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खून खौल रहा है...मगर हमें साजिश नाकाम करना है

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 24, 2025 07:22 IST

वे अपने मजहब के लिए यह सब कर रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि वे अपने मजहब का ही नुकसान कर रहे हैं.

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कश्मीर घाटी में जो कुछ भी हुआ, उसके लिए निंदा और भर्त्सना शब्द के कोई मायने नहीं हैं. इस वक्त हर भारतवासी का खून खौल रहा है. बदले की आग में हर आदमी जला जा रहा है. जिन्होंने यह सब किया है या जिन्होंने यह भीषण कांड कराया है, उन्हें ऐसी सजा मिलनी ही चाहिए कि वे कभी सपने में भी भारत की तरफ आंख उठा कर देखने की हिम्मत न कर पाएं. और हमारी सरकार जवाब देगी भी!

लेकिन इस वक्त हर भारतीय की भी यह जिम्मेदारी है कि आतंकवादियों का जो मकसद है, उसे किसी हाल में पूरा नहीं होने देना है. किसी का धर्म पूछकर और पैंट उतरवा कर यह देखना कि वह मुसलमान है कि नहीं, और फिर गोली मार देना किसी इंसान का नहीं बल्कि नरपिशाचों का ही काम हो सकता है. यह सब जानबूझ कर किया गया है ताकि बात हिंदू मुसलमान की हो जाए और भारत के भीतर अमन को तार-तार करने का मौका दुश्मनों को मिल जाए. इसीलिए पाकिस्तान का सेना अध्यक्ष जनरल मुनीर पिछले सप्ताह यह कहता है कि हिंदू और मुसलमान दोनों अलग हैं.

वह हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलते हुए कश्मीर की बात करता है और कहता है कि कश्मीर को कभी नहीं छोड़ेगा. जाहिर सी बात है कि कश्मीर में आतंकवाद का दोषी केवल और केवल पाकिस्तान है. उसके नरपिशाच भले ही यह सोच रहे हों कि वे अपने मजहब के लिए यह सब कर रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि वे अपने मजहब का ही नुकसान कर रहे हैं.

उन नरपिशाचों ने केवल 26 लोगों की हत्या नहीं की है बल्कि घाटी के मुसलमानों की जिंदगी को ही बदरंग किया है. पिछले कुछ सालों से कश्मीर में अमन की स्थिति बेहतर हुई तो न केवल देश बल्कि विदेशों से भी पर्यटकों का कश्मीर पहुंचना शुरू हुआ.

स्थितियां इस कदर बदलने लगी थीं कि श्रीनगर में कई नए होटल भी वजूद में आए. कश्मीर टूरिज्म कॉरपोरेशन के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल सवा दो करोड़ से ज्यादा पर्यटक घाटी में पहुंचे. इस साल पर्यटन का सीजन शुरू हुआ तो सारा कश्मीर खुश था क्योंकि पर्यटन वहां की जिंदगी का मुख्य आधार है. अब कश्मीर के लोग रो रहे हैं. उनका तो सबकुछ लुट गया! अब कौन घूमने जाएगा कश्मीर?

दरअसल पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई यही चाहती है कि कश्मीर कभी खुशहाल न हो. इसके पहले भी कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार इसी मकसद से किया गया था कि इसकी आग पूरे देश में फैले लेकिन हिंदुस्तानी अवाम हकीकत को समझती है. वह जानती है कि भारत में रहने वाला व्यक्ति हिंदू और मुसलमान बाद में है, सबसे पहले वह भारतीय है.

यही कारण है कि आतंकवादियों का मकसद अब तक कामयाब नहीं हो पाया है. ध्यान रखिए कि आतंकवादियों के मकसद को हमारी एकता ही पराजित कर सकती है. इस बार आतंकवादियों को और उनके आकाओं को यह समझ में आ गया होगा कि कश्मीर के लोग ही उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं.

कश्मीरी बच्चे और युवा अब पत्थर नहीं फेंक रहे बल्कि पर्यटकों को अपने राज्य के खूबसूरत नजारे दिखा रहे हैं. और मुनीर को समझ लेना चाहिए कि वह दिन दूर नहीं जब हमारे पर्यटक मुजफ्फराबाद के नजारे भी देखेंगे.

टॅग्स :जम्मू कश्मीरKashmir Tourism Development Corporationआतंकवादीआतंकी हमला
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