अवधेश कुमार का ब्लॉग: अंसारी भाइयों को सजा सामान्य घटना नहीं

By अवधेश कुमार | Published: May 3, 2023 02:55 PM2023-05-03T14:55:19+5:302023-05-03T14:56:20+5:30

एमपी-एमएलए न्यायालय द्वारा माफिया अपराधी मुख्तार अंसारी को 10 साल तथा भाई अफजाल को चार वर्ष की सजा आज भले ही किसी को सामान्य लगे, पर कुछ वर्ष पहले इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी.

Punishment of Ansari brothers is not an ordinary incident | अवधेश कुमार का ब्लॉग: अंसारी भाइयों को सजा सामान्य घटना नहीं

(फाइल फोटो)

Highlightsहत्या के बाद ही कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने मुख्तार, अफजाल, एजाजुल हक, मुन्ना बजरंगी आदि पर मोहम्मदाबाद थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया था.इनमें एजाजुल हक की मृत्यु हो गई.इतने बड़े हत्याकांड में न कोई गवाह सामने आया और न कोई सबूत ही मिला.

एमपी-एमएलए न्यायालय द्वारा माफिया अपराधी मुख्तार अंसारी को 10 साल तथा भाई अफजाल को चार वर्ष की सजा आज भले ही किसी को सामान्य लगे, पर कुछ वर्ष पहले इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी. जिस गाजीपुर के तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या मामले में दोनों भाइयों को सजा हुई है, उसमें पहले न्यायालय को कोई सबूत नहीं मिला था. हत्या 29 नवंबर 2005 को हुई थी. 

सरेआम हत्या की भयानक घटना से पूरा क्षेत्र दहल गया था. चारों ओर भय और आतंक का माहौल था. लेकिन अंसारी परिवार का बाल बांका नहीं हुआ. हत्या के बाद ही कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने मुख्तार, अफजाल, उनके बहनोई एजाजुल हक, मुन्ना बजरंगी आदि पर मोहम्मदाबाद थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया था. इनमें एजाजुल हक की मृत्यु हो गई.

न्यायालय के संज्ञान में यह विषय आ गया था कि इस परिवार के आतंक से कोई गवाही देने को तैयार नहीं होते थे या भय से इनके पक्ष में आ जाते थे. इस कारण यह मुकदमे से दोषमुक्त हो जाते थे. कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी एकमात्र चश्मदीद गवाह शशिकांत राय की भी कुछ ही दिनों बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. इतने बड़े हत्याकांड में न कोई गवाह सामने आया और न कोई सबूत ही मिला. 

इस कारण सभी आरोपी बरी कर दिए गए थे. इस पृष्ठभूमि में वर्तमान फैसले का महत्व आसानी से समझ में आ सकता है. ऐसे प्रभुत्वशाली और माफिया परिवार की इस तरह की दुर्दशा की कल्पना कभी नहीं की जा सकती थी. अफजाल अंसारी को सजा होने के बाद उसकी लोकसभा सदस्यता भी खत्म हो गई. अंसारी परिवार की इस कानूनी दुर्दशा के साथ माना जा सकता है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश से माफिया का प्रभुत्व अब खत्म हो जाएगा. 

वास्तविक रूप में प्रदेश कानून के राज और भयमुक्त समाज की ओर अब जाकर अग्रसर हुआ है. उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए निश्चित रूप से यह ऐतिहासिक उपलब्धि है.

Web Title: Punishment of Ansari brothers is not an ordinary incident

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