वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: असम की स्थिति हुई विषम

By वेद प्रताप वैदिक | Published: September 4, 2019 10:33 AM2019-09-04T10:33:00+5:302019-09-04T10:33:00+5:30

1200 करोड़ रु. खर्च करने और साढ़े 6 करोड़ दस्तावेजों को खंगालने के बावजूद जो राष्ट्रीय नागरिकता सूची असम में बनी है, उसमें ऐसी-ऐसी हास्यास्पद और दयनीय भूले हैं कि जिनका जिक्र लंबे समय तक होता रहेगा.

Vedapratap Vedic's blog: Assam's situation is odd | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: असम की स्थिति हुई विषम

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: असम की स्थिति हुई विषम

असम की स्थिति विषम हो गई है. अगर असम की तरह कश्मीर भी खोल दिया जाए तो जरा कल्पना कीजिए कि उसकी स्थिति क्या होगी? 1200 करोड़ रु. खर्च करने और साढ़े 6 करोड़ दस्तावेजों को खंगालने के बावजूद जो राष्ट्रीय नागरिकता सूची असम में बनी है, उसमें ऐसी-ऐसी हास्यास्पद और दयनीय भूले हैं कि जिनका जिक्र लंबे समय तक होता रहेगा. भारत के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिजन इस नागरिकता सूची में नहीं जोड़े गए हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं. 3.29 करोड़ लोगों में से सिर्फ 19 लाख लोगों को गैर-असमिया यानी बांग्लादेशी पाया गया है. लाखों प्रामाणिक भारतीय नागरिक इस सूची से बाहर हो गए हैं और लाखों गैर-भारतीय नागरिकों को यह सूची पकड़ नहीं पाई है यानी वे सूची के अंदर हो गए हैं.

यह मामला दुबारा सर्वोच्च न्यायालय के हवाले हो जाएगा. सरकार को यह भी पता नहीं कि जब यह सूची बन रही थी तो कितने लाख बांग्लादेशी नागरिक असम और प. बंगाल से भागकर देश के दूसरे प्रांतों में बस गए हैं. बांग्लादेशी आगंतुकों में भी जो हिंदू हैं, वे कहते हैं कि उन्हें सताया गया, इसलिए वे भारत में शरण ढूंढ रहे हैं लेकिन जो बांग्लादेशी ऐशो-आराम और पैसे के लिए भारत में घुसपैठ किए हुए हैं, उन्हें आप कैसे पकड़ेंगे? जिन्हें भी आप घुसपैठिया करार देंगे, उनके साथ आप क्या करेंगे, कुछ पता नहीं. बांग्लादेश आसानी से उन्हें वापस नहीं लेगा. रोहिंग्या मुसलमानों और म्यांमार के साथ भी यही समस्या है.

कश्मीर में भी कमोबेश यही हाल है. इसका समाधान क्या है? भारत अपनी सीमाओं पर दीवार कैसे खड़ी करेगा, ‘बर्लिन वॉल’ की तरह. जब तक पड़ोसी देश भारत जितने संपन्न और सुखी नहीं होंगे, उनके नागरिकों की यह अवैध घुसपैठ जारी रहेगी. जरूरी यह है कि पूरे दक्षिण एशिया या पुराने आर्यावर्त के सभी देश एक महासंघ बनाएं, जिसका साझा बाजार, साझा रु पया, साझी संसद, साझी भाषा, साझी उन्नति और साझी संस्कृति पनपे. सब देशों की भौगोलिक सीमाएं नाम-मात्न की रह जाएं. लेकिन यह महान सपना पूरा कौन करेगा? 

 

Web Title: Vedapratap Vedic's blog: Assam's situation is odd

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :Assamअसम