रहीस सिंह का ब्लॉगः भारत के सामने लक्ष्य बड़ा, पर बिखरा हुआ है जी-20

By रहीस सिंह | Published: December 14, 2022 03:12 PM2022-12-14T15:12:59+5:302022-12-14T15:13:48+5:30

अगर जी-20 सभी को साथ लेकर चलने में सफल हुआ होता तो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जीती जा चुकी होती। कोविड महामारी से जिंदगियों को बचाने की लड़ाई अमीर-गरीब देश अकेले-अकेले न लड़ते, ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित न हुई होती और दुनिया मंदी के मुहाने तक न पहुंची होती।

Rahis Singh blog The target is big in front of India, but the G-20 is scattered | रहीस सिंह का ब्लॉगः भारत के सामने लक्ष्य बड़ा, पर बिखरा हुआ है जी-20

रहीस सिंह का ब्लॉगः भारत के सामने लक्ष्य बड़ा, पर बिखरा हुआ है जी-20

सन्‌ 2008 में लेहमैन ब्रदर्स के ढहने के साथ ही अमेरिका को पता चल गया कि अब दुनिया एकध्रुवीय नहीं रही और न वह दुनिया का सर्वमान्य नेता। इसलिए एक नया सूत्र प्रतिपादित हुआ- 'हम अकेले की बजाय साथ चलकर ज्यादा हासिल कर सकते हैं', और इसकी जिम्मेदारी आई जी-20 के हिस्से में। लेकिन क्या जी-20 भी सबको साथ लेकर चलने का हुनर दिखा पाया?

अगर जी-20 सभी को साथ लेकर चलने में सफल हुआ होता तो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जीती जा चुकी होती। कोविड महामारी से जिंदगियों को बचाने की लड़ाई अमीर-गरीब देश अकेले-अकेले न लड़ते, ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित न हुई होती और दुनिया मंदी के मुहाने तक न पहुंची होती। एक सवाल यह भी है कि वह समूह दुनिया को एक साथ कैसे ला पाएगा जिसमें स्वयं की एकता की बजाय तनाव मौजूद हैं। ये तनाव सामान्य स्तर के नहीं हैं बल्कि दुनिया को शीतयुद्ध के किनारे तक ले जाते हुए देखे जा सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर अमेरिका और चीन के बीच चल रहे 'व्यापार युद्ध' (ट्रेड वाॅर) और रूस-यूक्रेन युद्ध को तो ले ही सकते हैं, यदि और विस्तार करें तो फिर इंडो-पैसिफिक में चीन और अमेरिका के साथ-साथ जापान तथा ऑस्ट्रेलिया और कुछ हद तक भारत को भी ले सकते हैं और भारत-चीन सीमा पर पैदा हुए तनावों को भी। 

सच तो यह है कि बाली (इंडोनेशिया) जी-20 शिखर समिट जब अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए भारत को बागडोर सौंप रही थी, दुनिया के अंदर मौजूद तनावों और विभाजनों-उपविभाजनों की बहुत सी लकीरों के उभरने के दृश्य देखे जा सकते थे। शायद इन लकीरों को ही देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' थीम के साथ जी- 20 को भारत की अध्यक्षता में आगे ले जाने का विचार प्रस्तुत किया। वैसे भी भारत यह नहीं चाहता कि दुनिया आगे भी 'शून्य लाभ' (छीनने और हासिल करने) पर ठिठकी रहे, जो भारत का मौलिक चरित्र नहीं है।

जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लेकर भारत की भावनाओं से दुनिया को अवगत कराया। उन्होंने संरक्षण, सद्भाव और उम्मीदों के ‘एक भविष्य’ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता जताते हुए मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के नए प्रतिमान गढ़ने के लिए दुनिया का आह्वान किया। इसकी जरूरत भी है क्योंकि वर्तमान चुनौतियों से निपटने में बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं सफल नहीं हो पा रही हैं। भारत ने संरक्षण, सद्भाव व उम्मीद की अध्यक्षता करने के लिए पूरी दुनिया से एकजुटता का आह्वान किया है। देखना है कि मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के नए प्रतिमान गढ़ने में भारत को कहां तक कामयाबी मिलती है।

Web Title: Rahis Singh blog The target is big in front of India, but the G-20 is scattered

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे