पीयूष पांडे का ब्लॉग: राम तेरे संसार में भांति-भांति के कांड
By पीयूष पाण्डेय | Published: March 27, 2021 01:41 PM2021-03-27T13:41:33+5:302021-03-27T13:43:05+5:30
कालांतर में ‘कांड’ शब्द की जितनी दुर्गति हुई है, उतनी कुछ ही शब्दों की हुई होगी. खैर, ‘कांड’ अब इतना सनसनीखेज शब्द बन चुका है कि कांड की ध्वनि कानों में पड़ते ही कान खड़े हो जाते हैं.
संपूर्ण रामायण में सात कांड हैं. बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किंधाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड एवं उत्तरकांड. रामायण में ‘कांड’ का जिक्र है तो इसे सुंदर शब्द माना जाना चाहिए. लेकिन, है क्या?
जिस तरह अनजान लोगों द्वारा आगजनी, लूट, बलात्कार, हत्या जैसे कांड करने के बाद फरार हुए लोगों के खिलाफ एफआईआर लिखवाते वक्त अज्ञात शब्द जोड़ा जाता है, उसी तरह ‘कांड’ शब्द का कांड करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर की जानी चाहिए.
कालांतर में ‘कांड’ शब्द की जितनी दुर्गति हुई है, उतनी कुछ ही शब्दों की हुई होगी. खैर, ‘कांड’ अब इतना सनसनीखेज शब्द बन चुका है कि कांड की ध्वनि कानों में पड़ते ही कान खड़े हो जाते हैं. और हर कांड अपने अपने दायरे के ‘ब्रांड’ को हिलाता दिखता है. अब देखिए, महाराष्ट्र में एक टेपकांड हो गया.
मंत्री-संत्री रहे लोगों की फोन रिकॉर्डिग वाले इस कांड में कई नेताओं के फंसने की आशंका है. लेकिन, जो नेता किसी कांड में फंस जाए, वो नेता ही नहीं. नेता कांड करते हैं, उसमें फंसते नहीं. कुछ दिन पहले राजस्थान में भी टेपकांड हुआ था.
टेपकांड को परिभाषित करें तो ये वो कांड होता है, जिसमें बिना पसीना बहाए फोन पर ही बंदा करोड़ों रुपए पीटने के चक्कर में ऐसी बकलोली कर बैठता है कि कालांतर में उसे खुद अपनी आवाज से नफरत होने लगती है. पुलिस के लिए टेपकांड करना अपेक्षाकृत आसान होता है. कुछ साल पहले तक पिक्चरकांड होता था, लेकिन फोटोशॉप तकनीक की लोकप्रियता के बाद तस्वीरों से छेड़छाड़ के चलते होने वाले कांड बहुत कम हो गए हैं.
सबसे मुश्किल होता है सीडीकांड. यह कांड शेर की मांद में शेर का शिकार करने जितना कठिन होता है. शिकार की गतिविधि को सही तरीके से पकड़ने के लिए सही एंगल पर मोबाइल फिट करना आसान नहीं होता. कभी-कभी सीडी कांड का शिकार व्यक्ति ज्यादा अक्लमंद बनने के चक्कर में खुद अपना कांड करा बैठता है.
दरअसल, वो खुद ही अपनी करतूत का वीडियो बनाता है, जो बाद में लीक होकर सीडीकांड के रूप में सोशल मीडिया पर वायरल होता है. सीडीकांड की सबसे खास बात यह होती है कि इसमें सीडी बनते वक्त का नायक सीडी के रिलीज होते ही खलनायक में तब्दील हो जाता है. स्मार्टफोन आने के बाद सीडी कांड की संभावनाएं बढ़ गई हैं, इसलिए समझदार लोग स्मार्टफोन की जद से बाहर कांड की संभावनाएं टटोलते हैं.
महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी जैसी समस्याएं आम आदमी का कांड सालों से करती रही हैं और लगता है कि सालों करती रहेंगी. फिलहाल, होली का मौसम है. आप चुपचाप घर रहिए वर्ना कोरोना वायरस भयंकर कांड करने को
तैयार है.