ब्लॉग: देश में कल्याणकारी योजनाओं के कारण घटी है गरीबी

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: July 24, 2023 02:28 PM2023-07-24T14:28:29+5:302023-07-24T14:29:13+5:30

बिहार में 2.25 करोड़, मध्यप्रदेश में 1.35 करोड़, राजस्थान में 1.08 करोड़ और पश्चिम बंगाल में 92.6 लाख लोग गरीबी से बाहर निकले हैं.

Poverty has decreased due to welfare schemes in country | ब्लॉग: देश में कल्याणकारी योजनाओं के कारण घटी है गरीबी

ब्लॉग: देश में कल्याणकारी योजनाओं के कारण घटी है गरीबी

इन दिनों देश और दुनिया में भारत में बहुआयामी गरीबी के घटने से संबंधित दो रिपोर्टें गंभीरतापूर्वक पढ़ी जा रही हैं-एक, नीति आयोग द्वारा 17 जुलाई को जारी की गई राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) प्रगति समीक्षा रिपोर्ट 2023 और दो, 11 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (ओपीएचआई) के द्वारा वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) की रिपोर्ट 2023. ये दोनों रिपोर्टें भारत में बहुआयामी गरीबी घटने का सुकूनदेह परिदृश्य प्रस्तुत करते हुए दिखाई दे रही हैं.

गौरतलब है कि नीति आयोग के द्वारा जारी राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में बहुआयामी गरीब लोगों की हिस्सेदारी वर्ष 2015-16 के 24.85 फीसदी से घटकर वर्ष 2019-21 में 14.96 फीसदी हो गई है. यह सूचकांक आय गरीबी के आकलन का पूरक है. 

यह सूचकांक स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में सुधार को बताता है, जो इसके सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के अनुरूप है. इसके तहत पोषण, बाल एवं किशोर मृत्युदर, खाना बनाने में उपयोग होने वाले ईंधन, स्वच्छता, पेयजल, बिजली, आवास, मांओं के स्वास्थ्य, स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति जैसे आधारभूत संकेतक शामिल हैं. 

इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत एसडीजी लक्ष्य 1.2 प्राप्त करने की राह पर निकल गया है, जिससे वर्ष 2030 के लिए तय की गई मियाद से बहुत पहले बहुआयामी गरीबी को कम से कम आधा करने में मदद मिलेगी. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बहुआयामी गरीबों के अनुपात में सबसे अधिक कमी उत्तरप्रदेश में देखी गई, जहां 3.43 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं. 

इसके बाद बिहार में 2.25 करोड़, मध्यप्रदेश में 1.35 करोड़, राजस्थान में 1.08 करोड़ और पश्चिम बंगाल में 92.6 लाख लोग गरीबी से बाहर निकले हैं.

यूएनडीपी की रिपोर्ट 2023 में कहा गया कि भारत में पिछले 15 वर्षों में गरीबी में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है. भारत में 2005-2006 से 2019-2021 के दौरान कुल 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. 2005-2006 में जहां गरीबों की आबादी 55.1 प्रतिशत थी, वह 2019-2021 में घटकर 16.4 प्रतिशत हो गई.

बेशक, देश में करीब 23 करोड़ लोग अभी भी गरीब हैं. ऐसे में गरीबी, बेरोजगारी, भूख और कुपोषण खत्म करने के लिए सरकार के द्वारा घोषित नई जनकल्याण योजनाओं, स्वरोजगार योजनाओं, कौशल विकास, सार्वजनिक स्वास्थ्य,  सामुदायिक रसोई व्यवस्था तथा पोषण अभियान-2 को पूरी तरह कारगर व सफल बनाना होगा. 

Web Title: Poverty has decreased due to welfare schemes in country

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे