Sardar Vallabhbhai Patel: गरीबों की सेवा को ही ईश्वर सेवा मानते थे सरदार पटेल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 31, 2024 05:20 IST2024-10-31T05:20:53+5:302024-10-31T05:20:53+5:30

Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2024: अहिंसा का समर्थन करते हुए सरदार पटेल का कहना था कि कायरों की अहिंसा का कोई मूल्य नहीं है.

Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2024 live updates National Unity Day Celebrating Birth Anniversary Patel considered service poor service God blog Shweta Goyal | Sardar Vallabhbhai Patel: गरीबों की सेवा को ही ईश्वर सेवा मानते थे सरदार पटेल

file photo

Highlightsआज का काम कीजिए तो कल का काम अपने आप हो जाएगा.तलवार चलाना जानते हुए भी तलवार को म्यान में रखता है, उसी की अहिंसा सच्ची अहिंसा होती है.कहते थे कि हर इंसान सम्मान के योग्य है, जितना उसे ऊपर सम्मान चाहिए,

श्वेता गोयल

राष्ट्रीय एकता की मिसाल रहे सरदार पटेल ने सदैव देशवासियों के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए. समय-समय पर उन्होंने अपने वक्तव्यों द्वारा लोगों को आलस्य त्यागने, मेहनत करने, ईश्वर तथा सत्य में विश्वास रखने, अन्याय का डटकर मुकाबला करने जैसे प्रेरक संदेश दिए और देश के लिए कुछ अलग हटकर कार्य करने को प्रेरित किया. वे कहा करते थे कि जो काम कल करना है, उसकी बातों में ही आज का काम बिगड़ जाएगा और आज के काम के बिना कल का काम नहीं होगा, इसलिए आज का काम कीजिए तो कल का काम अपने आप हो जाएगा.

कल हमें कोई मदद देने वाला है, यही सोचकर अगर आज बैठे रहे तो आज भी बिगड़ जाएगा और कल तो बिगड़ेगा ही. कोशिश करना हमारा फर्ज है और अगर हम अपने फर्ज को ही पूरा न करें तो हम ईश्वर के गुनहगार बनते हैं. सरदार पटेल कहते थे कि बेकार मत बैठिये क्योंकि बेकार बैठने वाला अपना ही सत्यानाश कर डालता है.

रात-दिन कार्य करने वाला अपनी इंद्रियों को आसानी से वश में कर लेता है, इसलिए आलस्य छोड़िए. उनका कहना था कि अगर कोई चीज मुफ्त मिलती है तो उसकी कीमत कम हो जाती है जबकि परिश्रम से पाई हुई चीज की कीमत ठीक तरीके से लगाई जाती है. लोगों को मेहनत और कर्म करने के लिए प्रेरित करते हुए वे कहते थे कि यह सच है कि पानी में तैरने वाले ही डूबते हैं,

किनारे पर खड़े रहने वाले नहीं लेकिन इससे भी बड़ा सच यह है कि किनारे पर ही खड़े रहने वाले लोग तैरना भी नहीं सीखते. अहिंसा का समर्थन करते हुए सरदार पटेल का कहना था कि कायरों की अहिंसा का कोई मूल्य नहीं है. जो तलवार चलाना जानते हुए भी तलवार को म्यान में रखता है, उसी की अहिंसा सच्ची अहिंसा होती है.

सरदार पटेल को देश के छोटे से छोटे स्तर के व्यक्ति की भी कितनी चिंता थी, उसी को व्यक्त करते हुए उन्होंने एक बार कहा था कि उनकी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भी व्यक्ति अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा न रहे. वे कहते थे कि हर इंसान सम्मान के योग्य है, जितना उसे ऊपर सम्मान चाहिए,

उतना ही उसे नीचे गिरने का डर नहीं होना चाहिए. लौहपुरुष का कहना था कि आम का फल समय से पहले तोड़ोगे तो वह खट्टा ही लगेगा और दांत खट्टे हो जाएंगे लेकिन अगर उसे पकने देंगे तो वह अपने आप टूट जाएगा और अमृत के समान लगेगा.

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