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सारंग थत्ते का ब्लॉग: पुलवामा हमले को एक वर्ष बाद भी नहीं भूला है देश

By सारंग थत्ते | Updated: February 14, 2020 05:32 IST

पाकिस्तान ने भीषण आत्मघाती और आक्रामक हमले को कश्मीर की धरती पर अंजाम दिया था. कश्मीर में सेना पर फायरिंग पहले भी होती थी लेकिन बम से आत्मघाती हमले में इतनी संख्या में सैनिकों को हताहत करने की यह पहली घटना थी.

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14 फरवरी 2019 को दोपहर के तीन बजकर पंद्रह मिनट पर एक दर्दनाक घटना से जुड़ी अविस्मरणीय तारीख भारतीय इतिहास में दर्ज हुई. देश एक तरफ वैलेंटाइन डे मना रहा था और दूसरी तरफ कश्मीर से एक बड़े हादसे की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया था. भारत की अस्मिता पर एक गहरा वार हुआ था, जिसने पूरे देश को हिला दिया था. 300 किलोग्राम बारूद एक वाहन में भर कर जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले के भीतर घुसकर एक बस को निशाना बनाना कोई मामूली खेल नहीं था.  इस आत्मघाती हमले को 6 से 8 पाकिस्तान समर्थित लोगों के बिना अंजाम देना संभव नहीं था.

पाकिस्तान ने भीषण आत्मघाती और आक्रामक हमले को कश्मीर की धरती पर अंजाम दिया था. कश्मीर में सेना पर फायरिंग पहले भी होती थी लेकिन बम से आत्मघाती हमले में इतनी संख्या में सैनिकों को हताहत करने की यह पहली घटना थी. सरकार ने तुरंत कार्रवाई कर छानबीन शुरू की थी जिसका नतीजा बहुत जल्द सामने आया. जैश-ए-मोहम्मद ने इस बम धमाके की जवाबदारी ली. देखते ही देखते 18 फरवरी को भारतीय सेना ने दो आतंकियों को ढेर किया जिसमें अब्दुल रशीद गाजी उर्फ कामरान शामिल था जिसने इस हमले को अंजाम दिया था.  

26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के 12 मिराज लड़ाकू विमानों ने 1000 किलो के बम जैश के कैम्पों पर गिराए जो मुजफ्फराबाद सेक्टर में था. लाइन ऑफ कंट्रोल के पार जाकर भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को सबक सिखाया. कुल छह बम सीमा पार के आतंकी अड्डों पर गिराए गए थे. अगले ही दिन पाकिस्तान ने अपने विमानों से हमारी वायुसीमा में प्रवेश किया, जिसका मुंहतोड़ जवाब दिया गया और एक एफ-16 पाकिस्तानी विमान को मार गिराया गया. एक भारतीय मिग विमान भी इसमें दुर्घटना ग्रस्त हुआ.  

2019 से पहले के तीन सालों में भारतीय सुरक्षा तंत्न ने 700 से अधिक आतंकियों को मार गिराया था. यह जानकारी गृह राज्य मंत्नी जी. कृष्ण रेड्डी ने लोकसभा में दी थी. पाकिस्तान के साथ किसी भी स्तर पर वार्ता पूरी तरह बंद है. भारतीय रक्षा मंत्नी ने इस बात को साफ शब्दों में कहा है कि पाकिस्तान पहले अपने इलाके में आतंकी संगठनों पर लगाम लगाए और आतंकी कैंप का खात्म करे - बातचीत तभी हो सकेगी. इसमें इस बात पर भी जोर दिया गया कि अब बातचीत पीओके (पाकिस्तान  के कब्जे वाले कश्मीर के हिस्से) पर की जाएगी. अब भी हमारी सीमा में घुसपैठ करने से पाकिस्तानी बाज नहीं आ रहे हैं. सीमा पार से युद्ध विराम को भी आए दिन तोड़ा जा रहा है. सीमा पर हालात सुधरे हुए तो बिल्कुल भी नहीं हैं.

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