ब्लॉग: शतरंज की नई सनसनी गुकेश ने बढ़ाया देश का मान
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: April 23, 2024 10:07 AM2024-04-23T10:07:14+5:302024-04-23T10:08:20+5:30
चेन्नई निवासी इस उदीयमान खिलाड़ी ने कनाडा के शहर टोरंटो में आयोजित कैंडिडेट्स शतरंज चैंपियनशिप में रविवार की देर रात अंतिम दौर की बाजी में अपने प्रतिद्वंद्वी अमेरिका के हिकारू नकामूरा से ड्रॉ खेलकर चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की चमक-दमक के बीच शतरंज के विश्व मंच पर देश के उभरते सितारे ग्रैंड मास्टर डी. गुकेश ने ऐतिहासिक प्रदर्शन के साथ भारतीय तिरंगे का सम्मान बढ़ाया है. चेन्नई निवासी इस उदीयमान खिलाड़ी ने कनाडा के शहर टोरंटो में आयोजित कैंडिडेट्स शतरंज चैंपियनशिप में रविवार की देर रात अंतिम दौर की बाजी में अपने प्रतिद्वंद्वी अमेरिका के हिकारू नकामूरा से ड्रॉ खेलकर चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया जबकि महिलाओं में एक अन्य भारतीय खिलाड़ी कोनेरू हम्पी दूसरे स्थान पर रहीं.
गुकेश ने यह कामयाबी महज 17 वर्ष की आयु में हासिल करते हुए 40 वर्ष पुराने गैरी कास्परोव के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. कास्परोव ने 1984 में 22 साल की आयु में यह उपलब्धि हासिल की थी. इस जीत के साथ गुकेश विश्व खिताब के सबसे युवा चैलेंजर भी बन गए. खास बात यह है कि गुकेश यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं. इससे पूर्व पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने 2014 में खिताब जीता था.
गुकेश ने महज 12 वर्ष की उम्र में ग्रैंडमास्टर बनने का कारनामा कर दिखाया था जो शतरंज इतिहास के तीसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर हैं. 29 मई 2006 को चेन्नई में तेलुगू परिवार में जन्मे शतरंज के इस चमकते सितारे का नाम डोम्माराजू गुकेश है. उनके माता-पिता आंध्र प्रदेश के गोदावरी डेल्टा क्षेत्र से आते हैं. पिता डॉ. रजनीकांत कान-नाक और गले के सर्जन हैं, जबकि मां पद्मा माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं. गुकेश ने सात साल की उम्र में शतरंज खेलना सीखा. कैंडिटेड्स शतरंज चैंपियनशिप में गुकेश की इस ऐतिहासिक कामयाबी ने साबित कर दिया कि दिग्गज शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है.
आनंद के नक्श-ए-कदम पर आगे बढ़ने वाले शतरंज खिलाड़ियों की फेहरिस्त लंबी है. 2023 के अगस्त में देश के 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानानंदा ने फिडे विश्वकप शतरंज के फाइनल में उपविजेता बनने का गौरव प्राप्त किया था. इस सूची में ग्रैंड मास्टर विदित गुजराती, आर. वैशाली, कोनेरू हम्पी जैसे अनेक नाम लिए जा सकते हैं. कैंडिडेट्स शतरंज चैंपियनशिप दुनिया की महत्वपूर्ण शतरंज स्पर्धाओं में से एक है. इसमें पुरुष और महिला वर्ग में प्रत्येक देश से 8-8 खिलाड़ी भाग्य आजमाते हैं. आखिर में अंकतालिका में टॉप पर रहने वाला खिलाड़ी विजेता बनता है. यह खिलाड़ी गत वर्ल्ड चैंपियन को चैलेंज करता है. दोनों के बीच होने वाले मुकाबले का विजेता वर्ल्ड चैंपियन बनता है. लिहाजा, अब गुकेश विश्व खिताब के लिए इस वर्ष के अंत में चीन के डिंग लिरेन के खिलाफ चुनौती पेश करेंगे.
गुकेश ने अपनी जीत से छह बार के वर्ल्ड चैंपियन और नॉर्वे के ग्रैंडमास्टर मैग्नस कार्लसन को करारा जवाब दिया है. कार्लसन ने टूर्नामेंट शुरू होने से पहले यह बयान दिया था कि उन्हें नहीं लगता कि कोई भारतीय यह टूर्नामेंट जीतेगा. भारत के सबसे युवा खिलाड़ी ने खिताब जीतकर यह दिखा दिया कि शतरंज में एक बार फिर भारत की बादशाहत होने वाली है.