शोभना जैन का ब्लॉग: चीन के खतरनाक मंसूबे और पाक की बढ़ती नापाक साजिशें
By शोभना जैन | Published: June 26, 2020 06:06 AM2020-06-26T06:06:31+5:302020-06-26T06:06:31+5:30
चीन के साथ चल रहे मौजूदा गंभीर सीमा विवाद के बीच पिछले दिनों चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्न ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने एक रिपोर्ट में चेतावनी की सी भाषा में कहा कि अगर सीमा पर तनाव कम नहीं हुआ तो भारत को चीन और पाकिस्तान के साथ-साथ नेपाल तक की ओर से भी सैन्य तनाव का सामना करना पड़ सकता है. अखबार ने लिखा- ‘भारत एक ही समय पर चीन, पाकिस्तान और नेपाल के साथ सीमा विवाद में उलझ गया है. चीन के लिए पाकिस्तान भरोसेमंद सामरिक साथी है और नेपाल के भी चीन से करीबी संबंध हैं, दोनों ही देश चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना के अहम भागीदार हैं. अगर ऐसे में भारत सीमा पर तनाव को और बढ़ाता है तो उसे दो या फिर तीनों देशों की ओर से सैन्य दबाव का सामना करना पड़ सकता है, जो कि भारत की सैन्य क्षमताओं से बहुत ज्यादा है और यह भारत के लिए बड़ी हार का कारण बन सकता है.’
निश्चित तौर पर दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव में इस तरह का बयान मनोवैज्ञानिक तौर पर मनोबल गिराने की घटिया साजिश का ही अंग है. सीमा पर चीन की बर्बर हरकतों और तमाम समझौतों की धज्जियां उड़ाने वाले नापाक विस्तारवादी मंसूबों से निपटने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है और समय आने पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भी तैयार है. लेकिन यह तो साफ जाहिर है कि भारत के खिलाफ चीन की इस हरकत से पाकिस्तान के हौसले और बढ़ गए हैं. भारत से ‘रोटी-बेटी के संबंधों’ का जाप करने वाला नेपाल भी चीन के बहकावे में आ गया है. उसने भारत विरोधी हवा को बढ़ावा देते हुए हाल ही में अपनी संसद, कैबिनेट द्वारा पारित नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय सीमा क्षेत्न के लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल की सीमा का हिस्सा दिखाया है. भारत ने इस पर तीव्र विरोध जताया.
बहरहाल, यहां बात पाकिस्तान की ही करें तो भारत-चीन सीमा पर जहां चीन ने सैन्य संकट खड़ा कर रखा है, वहीं भारत-पाक सीमा पर पाकिस्तान कायराना हरकतें तेज कर इस स्थिति को भारत के खिलाफ दुतरफा मोर्चा खोलने का ख्बाव पूरा होने का मौका मान रहा है. वह सीमा पर आए दिन सीजफायर का उल्लघंन कर रहा है, भारत में आतंकी घुसाने की कोशिशों की जुगत में लगा हुआ है, राजनयिकों के रक्षा कवच, वियना समझौते को दरकिनार कर पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग के कर्मियों को प्रताड़ित कर रहा है, उनकी जासूसी कर रहा है, और फिर उसका कश्मीर प्रलाप तो जारी है ही. इसी हफ्ते इस्लामी देशों के संगठन ओआईसी में पाक विदेश मंत्नी ने फिर कश्मीर प्रलाप किया, हालांकि मालदीव और सऊदी अरब ने उसे आईना दिखाया. पाकिस्तान की यह हालत तब है जब आतंकी गतिविधियों के लिए सहायता देने की जांच करने वाली विश्व संस्था एफएटीएफ ने उसे फिर से कल ही इस वर्ष अक्तूबर तक जांच के दायरे में बनाए रखने का निर्देश दिया है. बहरहाल, भारत की रिश्ते सामान्य बनाने की तमाम पहल के बावजूद पाक के रवैये की वजह से दोनों देशों के बीच संबंध विषम ही बने रहे और अब संबंध कूटनीतिक दूरियों की हदों को पार कर रहे हैं.
हाल ही में पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग के दो कर्मियों को पाकिस्तान द्वारा अगवा कर प्रताड़ित किए जाने और ऐसे ही उकसाऊ नई परिस्थितियों के मद्देनजर इसी सप्ताह 23 जून को सरकार ने एक अहम फैसला करते हुए पाकिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक रिश्तों की समीक्षा कर पाकिस्तान को नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या आधी करने का निर्देश दिया. साथ ही भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग में भी कर्मचारियों की संख्या घटाने का फैसला किया है. भारत ने यह फैसला पाकिस्तानी उच्चायोग के दो कर्मचारियों के जासूसी में लिप्त होने और आतंकी संगठनों के साथ इनके रिश्तों को देखते हुए किया. भारत लगातार इस बारे में अपनी चिंता जताता रहा है कि पाक उच्चायोग के कर्मचारी यहां भारत में जासूसी मामले में संलिप्त रहे हैं और आतंकी संगठनों के साथ भी उनके रिश्ते रहे हैं. पाक की इन तमाम नापाक हरकतों से साफ जाहिर है कि वह मौजूदा भारत-चीन सीमा संकट के दौरान किस तरह से सीमा के इस पार भी संकट खड़ा कर चीन का साथ दे रहा है.