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ब्लॉग: पीएम मोदी के दौरे के बाद शुरू हुआ भारत-ऑस्ट्रेलिया के संबंधों का नया अध्याय

By शोभना जैन | Published: May 26, 2023 7:17 AM

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कुछ बरस पहले ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान सिडनी में हमारे साथ घूम रहे अप्रवासी भारतीय परिवार ने वहां चीनी अप्रवासियों की बहुतायत वाला चाइना टाउन घुमाते हुए एक सपाट सी आवाज में कहा कि सिडनी के एक दूसरे हिस्से में भी एक छोटा सा भारत बसता है, जहां बड़ी तादाद में भारतीय रहते हैं, जहां भारत से जुड़ी हर चीज मिलती है, लेकिन उसका नाम हैरिस पार्क है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह संपन्न हुई अपनी ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ इसी हैरिस पार्क इलाके का नया नामकरण लिटिल इंडिया किया. उस वक्त उस परिवार के दिल में छिपी यह चाहत याद आई. उन्हें निश्चय ही बहुत अच्छा लगा होगा. जैसा कि विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने भी कहा कि लिटिल इंडिया भारत-ऑस्ट्रेलिया मैत्री और प्रवासी भारतीयों के अमूल्य योगदान का प्रतीक होगा. 

भारत-ऑस्ट्रेलिया रिश्तों में पिछले कुछ वर्षों से बढ़ रही प्रगाढ़ता पर ऑस्ट्रेलिया मामलों के एक जानकार के अनुसार इस दशक में दोनों देशों के रिश्तों में नई गति आई है. प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के आपसी रिश्तों को क्रिकेट की भाषा में 20-20 मोड में बताया.

दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक, व्यापारिक, सामरिक सहयोग के साथ क्वाॅड समूह के जरिये हिंद प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा सहित इस क्षेत्र के जरिये विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है अंतरराष्ट्रीय फ्रंट में यूक्रेन युद्ध में रूस की भूमिका और पश्चिमी देशों द्वारा लागू प्रतिबंधों पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के अलग-अलग मत होने के बावजूद दोनों ही क्वॉड के अन्य सदस्यों की तरह हिंद प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र तथा मुक्त क्षेत्र बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं. 

दरअसल दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ हुए रिश्तों के पीछे हिंद प्रशांत क्षेत्र की मौजूदा स्थिति, खास तौर पर चीन का आक्रामक रवैया काफी हद तक जिम्मेदार है. दोनों देश अमेरिका और जापान के साथ क्वाड संगठन के सदस्य हैं और साझा सैन्य अभ्यास भी करते हैं, जिस पर चीन की बौखलाहट अक्सर देखी जा सकती है.

दोनों देशों के बीच बढ़ते आपसी सहयोग की बात करें तो दोनों ही देश व्यापक आर्थिक सहयोग संधि के मसौदे पर काम कर रहे हैं और दोनों का प्रयास है कि दिसंबर तक इस संधि पर हस्ताक्षर हो जाएं. मुक्त व्यापार समझौते से जुड़ी वार्ता को जून 2023 से शुरू करने पर भी सहमति बनी है.

आपसी आर्थिक व्यापारिक सहयोग के अलावा दोनों के बीच सुरक्षा और सामरिक मुद्दों पर सहयोग बढ़ा है. शिक्षा, अक्षय ऊर्जा और खनन क्षेत्र में भी  सहयोग और बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है. दोनों नेताओं के बीच अक्षय ऊर्जा के साथ ही क्रिटिकल खनिज (नए तकनीक आधारित उद्योगों में प्रमुखता से इस्तेमाल होने वाले खनिज तत्व) के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने पर बात हुई है. 

इस क्रम में हाल ही में गठित भारत-ऑस्ट्रेलिया ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स पर अंतिम फैसला भी किया गया. दोनों नेताओं ने इंडिया ऑस्ट्रेलिया माइग्रेशन, मोबिलिटी पार्टनरशिप एग्रीमेंट का स्वागत किया है. यह भारत से प्रशिक्षित कामगारों को ऑस्ट्रेलिया में रोजगार के अवसर देने में मदद करेगा.

अल्बनीज ने ऑस्ट्रेलिया के विकास में भारतीय प्रोफेशनल्स  व छात्रों की भूमिका की तारीफ की. ऑस्ट्रेलिया जाने वाले भारतीय विशेषकर भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन और भारत के बेंगलुरु में भी पीएम मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान वाणिज्य दूतावास खोले जाने की घोषणा की गई. ऑस्ट्रेलिया में लगभग 70000 भारतीय छात्र अध्ययन कर रहे हैं.

ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी के शानदार स्वागत के साथ वहां बसे भारतीय मूल के अनेक वर्गों ने हाल के महीनों में वहां कुछ हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों और भारत विरोधी गतिविधियों और खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर अपनी चिंता जताई, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीज के समक्ष उठाया. मंदिरों पर हमले के बारे में मोदी ने कहा, ‘‘हम किसी भी बाहरी तत्व को भारत व ऑस्ट्रेलिया के दोस्ती भरे रिश्तों को हानि पहुंचाने की इजाजत नहीं देंगे. इस बारे में जो कदम अभी तक उठाए गए हैं मैंने उसको लेकर प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है. पीएम अल्बनीज ने मुझे आज फिर आश्वस्त किया है कि इन तत्वों के खिलाफ वह कठोर कदम उठाएंगे.’’  

अगर भारत-ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा संबंधों की व्याख्या करें तो पीएम अल्बनीज की इस टिप्पणी को समझना होगा, ‘‘मैं पिछले साल भारत में था, वो मेरे लिए नहीं भूल पाने वाले लम्हे हैं. गुजरात में होली मनाना, महात्मा गांधी को दिल्ली में श्रद्धांजलि देना, जहां भी मैं गया मैंने ऑस्ट्रेलिया और भारत के लोगों के बीच कनेक्शन महसूस किया.’’ पीएम मोदी ने भी कहा कि भारत ऑस्ट्रेलियाई रिश्तों को सिर्फ डिप्लोमेटिक संबंधों से नहीं समझा जा सकता बल्कि यह दोनों देशों की जनता के बीच दिलों से जुड़े संबंध हैं.

उम्मीद की जानी चाहिए कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आपसी समझबूझ और मजबूत होगी और आपसी सहयोग को नई गति मिलेगी.

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