लाइव न्यूज़ :

अवधेश कुमार का ब्लॉग: नई लोकसभा में विपक्ष के तीव्र होंगे तेवर

By अवधेश कुमार | Updated: June 29, 2024 14:17 IST

Open in App
ठळक मुद्दे18 वीं लोकसभा के अध्यक्ष के निर्वाचन के दौरान और उसके बाद का दृश्य निश्चित रूप से देश को एक हद तक राहत देने वाला था.आक्रामक मोर्चाबंदी के बाद विपक्ष ने संसद में मत विभाजन की मांग नहीं की. कम-से-कम सांसदों के शपथ ग्रहण के अवसर को प्रदर्शनों से दूर रखा जा सकता था. 

18 वीं लोकसभा के अध्यक्ष के निर्वाचन के दौरान और उसके बाद का दृश्य निश्चित रूप से देश को एक हद तक राहत देने वाला था. आक्रामक मोर्चाबंदी के बाद विपक्ष ने संसद में मत विभाजन की मांग नहीं की. इस कारण ओम बिरला का दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हुआ. विपक्ष अपने पूर्व के तेवर के अनुरूप के. 

सुरेश और ओम बिरला के बीच मतदान पर अड़ता तो तस्वीर दूसरी होती. हालांकि संख्या बल के आधार पर सरकार की ओर से लाए गए उम्मीदवार ओम बिरला का निर्वाचन निश्चित था लेकिन विपक्ष भी अपनी ताकत दिखाना चाहता था. लगता है सरकार के रणनीतिकारों ने विपक्ष के साथ अंदर ही अंदर काफी बातचीत की, उन्हें मनाने का प्रयास किया और उसमें एक हद तक सफलता मिली. 

सरकार का तर्क यही था कि अध्यक्ष पद को राजनीति से दूर रखने के लिए ओम बिरला का निर्वाचन सर्वसम्मति से होना चाहिए. इसमें सरकारी पक्ष सफल नहीं हुआ लेकिन कम-से-कम मत विभाजन नहीं हुआ यह भी आज की स्थिति को देखते हुए बड़ी बात है. 

दूसरे, ओम बिरला के निर्वाचन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें बधाई देने गए तो विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी भी आए और प्रधानमंत्री ने स्वयं उन्हें अपने हाथ से आगे आने का इशारा किया. फिर परंपरा के अनुरूप सदन के नेता एवं विपक्ष के नेता तथा साथ में संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजु उन्हें आसन तक ले गए. 

आसन पर बैठने के बाद प्रधानमंत्री ने पहले उनसे हाथ मिलाए और फिर राहुल गांधी की ओर मुड़कर उन्हें आगे किया, फिर प्रधानमंत्री एवं राहुल गांधी ने भी हाथ मिलाया. इससे संदेश यह निकलता है कि राजनीति में आपसी दुश्मनी की स्थिति होते हुए भी हमारे राजनेता महत्वपूर्ण अवसरों पर अपनी भूमिका का गरिमा से निर्वहन कर सकते हैं. हालांकि इससे यह मान लेना गलत होगा कि विपक्ष ने सरकार के साथ समन्वय बनाकर काम करने का मन बनाया है.

वास्तव में 18 वीं लोकसभा में शपथ ग्रहण के समय से  विपक्ष का तेवर बता रहा है कि वह सरकार को आसानी से काम करने देने की मन:स्थिति में नहीं है. इंडिया गठबंधन के सारे सांसद गांधीजी की प्रतिमा के पुराने स्थल से हाथों में संविधान लहराते हुए जिस तरह नारा लगाते आगे बढ़े वह चिंतित करने वाला दृश्य था. कम-से-कम सांसदों के शपथ ग्रहण के अवसर को प्रदर्शनों से दूर रखा जा सकता था. 

सरकार ने अभी ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है जिसके लिए विपक्ष को इस तरह विरोध की एकजुटता प्रदर्शित करनी पड़े. विरोध के लिए आगे पूरा अवसर बना हुआ है.  सांसदों के शपथ ग्रहण यानी 18वीं लोकसभा की शुरुआत में विपक्ष ने अपनी रणनीति के तहत ही आक्रामक विरोधी चरित्र प्रदर्शित किया है.

टॅग्स :लोकसभा संसद बिलLok Sabha Speaker
Open in App

संबंधित खबरें

भारतVice President Election 2025: पीएम मोदी, राहुल गांधी, राजनाथ सिंह समेत इन नेताओं ने डाला वोट, उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी

भारतVice President Election 2025: BJD और BRS समेत तीन पार्टियों ने वोटिंग से किया किनारा, 12 सांसद नहीं डालेंगे वोट

भारत'वोट चोरी' कर जीते अखिलेश यादव, हर बूथ पर 10-15 वोट मिले?, समाजवादी पार्टी प्रमुख को लाभ मिला और कन्नौज से जीते, योगी सरकार के मंत्री असीम अरुण ने निर्वाचन आयोग पर खड़े किए सवाल

भारतIncome Tax Bill 2025: इनकम टैक्स बिल लोकसभा में पारित, जानिए नए विधेयक में क्या हैं बदलाव

भारततृणमूल में बढ़ी दरार, कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में मुख्य सचेतक पद से दिया इस्तीफा

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत