वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः कश्मीर को अछूत न बनाएं कश्मीरी नेता

By वेद प्रताप वैदिक | Published: August 20, 2022 02:07 PM2022-08-20T14:07:00+5:302022-08-20T14:07:08+5:30

पहले तो वे धारा 370 और 35 ए को ही हटाने का विरोध कर रही थीं। अब उन्हें लग रहा है कि उनके सिर पर एक नया पहाड़ टूट पड़ा है। उनका मानना है कि केंद्र सरकार के इशारे पर किया जा रहा यह कार्य अगला चुनाव जीतने का भाजपाई पैंतरा भर है।

Vedpratap Vaidik Kashmiri leaders should not make Kashmir untouchable | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः कश्मीर को अछूत न बनाएं कश्मीरी नेता

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः कश्मीर को अछूत न बनाएं कश्मीरी नेता

जम्मू-कश्मीर को लेकर अब एक और नया विवाद छिड़ गया है। चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि जम्मू-कश्मीर में रहनेवाले अन्य प्रांतों के नागरिकों को अब वोट डालने का अधिकार मिलनेवाला है। जम्मू-कश्मीर की लगभग सभी पार्टियां इस नई पहल पर परेशान दिखाई पड़ रही हैं।

पहले तो वे धारा 370 और 35 ए को ही हटाने का विरोध कर रही थीं। अब उन्हें लग रहा है कि उनके सिर पर एक नया पहाड़ टूट पड़ा है। उनका मानना है कि केंद्र सरकार के इशारे पर किया जा रहा यह कार्य अगला चुनाव जीतने का भाजपाई पैंतरा भर है। जम्मू के भी ज्यादातर वोटर भाजपा का ही साथ देंगे। ऐसे में कश्मीर की परंपरागत प्रभावशाली पार्टियां हमेशा के लिए हाशिए में चली जाएंगी। पहले ही निर्वाचन-क्षेत्रों के फेरबदल के कारण घाटी की सीटें कम हो गई हैं। इसी का विरोध करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डाॅ. फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा को छोड़कर सभी दलों की एक बैठक भी बुलाई है। पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती भी काफी गुस्से में नजर आ रही हैं।

इन कश्मीरी नेताओं का गुस्सा स्वाभाविक है, क्योंकि नेता लोग राजनीति में आते ही इसीलिए हैं कि उन्हें येन-केन-प्रकारेण सत्ता-सुख भोगना होता है। केंद्र सरकार इधर जो भी सुधार वहां कर रही है, वह उन नेताओं को बिगाड़ के अलावा कुछ नहीं लगता। ऐसे में इन कश्मीरी नेताओं से मेरा निवेदन है कि वे अपनी दृष्टि जरा व्यापक क्यों नहीं करते हैं? यदि कश्मीरी नेता देश के गृह मंत्री, राज्यपाल, सांसद, राजदूत और केंद्र सरकार के पूर्ण सचिव बन सकते हैं तथा कश्मीरी नागरिक देश में कहीं भी चुनाव लड़ सकते हैं और वोट डाल सकते हैं तो यही अधिकार गैर-कश्मीरी नागरिकों को कश्मीर में दिए जाने का विरोध क्यों होना चाहिए?

देश के जैसे अन्य प्रांत, वैसा ही कश्मीर भी। वह कुछ कम और कुछ ज्यादा क्यों रहे? यदि कश्मीरी लोग देश के किसी भी हिस्से में जमीन खरीद सकते हैं तो देश के कोई भी नागरिक कश्मीर में जमीन क्यों नहीं खरीद सकते? हमारे कश्मीरी नेता कश्मीर जैसे सुंदर और शानदार प्रांत को अन्य भारतीयों के लिए अछूत बनाकर क्यों रखना चाहते हैं? मैं तो वह दिन देखने को तरस रहा हूं कि जब कोई कश्मीरी मुसलमान भारत का राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री बन जाए। कश्मीर को अछूत क्यों बना रहे हैं? 

Web Title: Vedpratap Vaidik Kashmiri leaders should not make Kashmir untouchable

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