ऑपरेशन सिंदूर : शांति के दुश्मनों पर भारत का अग्निपात?, पाकिस्तान को औकात दिखाई

By योगेश कुमार गोयल | Updated: May 8, 2025 07:09 IST2025-05-08T07:06:52+5:302025-05-08T07:09:59+5:30

Operation Sindoor: पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई बल्कि भारत की नई सैन्य नीति को भी स्पष्ट कर दिया कि अब हम चुप नहीं बैठेंगे अपितु हम आतंक के जन्मस्थल तक जाएंगे और वहां आग लगाएंगे.

Operation Sindoor India's fire enemies of peace blog Yogesh Kumar Goyal Pakistan was shown its place | ऑपरेशन सिंदूर : शांति के दुश्मनों पर भारत का अग्निपात?, पाकिस्तान को औकात दिखाई

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Highlights ऑपरेशन केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह उस बदले हुए भारत की घोषणा थी.भारत अब किसी आतंकी की मांद को भी सुरक्षित नहीं छोड़ेगा.

Operation Sindoor: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिये भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह अब केवल प्रतिक्रिया देने वाला देश नहीं बल्कि आतंक के स्त्रोतों पर निर्णायक और सर्जिकल प्रहार करने वाला राष्ट्र बन चुका है. कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जिस तरह भारत ने सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों पर निशाना साधते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, उसने न केवल पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई बल्कि भारत की नई सैन्य नीति को भी स्पष्ट कर दिया कि अब हम चुप नहीं बैठेंगे अपितु हम आतंक के जन्मस्थल तक जाएंगे और वहां आग लगाएंगे.

यह ऑपरेशन केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह उस बदले हुए भारत की घोषणा थी, जो अब बातों से नहीं, बमों से जवाब देता है, जो कूटनीति की किताब बंद करके अब अपने लड़ाकू विमानों और मिसाइलों की बोली में संवाद करता है. भारतीय वायुसेना ने जब पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर आतंकियों के अड्डों पर सर्जिकल स्ट्राइक की तो यह महज जवाबी हमला नहीं था, यह स्पष्ट संदेश था कि भारत अब किसी आतंकी की मांद को भी सुरक्षित नहीं छोड़ेगा, चाहे वह सरहद के इस पार हो या उस पार.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उद्देश्य स्पष्ट था, उन स्थानों को ध्वस्त करना, जहां से भारत में आतंक का बीज बोया जाता है. पहलगाम हमला, जिसमें हमारे निर्दोष तीर्थयात्रियों और जवानों को निशाना बनाया गया, उसकी साजिश कहीं और नहीं, पाकिस्तान की फौज, आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा जैसों की सांठगांठ से ही तैयार की गई थी.

भारत ने न केवल इस साजिश को समझा बल्कि उसे जड़ से उखाड़ने की भी ठान ली है. इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने जिस साहस, रणनीति और सटीकता का परिचय दिया, वह दुनिया के किसी भी शीर्ष सैन्य बल को चुनौती देने के लिए पर्याप्त है. पाकिस्तान हमेशा से ही दोहरी भूमिका निभाता रहा है, एक ओर वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति और वार्ता की बात करता है,

तो दूसरी ओर अपने क्षेत्र को आतंकियों के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में प्रयोग करता है. भारत ने अब उस नकाब को पूरी तरह नोंच फेंका है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने बता दिया कि अब भारत अब उन भाषणों या प्रस्तावों से संतुष्ट नहीं होगा, जो संयुक्त राष्ट्र में दिए जाते हैं बल्कि उन बंकरों को नेस्तनाबूद करेगा, जहां से ये षड्यंत्र जन्म लेते हैं.

यह भी ध्यान देने योग्य है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सैन्य पक्ष जितना शक्तिशाली था, उतनी ही मजबूत उसकी कूटनीतिक तैयारी भी थी. भारत ने पहले ही वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के आतंक समर्थक चेहरे को उजागर कर दिया था. एफएटीएफ जैसे मंचों पर पाकिस्तान की असफलताएं जगजाहिर हैं. ऐसे में भारत का यह सैन्य कदम उस लंबे कूटनीतिक संघर्ष का परिणाम था, जिसे वर्षों से संजोया जा रहा था. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह भी दिखा दिया कि भारत अब केवल एलओसी तक सीमित नहीं है.

यदि आवश्यक हुआ तो भारत नियंत्रण रेखा पार करके भी अपने हितों की रक्षा कर सकता है. यह नीति पाकिस्तान के लिए स्पष्ट चेतावनी है कि यदि उसने अब भी अपने घर में पल रहे आतंकी सांपों को दूध पिलाना बंद नहीं किया तो अगली बार भारत उनके बिलों तक पहुंचेगा और उन्हें वहीं खत्म करेगा. यह भी उल्लेखनीय है कि भारत की सैन्य क्षमता अब केवल परंपरागत युद्धों तक सीमित नहीं है.

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