ब्लॉग: तेजी से हिंदी सीख रहे हैं केंद्रीय मंत्री..विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी इस लिस्ट में शामिल, आखिर क्या है वजह?
By हरीश गुप्ता | Published: June 15, 2023 07:38 AM2023-06-15T07:38:03+5:302023-06-15T07:38:54+5:30
पिछले कुछ समय से भाजपा नेतृत्व हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग की ओर ध्यान केंद्रित कर रहा है, चाहे वह जनता के साथ संवाद हो या सरकारी कार्यों के लिए पत्राचार का मामला. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य मंत्री जनता के साथ हिंदी में ही संवाद करते हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हिंदी में लिखे शब्दों को पढ़ने और संसद के अंदर या बाहर हिंदी में ही बात करने की पूरी कोशिश कर रही हैं. वास्तव में 2008 में भाजपा में शामिल होने के बाद से ही उन्होंने ऐसा करना शुरू कर दिया था और उन्हें पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में पदोन्नत किया गया था.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों को चकित करते हुए, इस समूह में ताजा एंट्री विदेश मंत्री एस. जयशंकर की है, जो सार्वजनिक जगहों पर हिंदी में बोल रहे हैं. अपने राजनयिक साथियों को चकित करते हुए, जयशंकर ने हिंदी काफी तेज गति से सीखी है. क्या वे 2024 में लोकसभा सीट के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं? पार्टी में कोई भी इस बारे में सुनिश्चित नहीं है. लेकिन वे तमिलनाडु और अन्य राज्यों की यात्रा करते रहे हैं. शायद वे 2024 में भाजपा के स्टार प्रचारक हो सकते हैं क्योंकि वे बिना किसी लाग-लपेट के, पूरी स्पष्टता के साथ बात करते हैं और हिंदी पर भी अधिकार हासिल करते जा रहे हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी हिंदी में ही बातचीत करते हैं.
राहुल गांधी की गोपनीय व्हाइट हाउस यात्रा!
राहुल गांधी अपने हालिया अमेरिका दौरे के दौरान क्या व्हाइट हाउस गए थे? कांग्रेस में कोई भी इसका खंडन या पुष्टि नहीं कर रहा है क्योंकि राहुल अभी यूरोप के दौरे पर हैं. वाशिंगटन से आने वाली रिपोर्टों में कहा गया है कि एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, जिनके पास राजनयिक पासपोर्ट नहीं है, ने विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा विभिन्न थिंक टैंकों, शिक्षाविदों और तकनीकी विशेषज्ञों से मुलाकात की और भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया.
2014 के बाद अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों से व्यवस्थित रूप से मिलने का राहुल गांधी का यह पहला प्रयास था. ऐसी खबरें हैं कि वे व्हाइट हाउस गए थे लेकिन इस दौरान वे किससे मिले, इसे गुप्त रखा जा रहा है. इस बात की बहुत कम संभावना है कि जो बाइडेन ने उनसे मुलाकात की या राहुल गांधी ने उनसे मिलने की मांग की.
व्हाइट हाउस विशेष रूप से ऐसे समय में ऐसा कोई संकेत भेजना पसंद नहीं कर सकता है जब पीएम मोदी अपनी राजकीय यात्रा पर अमेरिका जा रहे हों. हालांकि राहुल गांधी की स्वीकार्यता पिछले कुछ समय में, विशेष रूप से सोनिया गांधी द्वारा अपना पद छोड़ने, भारत जोड़ो यात्रा और कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के जीत दर्ज करने के बाद बढ़ी है. यद्यपि राहुल को अभी भी सार्वजनिक रूप से बोलने और लोगों से जुड़ने की कला में महारत हासिल करने की जरूरत है और उन्हें एक लंबा रास्ता तय करना है.
तुषार मेहता को सेवा विस्तार मिलने की उम्मीद
मोदी के शासन में सबसे शक्तिशाली कानून अधिकारी माने जाने वाले भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का पांच साल का कार्यकाल 30 जून, 2023 को समाप्त हो रहा है. राजधानी में उनका आगमन मोदी-शाह की टीम के दिल्ली आने के साथ ही हुआ था. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के चार साल के कार्यकाल के बाद, 2018 में रंजीत कुमार का कार्यकाल नहीं बढ़ाए जाने के बाद वे सॉलिसिटर जनरल के रूप में पदोन्नत हुए थे. कानून के जानकारों का मानना है कि मेहता को नया कार्यकाल मिलेगा और 2024 के बाद, आर. वेंकटरमणी के स्थान पर उन्हें भारत के अटॉर्नी जनरल के रूप में पदोन्नत किया जा सकता है.
सबकी निगाहें उन आधा दर्जन अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरलों पर भी लगी हैं जिनका कार्यकाल समाप्त होने को है. इनमें से कुछ आगे सेवारत नहीं रहने की इच्छा भी जता चुके हैं.