामिति सिखाने में उपयोग किया जा सकता है और कई गणितीय अवधारणाओं को सरलीकृत किया जा सकता है.
‘कुरुक्षेत्र’ की मशहूर लड़ाई में कई तरह के हथियारों और युद्ध संरचनाओं का इस्तेमाल हुआ था, जिसके लिए बहुत जटिल गणितीय गणनाओं की आवश्यकता पड़ी होगी. यहां तक कि ‘अर्थशास्त्र’ में भी आसान गणितीय भाषा में लड़ाई के तौर-तरीकों का वर्णन किया गया है. भगवान राम और उनकी सेना द्वारा लंका में जाने के लिए समुद्र पर पुल बनाने में ज्यामितीय गणनाओं और सिद्धांतों का उपयोग किया गया था.
भागवत पुराण में प्राचीन भारत में दशमलव पद्धति और शून्य की अवधारणा होने का वर्णन किया गया है. पंचतंत्र में सिंह और खरगोश की कहानी में एक गणितीय पहेली शामिल है जिसमें सिंह को मात देने के लिए खरगोश अपने ज्यामिति के ज्ञान का उपयोग करता है.
गणित के प्रति भय और चिंता को दूर करने तथा रचनात्मकता और जिज्ञासा को बढ़ावा देने से गणित को सीखना और रुचिकर बनेगा. प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक बार कहा था, ‘विशुद्ध गणित एक तरह से तार्किक विचारों की कविता है.’