जयंतीलाल भंडारी- ब्लॉग: नई व्यापार नीति से सुधरेगी अर्थव्यवस्था, रुपए के छलांग लगाकर बढ़ने की उम्मीद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 15, 2023 10:41 AM2023-04-15T10:41:43+5:302023-04-15T10:44:33+5:30
ई-कॉमर्स के माध्यम से होने वाले निर्यात के प्रोत्साहन के लिए अलग से ई-कॉमर्स जोन की स्थापना का भी ऐलान किया गया है।
देश की नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) एक अप्रैल से लागू की गई है। इससे निर्यात तेजी से बढ़ेंगे जिस तरह नई विदेश व्यापार नीति से विदेश व्यापार रुपए में किए जाने संबंधी महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं, उससे भारत का रुपया दुनिया के मुद्रा बाजार में नई छलांग लगाएगा।
डॉलर के मुकाबले रुपए को मजबूती मिलेगी। यह कोई छोटी बात नहीं है कि दुनिया के 18 देशों के साथ रुपए में व्यापार की सहमति बन चुकी है और रूस, श्रीलंका व मॉरीशस के साथ रुपए में व्यापार शुरू हो गया है।
गौरतलब है कि पिछली विदेश व्यापार नीति 1 अप्रैल, 2015 को लागू की गई थी और इसके समाप्त होने की तिथि 2020 थी, लेकिन कोरोना वायरस आने के कारण सितंबर 2022 में इसे 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया।
अब सरकार ने नई एफटीपी नीति को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नए निर्देशों और नियमों के अनुरूप बनाया है। यदि हम नई विदेश व्यापार नीति की तस्वीर को देखें तो इसमें कई प्रमुख बातें उभरकर दिखाई दे रही हैं।
पहले विदेश व्यापार नीति पांच वर्षों के लिए होती थी, लेकिन अब नई नीति की कोई अंतिम तारीख नहीं है। इसमें उपयुक्तता अनुरूप परिवर्तन किए जा सकेंगे। नई विदेश व्यापार नीति के तहत सरकार ने निर्यात के दायरे को बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब की स्थापना करने की घोषणा की है और वित्त वर्ष 2023-24 में 75 जिलों में एक्सपोर्ट हब बनाए जा सकते हैं।
इससे निर्यात से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी दूर हो सकेगी। सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की पहचान का काम पहले ही पूरा कर चुकी है। जिला स्तर पर निर्यात सुविधा विकसित होने से उस जिले के उत्पाद को आसानी से निर्यात किया जा सकेगा। ऐसे प्रयास से सभी राज्यों को निर्यात में हिस्सेदार बनने का मौका मिलेगा और वहां रोजगार में भी बढ़ोत्तरी होगी।
ई-कॉमर्स के माध्यम से होने वाले निर्यात के प्रोत्साहन के लिए अलग से ई-कॉमर्स जोन की स्थापना का भी ऐलान किया गया है। हम उम्मीद करें कि नई विदेश व्यापार नीति के तहत विदेश व्यापार रुपए में किए जाने संबंधी जो महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं, उनसे दुनिया के कई देशों के साथ भारत का विदेश व्यापार रुपए में होने लगेगा।
इससे देश का डॉलर संकट कम होगा और पूरी दुनिया में रुपए की अहमियत बढ़ेगी। हम उम्मीद करें कि नई विदेश व्यापार नीति को रणनीतिक प्रयासों से कार्यान्वित करने से भारत वर्ष 2030 तक वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात के लिए निर्धारित 2 लाख करोड़ डॉलर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य अपनी मुट्ठियों में लेते दिख सकेगा तथा भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में पहचान बनाएगी।