गौरीशंकर राजहंस का ब्लॉग:श्रीलंका से मजबूत होते रिश्ते

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 6, 2019 05:55 AM2019-12-06T05:55:11+5:302019-12-06T05:55:11+5:30

लंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने भरोसा दिलाया है कि श्रीलंका की भूमि से भारत के खिलाफ कोई आतंकवादी हरकत नहीं होगी और श्रीलंका की सरकार ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगी

Strengthening relations with Sri Lanka | गौरीशंकर राजहंस का ब्लॉग:श्रीलंका से मजबूत होते रिश्ते

गौरीशंकर राजहंस का ब्लॉग:श्रीलंका से मजबूत होते रिश्ते

Highlightsहाल में जब श्रीलंका के नए राष्ट्रपति कोटाबाया का चयन हुआ तो भारत में अनेक चिंताएं व्यक्त की जाने लगीं. कोटाबाया श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे के भाई हैं और उनका झुकाव पूरी तरह चीन की तरफ था

हाल में जब श्रीलंका के नए राष्ट्रपति कोटाबाया का चयन हुआ तो भारत में अनेक चिंताएं व्यक्त की जाने लगीं. कोटाबाया श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे के भाई हैं और उनका झुकाव पूरी तरह चीन की तरफ था. परंतु भारत के प्रधानमंत्री ने कोटाबाया से ऐसी मित्रता साध ली कि सारे भ्रम दूर हो गए. अंतर्राष्ट्रीय जगत में यह कहावत मशहूर है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में वे गुण हैं जिनसे वे दुश्मन को भी अपना मित्र बना लेते हैं. इस चुनाव के पहले जो चुनाव हुआ था उसमें महिन्दा राजपक्षे राष्ट्रपति चुने गए थे.

उनका झुकाव पूरी तरह चीन की तरफ था. इसी कारण भारत में सरकार और मीडिया में यह चर्चा होने लगी कि कहीं कोटाबाया भी अपने भाई की तरह ही चीन का पक्ष नहीं ले लें. प्रधानमंत्री मोदी के साथ अकेले में उनकी डेढ़ घंटे बातचीत हुई और नरेंद्र मोदी ने उन्हें अच्छी तरह समझा दिया कि एक मजबूत और स्थायी श्रीलंका सिर्फ भारत के हित में ही नहीं बल्कि पूरे हिंद महासागर क्षेत्र के हित में जरूरी है.


प्रधानमंत्री मोदी ने कोटाबाया को समझाया कि श्रीलंका में तमिलों के साथ न्याय होना चाहिए. इस पर नए राष्ट्रपति ने आश्वस्त किया कि वह श्रीलंका के हर नागरिक के राष्ट्रपति हैं, चाहे वह किसी भी धर्म का हो और उसने चाहे किसी को भी वोट दिया हो. नए राष्ट्रपति ने उत्तरी और पूर्वी श्रीलंका के विकास के लिए खास तौर पर भारत से मदद मांगी है. यह अत्यंत ही सुखद खबर है कि नए राष्ट्रपति ने पहले पकड़े गए सभी भारतीय मछुआरों को छोड़ देने का ऐलान किया.


यह मामला बहुत दिनों से लंबित था और पूर्ववर्ती भारत समर्थक सिरिसेना सरकार भी इस पर कोई फैसला नहीं कर सकी थी. लंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने भरोसा दिलाया है कि श्रीलंका की भूमि से भारत के खिलाफ कोई आतंकवादी हरकत नहीं होगी और श्रीलंका की सरकार ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगी. एक बात पर दोनों नेताओं ने जोर दिया कि दोनों देशों के विकास के लिए आर्थिक मोर्चे पर मिलकर काम करेंगे. कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी ने ‘नेबर फर्स्ट’ की विदेश नीति को अत्यंत ही महत्वूपर्ण तरीके से दर्शाया है. यदि श्रीलंका से मित्रता हो जाती है और जिसकी पूरी संभावना है, तो निश्चय ही भारत और श्रीलंका के संबंध अत्यंत ही मधुर हो जाएंगे.

Web Title: Strengthening relations with Sri Lanka

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