पीयूष पांडे का ब्लॉग: बढ़ते कोरोना के बीच बेशर्मी का स्वर्णकाल

By पीयूष पाण्डेय | Published: April 10, 2021 05:51 PM2021-04-10T17:51:26+5:302021-04-10T17:52:25+5:30

कोरोना संक्रमण के मामले भारत में एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं और इसके पीछे बड़ी वजह तो लोगों की लापरवाही भी है।

Piyush Pandey Blog: Coronavirus cases in India negligence of people | पीयूष पांडे का ब्लॉग: बढ़ते कोरोना के बीच बेशर्मी का स्वर्णकाल

कोरोना के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने की जरूरत (फाइल फोटो)

जिस तेजी से मार्केट में सोने के दाम गिर रहे हैं, उससे 100 गुना तेजी से कोरोना का मार्केट उर्फ मरीज बढ़ रहे हैं. एक जमाने में पड़ोसी की देखादेखी लोग टीवी, फ्रिज या कार खरीदकर लाते थे. 

इन दिनों ऐसा लग रहा है, जैसे कोरोना पीड़ित पड़ोसी से ईर्ष्याग्रस्त लोग घर कोरोना ला रहे हैं. मतलब, कोरोना पीड़ित बंदे को फेसबुक पर दुआओं के 1000 कमेंट मिले तो पड़ोसी सोचने लगता है कि हमें भी यही बीमारी घर लानी है. 
‘शोले’ फिल्म में अंग्रेजों के जमाने का एक बेशर्म जेलर था, जिसे गुमान था कि उसके जासूस जेल में चप्पे-चप्पे पर हैं, इसलिए जेल में कोई पंछी भी पर नहीं मार सकता. 

अंग्रेजों के जाने के 75 साल बाद उनके जमाने के जेलर तो नहीं बचे लेकिन बेशर्मी बची हुई है. इस कदर कि हमें मास्क लगाने में शर्म आती है. हद ये कि मास्क न लगाने के बाद ‘हमें कुछ नहीं हो सकता’ कहने में शर्म नहीं आती. 

बढ़ते कोरोना के बीच ये बेशर्मी का स्वर्णकाल है. ऐसे युग में कुछ बेशर्म सलाह मेरी तरफ से भी प्रस्तुत है.

- चूंकि मास्क लगाने से आपकी खूबसूरती घटती है, और मास्क लगाने को आप पाप मानते हैं, इसलिए मास्क खरीदने में पैसे कतई बर्बाद न करें. वैसे भी, किसी पिद्दी से वायरस की हिम्मत नहीं कि आपकी जान ले सके. और जान का क्या है, वो आती-जाती रहती है. गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा भी है कि आत्मा अजर-अमर है.

- खुदा ना खास्ता, यदि आप कोरोना की चपेट में आ जाते हैं तो अपने पीड़ित होने के हर एंगल से फोटो अवश्य लें. इसके दो फायदे हैं. एक तो क्वारंटाइन रहते हुए आप रोजाना फेसबुक-ट्विटर पर अलग-अलग फोटो डालेंगे, जिस पर आपको दुआओं के रूप में सैकड़ों कमेंट मिलेंगे. इन टिप्पणियों पर जवाब के रूप में अलग-अलग इमोजी बनाने में आपका समय कटेगा. दूसरा फायदा ये कि इन तस्वीरों के रूप में आपके पास सबूत रहेगा कि आप कोरोना पीड़ित हुए थे. क्या पता, कोई सरकार वोटरों को रिझाने के चक्कर में कोरोना पेंशन शुरू कर दे. वैसे भी, जिस तेजी से कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है, वो भविष्य में एक पार्टी बना लें तो कोई माई का लाल उन्हें हरा नहीं सकता.

- कोरोना से आपको डर नहीं लगता-ये सच है. लेकिन, कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक करते रहिए. अपनी कार पर, फेसबुक-ट्विटर पर और व्हाट्सएप्प वगैरह पर कोरोना से जागरूक करने वाले संदेश चिपकाकर रखिए.

- कुछ टीवी चैनल मास्क वाली सेल्फी मंगा रहे हैं तो वो उन्हें भेज दीजिए. इस बहाने आप टीवी पर दिखेंगे. यह अलग बात है कि मास्क लगी सेल्फी देखना कौन चाहता है, और क्या ये आइडिया चैनल वालों को अक्ल पर मास्क लगाकर आया, कहना मुश्किल है.

 

Web Title: Piyush Pandey Blog: Coronavirus cases in India negligence of people

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