आतंक के खिलाफ अब पाक करे ठोस कार्रवाई
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 23, 2019 02:01 AM2019-02-23T02:01:17+5:302019-02-23T02:01:17+5:30
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के संभावित कदमों से डरा पाकिस्तान अब वैश्विक प्रतिबंधों से बचने के लिए अपने यहां से होने वाली आतंकी गतिविधियों पर कार्रवाई किए जाने का दिखावा कर रहा है
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के संभावित कदमों से डरा पाकिस्तान अब वैश्विक प्रतिबंधों से बचने के लिए अपने यहां से होने वाली आतंकी गतिविधियों पर कार्रवाई किए जाने का दिखावा कर रहा है. मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और उसकी चैरिटी विंग फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को प्रतिबंधित करने का पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का आदेश ऐसा ही दिखावा है.
हकीकत यह है कि आतंकी संगठन अपनी गतिविधियां नाम बदल-बदल कर चलाते रहते हैं. अगर पाकिस्तान अपनी जमीन से चलने वाली आतंकी गतिविधियां रोकने के लिए सचमुच गंभीर है तो उसे इन संगठनों के आकाओं पर कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन मसूद अजहर या हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगनाओं का गिरफ्त से बाहर रहना दिखाता है कि पाकिस्तान आतंकवाद रोकने का जरा भी इच्छुक नहीं है. जबकि दुनिया जानती है कि मसूद अजहर का संगठन जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ले चुका है. दरअसल पाकिस्तान जानता है कि आमने-सामने के युद्ध में तो वह भारत से पार नहीं पा सकता, इसलिए आतंकी संगठनों के जरिए वह भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है.
लेकिन पुलवामा हमले के बाद भारत में जिस तरह का व्यापक गुस्सा पाकिस्तान के प्रति उमड़ा है और चीन को छोड़कर बाकी दुनिया का समर्थन जिस तरह इस मुद्दे पर भारत को मिला है, उससे पाकिस्तान डर गया है. उसकी दिखावे की कार्रवाइयों की असलियत दुनिया समझने लगी है. इसी का नतीजा है कि पाकिस्तान द्वारा हाफिज सईद के आतंकी संगठन को प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद दुनिया भर में आतंकी फाइनेंसिंग को रोकने के लिए काम करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बरकरार रखा है. हालांकि उसे ब्लैकलिस्ट में डालने की भारत की मांग के संबंध में पाकिस्तान को फिलहाल राहत दी गई है, लेकिन एफएटीएफ ने कहा है कि अक्तूबर, 2019 तक यदि पाकिस्तान उसकी 27 मांगों पर काम नहीं करता है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा.
भारत ने अभी कल ही कहा है कि वह नदियों के अपने हिस्से का पानी अब पाक नहीं जाने देगा. जाहिर है कि इससे पाकिस्तान को भयावह जलसंकट का सामना करना पड़ेगा. पाकिस्तान यदि सचमुच वैश्विक कार्रवाई से बचना चाहता है तो उसे आतंकियों के खिलाफ वास्तविक कार्रवाई करनी ही पड़ेगी, दिखावे की कार्रवाई से अब काम नहीं चलने वाला है.